ETV Bharat / business

Independent India Billionaire: अंबानी, अडाणी या टाटा नहीं, ये थे आजाद भारत के पहले अरबपति जिनके पास खुद की थी एयरलाइन - मीर उस्मान अली खान

आज के समय में भारत के सबसे अमीर इंसान मुकेश अंबानी, गौतम अडाणी और रतन टाटा जैसे बिजनेसमैन हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्वतंत्र भारत के सबसे अमीर शख्स कौन थे, जिनके पास अपनी प्राइवेट एयरलाइन थी, वो जैकब हीरे को पेपरवैट की तरह इस्तेमाल करते थे. अगर नहीं जानते तो कोई बात नहीं, आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में...

Mir Osman Ali Khan
मीर उस्मान अली खान
author img

By

Published : Jun 13, 2023, 3:19 PM IST

Updated : Jun 13, 2023, 4:37 PM IST

नई दिल्ली : जब भी हम भारत के अमीर लोगों की बात करते हैं, हमारे मन में मुकेश अंबानी, रतन टाटा, गौतम अडाणी, शिव नाडर और लक्ष्मी मित्तल जैसे नाम याद आते हैं. हालांकि ये सारे बिजनेसमैन भारत की आजादी के काफी लंबे समय बाद अपनी अमीरी के लिए फेमस हुए. लेकिन क्या आप स्वतंत्र भारत के पहले अरबपति को जानते हैं. अगर नहीं तो कोई बात नहीं, आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में...

आजाद भारत के पहले अरबपति
ब्रिटिश शासन में भारत की सबसे बड़ी रियासत हैदराबाद के सातवें निजाम के सर स्वतंत्र भारत के पहले अरबपति होने का ताज सजा है. मीर उस्मान अली खान का जन्म अप्रैल 1886 में हुआ था. वह हैदराबाद रियासत के सातवें निजाम थे. उन्होंने 1911 से 1948 में भारत द्वारा कब्जा किए जाने तक राज्य पर शासन किया. Mir Osman Ali Khan एक ब्रिटिश वफादार थे और विभाजन के समय, वह या तो पाकिस्तान में शामिल होना चाहते थे या एक स्वतंत्र राज्य के रुप में शासन करना चाहते थे.

भारत का पहला हवाई अड्डा बनवाया था निजाम ने
उस युग के दौरान, उन्हें व्यापक रूप से दुनिया के सबसे धनी लोगों में से एक माना जाता था. 1940 के दशक की शुरुआत में उनकी संपत्ति लगभग 2 बिलियन डॉलर आंकी गई थी, जो 2023 में लगभग 35.8 बिलियन डॉलर हो गई. आधुनिक हैदराबाद के वास्तुकार के रूप में माने जाने वाले निजाम ने भारत का पहला हवाई अड्डा और एयरलाइन बनवाया था. उनके कार्यकाल के दौरान, हैदराबाद के सड़कों और रेलवे का विकास किया गया और सड़कों के किनारे बिजली पेश की गई. निजाम को हैदराबाद उच्च न्यायालय और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद सहित कई सार्वजनिक संस्थानों की स्थापना का श्रेय भी दिया जाता है.

मीर उस्मान अली खान के बारे में जानने के लिए देखें वीडियो

185 कैरेट के हीरे को पेपरवेट की तरह करते थे इस्तेमाल
मीर उस्मान अली खान की फोटो 1937 में टाइम मैगजीन के कवर पर भी आई थी. रिपोर्ट्स की मानें तो निजाम इतने अमीर थे कि वह 185 कैरेट के हीरे, जैकब डायमंड को पेपरवेट की तरह इस्तेमाल करते थे. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के विवाह के अवसर पर, निजाम ने उन्हें हीरे का हार और ब्रोच गिफ्ट में दिया था, जिसे रानी ने अपनी मृत्यु के समय तक पहने रखा.

