वाशिंगटन : अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष विभाग के प्रमुख डेनियल लेघ ने मंगलवार को भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास दोहराया. उन्होंने कहा कि यह (भारत) 'बहुत मजबूत अर्थव्यवस्था' है. उन्होंने कहा कि भारत इस समय उच्च विकास दर के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था के सबसे ज्यादा चमक रहा है. लेह ने कहा कि यह जरूर है कि 2022 में भारत का विकास दर 6.8 रहा है. लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत अभी दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं के बीच सबसे अधिक संभावना वाली अर्थव्यवस्था है.
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उन्होंने कहा कि इसके बावजूद की हम भारत के विकास दर के अनुमान को 6.1 प्रतिशत से घटाकर 5.9 कर रहे हैं. लेकिन इसके कारण वैश्विक हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था बुनियादी रूप से मजबूत है और फिलहाल इसमें चिंता की कोई बात नजर नहीं आ रही है. लेह ने कहा कि विकास दर का अनुमान घटाना एक सामान्य प्रक्रिया है. जो वैश्विक घटनाओं पर भी निर्भर करता है. उन्होंने कहा कि हमें जो विश्व आर्थिक आउटलुक के आंकड़े मिले हैं उसके आधार पर हमने यह अनुमान घटाया है.
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उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 कोविड की महामारी के बावजूद भारत के लिए बहुत बेहतर रहा. और अब यह फिर से गति पकड़ रहा है. उन्होंने कहा कि चिंता की जो रेखाएं पिछले कुछ वर्षों में उभर रही थी अब वह धुंधली होती जा रही हैं. भारत में जीवन स्तर लगातार बेहतर होता जा रहा है. उन्होंने कहा कि भारत को बेरोजगारी पर नियंत्रण करते हुए रोजगार के मौके और बढ़ाने पर ध्यान देने होंगे. आईएमएफ प्रमुख ने कहा कि यदि भारत ऐसा कर लेता है तो बहुत संभव है कि अगले वित्त वर्ष में ग्रोथ रेट 6.3 तक पहुंच सकता है.
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बता दें कि आईएमएम का अनुमान आरबीआई के अनुमान से कम है. आरबीआई ने इस साल भारत के ग्रोथ का अनुमान 6.4 प्रतिशत है. बतातें चले कि अपने बयान में आईएमएफ प्रमुख ने कहा कि बढ़ती महंगाई और उसे नियंत्रित करने के ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बीच संतुलन स्थापित करना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती होगी. बैंक के कहा कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कारण बैंक ऋण में कटौती होगी. इस कटौती के कारण 2023 में वैश्विक उत्पादन में 0.3 प्रतिशत की कमी आ जायेगी.