नई दिल्ली : भारतीय शेयर बाजारों में पिछले तीन माह में जोरदार निवेश करने के बाद अब विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के प्रवाह में सुस्ती आई है. कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और मुद्रास्फीति का जोखिम फिर उभरने के बीच अगस्त में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों में 12,262 करोड़ रुपये डाले हैं.
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने अगस्त में भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 12,262 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इस आंकड़े में प्राथमिक बाजार और थोक सौदों के माध्यम से किया गया निवेश शामिल है. यह भारतीय शेयरों में निवेश का FPI का पिछले चार माह का सबसे निचला आंकड़ा है. इससे पिछले तीन महीनों में एफपीआई ने शेयरों में लगातार 40,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया था.
जुलाई में एफपीआई का निवेश 46,618 करोड़ रुपये, जून में 47,148 करोड़ रुपये और मई में 43,838 करोड़ रुपये रहा था. इससे पहले अप्रैल में उनका निवेश 11,631 करोड़ रुपये और मार्च में 7,935 करोड़ रुपये था.
मॉर्निंगस्टोर इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा-
‘एफपीआई पूरी तरह ‘यू-टर्न’ लेने के बजाय ‘देखो और इंतजार करो’ की नीति अपना रहे हैं. वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता बनी हुई है और अंतर्निहित परिदृश्य तेजी से बदल रहा है. इससे FPI के प्रवाह में उतार-चढ़ाव रहेगा.’
श्रीवास्तव ने अगस्त में एफपीआई निवेश में आई गिरावट के लिए कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और मुद्रास्फीति के जोखिमों के फिर उभरने को प्रमुख कारक बताया. उन्होंने कहा कि इसके अलावा अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल बढ़ने की वजह से भी एफपीआई जोखिम वाले बाजारों से अपना निवेश निकाल रहे हैं. श्रीवास्तव ने आगे कहा कि भारतीय शेयर बाजारों में लगातार तेजी की वजह से शेयरों का मूल्यांकन कुछ निवेशकों के संतोषजनक स्तर से ऊपर हो गया है.
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा-
‘डॉलर में मजबूती और बढ़ते बॉन्ड प्रतिफल की वजह से अगस्त में एफपीआई ज्यादातर उभरते बाजारों में बिकवाल रहे हैं.’
एफपीआई ने शेयरों के अलावा पिछले महीने ऋण या बॉन्ड बाजार में भी 7,732 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इसके साथ ही इस साल अब तक शेयरों में एफपीआई का कुल निवेश 1.35 लाख करोड़ रुपये और बॉन्ड बाजार में 28,200 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.
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(पीटीआई- भाषा)