नई दिल्ली : हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड का उसकी सब्सडियरी और निजी क्षेत्र के सबसे बड़े कर्जदाता एचडीएफसी बैंक में एक जुलाई से विलय का रास्ता शुक्रवार को दोनों कंपनियों के निदेशक मंडलों की स्वीकृति मिलने के साथ साफ हो गया. शेयर बाजारों को देर शाम दी गई सूचना में कहा गया कि दोनों कंपनियों के निदेशक मंडलों की अलग-अलग हुई बैठक में विलय प्रस्ताव को अंतिम स्वीकृति दी गई. एचडीएफसी बैंक ने यह जानकारी देते हुए कहा, 'विलय की यह योजना एक जुलाई से प्रभावी हो जाएगी.'
विलय के बाद कंपनी 40 अरब डॉलर की
इसके तहत एचडीएफसी लिमिटेड का एचडीएफसी बैंक में विलय हो जाएगा और एक स्वतंत्र इकाई के तौर पर एचडीएफसी लिमिटेड का अस्तित्व खत्म हो जाएगा. यह विलय देश के कंपनी जगत का सबसे बड़ा सौदा है. इसका आकार 40 अरब डॉलर का है. एचडीएफसी बैंक ने चार अप्रैल, 2022 को देश की सबसे बड़ी आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी का खुद में विलय करने पर सहमति जतायी थी. इस विलय के बाद देश की एक बड़ी वित्तीय सेवा कंपनी सृजित होगी, जिसकी कुल परिसंपत्ति 18 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक होगी.
शेयरधारको को मिलेंगे 25 के बदले 42 शेयर
नवगठित कंपनी का BSE के सूचकांक में भारांश रिलायंस इंडस्ट्रीज से भी अधिक हो जाएगा. फिलहाल रिलायंस का भारांश 10.4 प्रतिशत है लेकिन विलय के बाद एचडीएफसी बैंक का भारांश 14 प्रतिशत के करीब हो जाएगा. इस सौदे के तहत एचडीएफसी के प्रत्येक शेयरधारक को 25 शेयरों के बदले एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर मिलेंगे.
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(पीटीआई-भाषा)