नई दिल्ली : भारत एक बार फिर श्रीलंका की मदद के लिए आगे आया है. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने मार्च 2022 में आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए श्रीलंका को दिए 1 बिलियन अमेरीकी डॉलर की क्रेडिट सुविधा का कार्यकाल बढ़ा दिया है. जिसका मतलब है कि श्रीलंका को यह कर्ज की रकम भारत को लौटाने के लिए और समय मिल गया है. इससे संबंधित 'संशोधन समझौते' पर मंगलवार को हस्ताक्षर किया गया.
समझौते पर हस्ताक्षर समय ये अधिकारी रहे मौजूद
कोलंबो में भारतीय मिशन के अनुसार समझौते पर हस्ताक्षर करते समय वित्त राज्य मंत्री शेहान सेमासिंघे, श्रीलंका के वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और कोलंबो में स्थित भारतीय उच्चायोग के अधिकारीगण मौजूद रहे. वहीं, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के अधिकारी इस इवेंट में भारत से वर्चुअली जुड़ें. दरअसल श्रीलंका पिछले साल से ही गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. भारत पड़ोसी देश होने के नाते उसकी हर संभव मदद कर रहा है.
विदेश मंत्री ने नेबरहुड पॉलिसी का किया जिक्र
इस महीने की शुरुआत में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि 'International Monetary Fund (IMF) ने जितना श्रीलंका के लिए किया है, उससे कहीं ज्यादा भारत श्रीलंका की मदद कर रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार एक 'बेहतर पड़ोसी' बनने की राह पर काम कर रही है. जिसमें हिंद महासागर, खाड़ी देशों और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों में द्वीप शामिल हैं. उन्होंने आगे कहा कि सरकार 'संशोधन समझौते' पर विचार कर रही है, जिस पर हस्ताक्षर होते ही श्रीलंका को कर्ज चुकाने की समयावधि मार्च 2024 तक बढ़ जाएगी.
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2022 में 4 बिलियन डॉलर का लिया था कर्ज
श्रीलंका के सबसे गंभीर आर्थिक संकट के समय भारत सरकार ने 'नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी' का पालन करते हुए उसकी मदद की. भारत सरकार ने कई क्रेडिट लाइनों और मुद्रा समर्थन के माध्यम से पिछले साल श्रीलंका सरकार को लगभग 4 बिलियन अमेरीकी डॉलर की बहु-आयामी मदद दी थी. जिसका इस्तेमाल Sri Lanka Government ने आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं के अनुसार ईंधन, दवाओं, खाद्य पदार्थों और औद्योगिक कच्चे माल की तत्काल खरीद के लिए किया. यह ध्यान देने वाली बात है कि भारत ने हमेशा से जरुरत पड़ने पर श्रीलंका की मदद की है.