ETV Bharat / business

पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि उम्मीद से कम, चिंता का कारण : सुब्बाराव - Reserve Bank of India

आरबीआई के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने कहा कि अर्थव्यवस्था ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 13.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो किसी अन्य परिस्थिति में बहुत खुशी की बात होती. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में यह निराशा और चिंता का कारण बन गया है.

सुब्बाराव
सुब्बाराव
author img

By

Published : Sep 4, 2022, 3:33 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने रविवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में वृद्धि दर उम्मीद से कम रही है, जो निराशा और चिंता का कारण है. चालू वित्त वर्ष 2022-23 की अप्रैल-जून तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 13.5 प्रतिशत रही है. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी की वजह से बुरी तरह प्रभावित रही थी.

सुब्बाराव ने कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में उन्हें वृद्धि दर के 13.5 प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान था. उन्होंने बातचीत के दौरान कहा कि अर्थव्यवस्था ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 13.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो किसी अन्य परिस्थिति में बहुत खुशी की बात होती. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में यह निराशा और चिंता का कारण बन गया है. उन्होंने कहा कि इस तिमाही में बड़ी छलांग की उम्मीद थी.

सुब्बाराव ने कहा कि पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की यह वृद्धि दर चिंता का कारण बन गई है क्योंकि प्रमुख संकेतकों के विपरीत, वास्तविक वृद्धि दर कम रही है. इससे आगे की तिमाहियों में वृद्धि दर में और गिरावट की आशंका भी पैदा होती है. आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने कहा कि यह निराशाजनक है क्योंकि पिछले साल की पहली तिमाही के महामारी के डेल्टा लहर के कारण बुरी तरह प्रभावित रहने से इस साल की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था के जोरदार वापसी की उम्मीद थी.

उन्होंने कहा कि अल्पावधि में देश में वृद्धि पूर्वानुमान उच्च जिंस कीमतों, वैश्विक मंदी की आशंका, आरबीआई द्वारा मौद्रिक सख्ती और एक असमान मानसून से प्रभावित हो सकते हैं. असमान मानसून से फसल उत्पादन, विशेष रूप से चावल का उत्पादन प्रभावित हो सकता है. आरबीआई ने अप्रैल-जून 2022 तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 16.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया हुआ था. वहीं, समूचे वित्त वर्ष के लिए उसने 7.2 फीसदी की वृद्धि का अनुमान जताया है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने रविवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में वृद्धि दर उम्मीद से कम रही है, जो निराशा और चिंता का कारण है. चालू वित्त वर्ष 2022-23 की अप्रैल-जून तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 13.5 प्रतिशत रही है. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी की वजह से बुरी तरह प्रभावित रही थी.

सुब्बाराव ने कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में उन्हें वृद्धि दर के 13.5 प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान था. उन्होंने बातचीत के दौरान कहा कि अर्थव्यवस्था ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 13.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो किसी अन्य परिस्थिति में बहुत खुशी की बात होती. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में यह निराशा और चिंता का कारण बन गया है. उन्होंने कहा कि इस तिमाही में बड़ी छलांग की उम्मीद थी.

सुब्बाराव ने कहा कि पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की यह वृद्धि दर चिंता का कारण बन गई है क्योंकि प्रमुख संकेतकों के विपरीत, वास्तविक वृद्धि दर कम रही है. इससे आगे की तिमाहियों में वृद्धि दर में और गिरावट की आशंका भी पैदा होती है. आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने कहा कि यह निराशाजनक है क्योंकि पिछले साल की पहली तिमाही के महामारी के डेल्टा लहर के कारण बुरी तरह प्रभावित रहने से इस साल की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था के जोरदार वापसी की उम्मीद थी.

उन्होंने कहा कि अल्पावधि में देश में वृद्धि पूर्वानुमान उच्च जिंस कीमतों, वैश्विक मंदी की आशंका, आरबीआई द्वारा मौद्रिक सख्ती और एक असमान मानसून से प्रभावित हो सकते हैं. असमान मानसून से फसल उत्पादन, विशेष रूप से चावल का उत्पादन प्रभावित हो सकता है. आरबीआई ने अप्रैल-जून 2022 तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 16.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया हुआ था. वहीं, समूचे वित्त वर्ष के लिए उसने 7.2 फीसदी की वृद्धि का अनुमान जताया है.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.