नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी को भरोसा है कि भारत पूर्व अनुमानित वर्ष 2028 से पहले ही 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है. विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक 2024 के दौरान सीआईआई-ईवाई सत्र में पुरी ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हमें 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए 2028 तक इंतजार करने की जरूरत है, यह 2028 से काफी पहले हो जाना चाहिए. उन्होंने भारत की बड़ी आबादी और बढ़ती अर्थव्यवस्था को देखते हुए भारत के लिए एक सुनियोजित ऊर्जा परिवर्तन के महत्व पर भी चर्चा की.
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India's growth narrative unfolds boldly at a rate of 7.2%+, outpacing global trends.
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) January 16, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
The robust demand growth & the transition to biofuels reflects PM Sh @narendramodi Ji's pragmatic & visionary leadership.
With 12% blending done & a push for 20%, we are not just growing… pic.twitter.com/f6EqCzPHmV
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पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के साथ-साथ आवास और शहरी मामलों के मंत्री पुरी ने कहा कि भारत स्थिरता लक्ष्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं से अवगत है और बढ़ती अर्थव्यवस्था की आवश्यकताओं को पूरा करते हुए सभी लक्ष्यों को समय पर पूरा करेगा. उन्होंने कहा कि मैं यह भी सोचता हूं कि परिवर्तन व्यवस्थित होना चाहिए क्योंकि प्रकृति में परिवर्तन के लिए एक स्पष्ट रोडमैप होना चाहिए और इसमें सभी सुरक्षा उपाय होने चाहिए जो यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी निर्णय बिना सोचे-समझे नहीं लिया जाए. पुरी ने कहा कि यह भारत जैसे देश के लिए और भी महत्वपूर्ण है, जो अब दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश भी है.
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A Must listen commentary on Energy security by #HSPinDavos https://t.co/nWvCp3EOMN
— Rishi Bagree (@rishibagree) January 16, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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पुरी ने आश्वासन दिया कि भारत बढ़ती अर्थव्यवस्था की आवश्यकताओं को पूरा करते हुए समय पर अपने स्थिरता उद्देश्यों को प्राप्त करेगा. उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि ऊर्जा परिवर्तन पर 2030 के लिए हमारे पास जो भी लक्ष्य हैं, हम उन्हें पूरा करेंगे. हमारी हरित हाइड्रोजन नीति बड़े पैमाने पर सफल होगी. पुरी ने सतत विकास के प्रति देश की प्रतिबद्धता के संकेत के रूप में विमानन ईंधन लक्ष्यों को पूरा करने, जैव ईंधन सम्मिश्रण क्षमता और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन की स्थापना में भारत की प्रगति पर भी प्रकाश डाला.
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