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चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में प्रत्यक्ष कर संग्रह 24 प्रतिशत की वृद्धि - corporate and personal income tax

कॉरपोरेट आय पर कुल संग्रह एक अप्रैल से आठ अक्टूबर के बीच 16.74 प्रतिशत बढ़ा है. वहीं, व्यक्तिगत आयकर संग्रह में 32.30 प्रतिशत का उछाल आया है.

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Published : Oct 9, 2022, 12:28 PM IST

Updated : Oct 9, 2022, 7:43 PM IST

नई दिल्ली : कॉरपोरेट और व्यक्तिगत आय (corporate and personal income tax) पर कुल कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अब तक करीब 24 प्रतिशत बढ़कर 8.98 लाख करोड़ रुपये रहा है. कर विभाग ने रविवार को एक बयान में कहा कि एक अप्रैल से आठ अक्टूबर के दौरान कॉरपोरेट आय पर कर संग्रह में 16.74 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, वहीं व्यक्तिगत आयकर संग्रह में 32.30 प्रतिशत का उछाल आया है. प्रत्यक्ष कर में कॉरपोरेट और व्यक्तिगत आयकर दोनों शामिल होते हैं. आंकड़ों के अनुसार, रिफंड को समायोजित करने के बाद शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 7.45 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो एक साल पहले की इसी अवधि के शुद्ध संग्रह से 16.3 प्रतिशत अधिक है. यह संग्रह वित्त वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान का 52.46 प्रतिशत बैठता है. इस वित्त वर्ष के बजट में प्रत्यक्ष कर संग्रह 14.20 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है. यह 2021-22 के 14.10 लाख करोड़ रुपये के संग्रह से अधिक है.

कर विभाग के अनुसार, एक अप्रैल से आठ अक्टूबर, 2022 के दौरान प्रत्यक्ष कर का कुल संग्रह 8.98 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो इससे पिछले साल की समान अवधि के संग्रह से 23.8 प्रतिशत अधिक है. कर संग्रह को किसी भी देश में आर्थिक गतिविधियों का संकेतक माना जाता है. लेकिन भारत में औद्योगिक उत्पादन और निर्यात में सुस्ती के बावजूद कर संग्रह का आंकड़ा मजबूत रहा है. हालांकि कुछ विश्लेषकों का मानना ​​है कि आर्थिक वृद्धि ने अपनी रफ्तार गंवा दी है लेकिन कंपनियों के मुनाफे की वजह से अर्थव्यवस्था का ‘इंजन’ दौड़ रहा है.

भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले महीने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि के अपने अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत कर दिया है. अन्य रेटिंग एजेंसियों ने भी भू-राजनीतिक दबाव और सख्त होती वैश्विक वित्तीय स्थिति को देखते हुए वृद्धि दर के अनुमान में कमी की है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि कुल राजस्व संग्रह की बात की जाए, तो अभी तक कॉरपोरेट आयकर (सीआईटी) और व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी और प्रतिभूति लेनदेन कर यानी एसटीटी सहित) की वृद्धि क्रमश: 16.73 प्रतिशत और 32.30 पर रही है. रिफंड के समायोजन के बाद सीआईटी संग्रह में शुद्ध वृद्धि 16.29 प्रतिशत बैठती है. वहीं व्यक्तिगत आयकर संग्रह में वृद्धि एसटीटी के साथ 16.25 प्रतिशत बैठती है.

