नई दिल्ली : चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में भारत का चालू खाता घाटा 2022-23 की सितंबर तिमाही में 30.9 अरब डॉलर से घटकर 18.2 अरब डॉलर हो गया. चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी भुगतान संतुलन डेटा के अनुसार, 2022-23 की तीसरी तिमाही में कम चालू खाता घाटा अंतर्निहित था. 2022-23 की दूसरी तिमाही में 78.3 बिलियन डॉलर से व्यापारिक व्यापार घाटा 72.7 बिलियन डॉलर तक कम हो गया था, साथ ही मजबूत सेवाओं और निजी ट्रांसफर प्राप्तियों के साथ.
2021-22 की इसी अवधि में 0.5 बिलियन डॉलर की अभिवृद्धि की तुलना में 2022-23 की अक्टूबर तिमाही में विदेशी मुद्रा भंडार (भुगतान संतुलन के आधार पर) में 11.1 बिलियन डॉलर की वृद्धि हुई थी. इस बीच शुद्ध विदेशी प्रत्यक्ष निवेश एक साल पहले के 4.6 अरब डॉलर से घटकर 2.1 अरब डॉलर रह गया. 2022-23 की तीसरी तिमाही के दौरान शुद्ध विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में 4.6 बिलियन डॉलर का प्रवाह दर्ज किया गया, जबकि 2021-22 की तीसरी तिमाही में 5.8 बिलियन डॉलर का बहिर्वाह हुआ था. 2022-23 की दिसंबर तिमाही में भारत के लिए शुद्ध बाह्य वाणिज्यिक उधारी में 2.6 बिलियन डॉलर का बहिर्वाह दर्ज किया गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 0.4 बिलियन डॉलर का बहिर्वाह हुआ था.
सॉफ्टवेयर, व्यापार और यात्रा सेवाओं के बढ़ते निर्यात के कारण सेवा निर्यात में साल-दर-साल आधार पर 24.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. निवल सेवा प्राप्तियों में क्रमिक रूप से और वर्ष-दर-वर्ष दोनों आधार पर वृद्धि हुई. प्राथमिक आय खाते से शुद्ध व्यय, मुख्य रूप से निवेश आय भुगतानों को दर्शाता है, जो एक साल पहले के 11.5 बिलियन डॉलर से बढ़कर 12.7 बिलियन डॉलर हो गया. निजी अंतरण रसीदों, जो मुख्य रूप से विदेशों में काम करने वाले भारतीयों ने भेजा, की राशि 30.8 बिलियन डॉलर थी, जो एक साल पहले के स्तर से 31.7 प्रतिशत की वृद्धि थी.
(आईएएनएस)
पढ़ें : SBI Research : वित्त वर्ष 2022-23 में राज्यों का जीएसटी संग्रह 25 फीसदी बढ़ने का अनुमान