निजाम वंश का अंत
हैदराबाद रियासत के सातवें निजाम मीर उस्समान अली खान ने 1954 में नवाब मीर बरकत अली खान वालाशन मुकर्रम जाह बहादुर को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था. इस तरह वो निजाम वंश के आठवें और अंतिम नवाब बनें. लेकिन इसी साल तुर्की में जनवरी माह (18, जनवरी 2023) में नवाब मुकर्रम जाह बहादुर की मौत के साथ ही नवाब वंश का अंत हो गया.

ये भी पढ़ें-

नई दिल्ली : जब भी हम भारत के अमीर लोगों की बात करते हैं, हमारे मन में मुकेश अंबानी, रतन टाटा, गौतम अडाणी, शिव नाडर और लक्ष्मी मित्तल जैसे नाम याद आते हैं. हालांकि ये सारे बिजनेसमैन भारत की आजादी के काफी लंबे समय बाद अपनी अमीरी के लिए फेमस हुए. लेकिन क्या आप स्वतंत्र भारत के पहले अरबपति को जानते हैं. अगर नहीं तो कोई बात नहीं, आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में...

आजाद भारत के पहले अरबपति
ब्रिटिश शासन में भारत की सबसे बड़ी रियासत हैदराबाद के सातवें निजाम के सर स्वतंत्र भारत के पहले अरबपति होने का ताज सजा है. मीर उस्मान अली खान का जन्म अप्रैल 1886 में हुआ था. वह हैदराबाद रियासत के सातवें निजाम थे. उन्होंने 1911 से 1948 में भारत द्वारा कब्जा किए जाने तक राज्य पर शासन किया. Mir Osman Ali Khan एक ब्रिटिश वफादार थे और विभाजन के समय, वह या तो पाकिस्तान में शामिल होना चाहते थे या एक स्वतंत्र राज्य के रुप में शासन करना चाहते थे.

भारत का पहला हवाई अड्डा बनवाया था निजाम ने
उस युग के दौरान, उन्हें व्यापक रूप से दुनिया के सबसे धनी लोगों में से एक माना जाता था. 1940 के दशक की शुरुआत में उनकी संपत्ति लगभग 2 बिलियन डॉलर आंकी गई थी, जो 2023 में लगभग 35.8 बिलियन डॉलर हो गई. आधुनिक हैदराबाद के वास्तुकार के रूप में माने जाने वाले निजाम ने भारत का पहला हवाई अड्डा और एयरलाइन बनवाया था. उनके कार्यकाल के दौरान, हैदराबाद के सड़कों और रेलवे का विकास किया गया और सड़कों के किनारे बिजली पेश की गई. निजाम को हैदराबाद उच्च न्यायालय और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद सहित कई सार्वजनिक संस्थानों की स्थापना का श्रेय भी दिया जाता है.

मीर उस्मान अली खान के बारे में जानने के लिए देखें वीडियो

185 कैरेट के हीरे को पेपरवेट की तरह करते थे इस्तेमाल
मीर उस्मान अली खान की फोटो 1937 में टाइम मैगजीन के कवर पर भी आई थी. रिपोर्ट्स की मानें तो निजाम इतने अमीर थे कि वह 185 कैरेट के हीरे, जैकब डायमंड को पेपरवेट की तरह इस्तेमाल करते थे. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के विवाह के अवसर पर, निजाम ने उन्हें हीरे का हार और ब्रोच गिफ्ट में दिया था, जिसे रानी ने अपनी मृत्यु के समय तक पहने रखा.

निजाम वंश का अंत
हैदराबाद रियासत के सातवें निजाम मीर उस्समान अली खान ने 1954 में नवाब मीर बरकत अली खान वालाशन मुकर्रम जाह बहादुर को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था. इस तरह वो निजाम वंश के आठवें और अंतिम नवाब बनें. लेकिन इसी साल तुर्की में जनवरी माह (18, जनवरी 2023) में नवाब मुकर्रम जाह बहादुर की मौत के साथ ही नवाब वंश का अंत हो गया.

ये भी पढ़ें-

Last Updated : Jun 13, 2023, 4:37 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.