सीबीडीटी ने कहा कि एक अप्रैल, 2022 से आठ अक्टूबर, 2022 की अवधि के दौरान कुल 1.53 लाख करोड़ रुपये का कर रिफंड जारी किया गया है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान जारी किए गए रिफंड से 81 प्रतिशत अधिक है. वस्तुओं के निर्यात में पिछले साल दर्ज हुई तेजी इस साल सितंबर में थमी है. सितंबर में वस्तुओं के निर्यात में 3.5 प्रतिशत की गिरावट आई है. चालू वित्त वर्ष के पहले छह माह में व्यापार घाटा करीब दोगुना हो गया है. जुलाई में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की वृद्धि सुस्त पड़कर 2.4 प्रतिशत रही है. वहीं अगस्त में बुनियादी उद्योग की वृद्धि नौ माह के निचले स्तर 3.3 प्रतिशत पर आ गई है. माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह करीब 1.45 से 1.46 लाख करोड़ रुपये मासिक पर स्थिर है. डेलॉयट इंडिया के भागीदार रोहिंटन सिधवा ने कहा कि मुद्रास्फीति छह से सात प्रतिशत के बीच है. ऐसे में कर संग्रह ऊंचा ही रहेगा.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : कॉरपोरेट और व्यक्तिगत आय (corporate and personal income tax) पर कुल कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अब तक करीब 24 प्रतिशत बढ़कर 8.98 लाख करोड़ रुपये रहा है. कर विभाग ने रविवार को एक बयान में कहा कि एक अप्रैल से आठ अक्टूबर के दौरान कॉरपोरेट आय पर कर संग्रह में 16.74 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, वहीं व्यक्तिगत आयकर संग्रह में 32.30 प्रतिशत का उछाल आया है. प्रत्यक्ष कर में कॉरपोरेट और व्यक्तिगत आयकर दोनों शामिल होते हैं. आंकड़ों के अनुसार, रिफंड को समायोजित करने के बाद शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 7.45 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो एक साल पहले की इसी अवधि के शुद्ध संग्रह से 16.3 प्रतिशत अधिक है. यह संग्रह वित्त वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान का 52.46 प्रतिशत बैठता है. इस वित्त वर्ष के बजट में प्रत्यक्ष कर संग्रह 14.20 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है. यह 2021-22 के 14.10 लाख करोड़ रुपये के संग्रह से अधिक है.

कर विभाग के अनुसार, एक अप्रैल से आठ अक्टूबर, 2022 के दौरान प्रत्यक्ष कर का कुल संग्रह 8.98 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो इससे पिछले साल की समान अवधि के संग्रह से 23.8 प्रतिशत अधिक है. कर संग्रह को किसी भी देश में आर्थिक गतिविधियों का संकेतक माना जाता है. लेकिन भारत में औद्योगिक उत्पादन और निर्यात में सुस्ती के बावजूद कर संग्रह का आंकड़ा मजबूत रहा है. हालांकि कुछ विश्लेषकों का मानना ​​है कि आर्थिक वृद्धि ने अपनी रफ्तार गंवा दी है लेकिन कंपनियों के मुनाफे की वजह से अर्थव्यवस्था का ‘इंजन’ दौड़ रहा है.

भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले महीने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि के अपने अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत कर दिया है. अन्य रेटिंग एजेंसियों ने भी भू-राजनीतिक दबाव और सख्त होती वैश्विक वित्तीय स्थिति को देखते हुए वृद्धि दर के अनुमान में कमी की है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि कुल राजस्व संग्रह की बात की जाए, तो अभी तक कॉरपोरेट आयकर (सीआईटी) और व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी और प्रतिभूति लेनदेन कर यानी एसटीटी सहित) की वृद्धि क्रमश: 16.73 प्रतिशत और 32.30 पर रही है. रिफंड के समायोजन के बाद सीआईटी संग्रह में शुद्ध वृद्धि 16.29 प्रतिशत बैठती है. वहीं व्यक्तिगत आयकर संग्रह में वृद्धि एसटीटी के साथ 16.25 प्रतिशत बैठती है.

सीबीडीटी ने कहा कि एक अप्रैल, 2022 से आठ अक्टूबर, 2022 की अवधि के दौरान कुल 1.53 लाख करोड़ रुपये का कर रिफंड जारी किया गया है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान जारी किए गए रिफंड से 81 प्रतिशत अधिक है. वस्तुओं के निर्यात में पिछले साल दर्ज हुई तेजी इस साल सितंबर में थमी है. सितंबर में वस्तुओं के निर्यात में 3.5 प्रतिशत की गिरावट आई है. चालू वित्त वर्ष के पहले छह माह में व्यापार घाटा करीब दोगुना हो गया है. जुलाई में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की वृद्धि सुस्त पड़कर 2.4 प्रतिशत रही है. वहीं अगस्त में बुनियादी उद्योग की वृद्धि नौ माह के निचले स्तर 3.3 प्रतिशत पर आ गई है. माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह करीब 1.45 से 1.46 लाख करोड़ रुपये मासिक पर स्थिर है. डेलॉयट इंडिया के भागीदार रोहिंटन सिधवा ने कहा कि मुद्रास्फीति छह से सात प्रतिशत के बीच है. ऐसे में कर संग्रह ऊंचा ही रहेगा.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Oct 9, 2022, 7:43 PM IST
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