ETV Bharat / business

Ashneer Grover family : अश्नीर व परिवार के सदस्यों के धन जुटाने के संदिग्ध तरीकों का पता चला - Ashneer Grover former managing director Bharatpay

EOW की जांच में Ashneer Grover और उनका परिवार कथित तौर पर संदिग्ध गतिविधियों में शामिल हैं. मई 2023 में EOW ने Bharatpay के पूर्व प्रबंध निदेशक Ashneer Grover के खिलाफ 81 करोड़ रुपये की जालसाजी के आरोप में FIR दर्ज की थी.

EOW investigation reveals questionable practices by BharatPe Cofounder Ashneer Grover and his family members to channel funds
अश्नीर ग्रोवर
author img

By IANS

Published : Nov 15, 2023, 11:03 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की हालिया जांच में भारतपे के संचालन में कथित वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है. सह-संस्थापक अश्नीर ग्रोवर और उनके परिवार के सदस्य कथित तौर पर संदिग्ध गतिविधियों में शामिल हैं, जिसमें चैनल फंड के लिए पिछली तारीख के चालान का उपयोग भी शामिल है. रिपोर्ट के अनुसार, ग्रोवर के परिवार से जुड़ी आठ एचआर परामर्श फर्मों, जैसे ट्रू वर्क कंपनी, टीम सोर्स और इंपल्स मार्केटिंग ने बंद बैंक खातों के साथ बिल दाखिल किए, जो चालान के संभावित जालसाजी का संकेत देते हैं.

EOW investigation reveals questionable practices by BharatPe Cofounder Ashneer Grover and his family members to channel funds
अश्नीर ग्रोवर

जांच से पता चलता है कि इन अलग-अलग संस्थाओं ने एक ही पंजीकृत पता साझा किया, जिससे उनकी वैधता और स्वतंत्रता के बारे में चिंताएं पैदा हो रही हैं, जो संभवत हितों के टकराव का संकेत दे रहीं. रिपोर्ट के अनुसार, "पिछली तारीख के चालान का उपयोग न केवल वित्तीय अनियमितता के मुद्दों को उठाता है बल्कि Bharatpay के वित्तीय संचालन की पारदर्शिता और जवाबदेही पर भी सवाल उठाता है."

इसके अतिरिक्त, वेंडर पेमेंट का पता लगाने में EOW की कठिनाई जटिलता की एक परत जोड़ती है, जिससे Bharatpay को अपने व्यावसायिक लेनदेन में उचित परिश्रम की जांच करने में मदद मिलती है. इस साल मई में EOW ने Bharatpay के पूर्व प्रबंध निदेशक Ashneer Grover के खिलाफ 81 करोड़ रुपये की जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी. भारतपे कंपनी द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर दर्ज की गई एफआईआर में उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर, दीपक गुप्ता, सुरेश जैन और श्वेतांक जैन सहित परिवार के सदस्यों का नाम भी शामिल है.

एफआईआर बुधवार को ईओडब्ल्यू पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 408, 409, 420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत दर्ज की गई थी. जांच से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले की विस्तृत जानकारी लेने से बचते हुए जांच की जा रही है. Bharatpay ने एक बयान में कहा था, ''हम ग्रोवर, उनकी पत्नी माधुरी जैन और परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा आपराधिक अपराधों के संबंध में कंपनी की शिकायत में ईओडब्ल्यू द्वारा एफआईआर दर्ज करने का स्वागत करते हैं. पिछले 15 महीनों से Ashneer Grover द्वारा कंपनी, बोर्ड और उसके कर्मचारियों के खिलाफ चलाए गए एक शातिर और दुर्भावनापूर्ण अभियान का सामना कर रही है.''

एफआईआर दर्ज करना सही दिशा में एक कदम है जो परिवार द्वारा अपने व्यक्तिगत आर्थिक लाभ के लिए किए गए विभिन्न संदिग्ध लेनदेन का खुलासा करता है. यह एफआईआर अब कानून प्रवर्तन एजेंसियों को आपराधिकता की गहराई से जांच करने और दोषियों को सजा दिलाने में सक्षम बनाएगी.' आगे कहा, ''हमें अपने देश की न्यायिक और कानून प्रवर्तन सिस्टम पर पूरा भरोसा है और आशावादी हैं कि यह मामला अपने तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचेगा. हम अधिकारियों को हरसंभव सहयोग देना जारी रखेंगे. एमजेडएम लीगल हमें (भारतपे) आपराधिक मामले पर सलाह दे रहा है.''

ये भी पढ़ें-

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की हालिया जांच में भारतपे के संचालन में कथित वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है. सह-संस्थापक अश्नीर ग्रोवर और उनके परिवार के सदस्य कथित तौर पर संदिग्ध गतिविधियों में शामिल हैं, जिसमें चैनल फंड के लिए पिछली तारीख के चालान का उपयोग भी शामिल है. रिपोर्ट के अनुसार, ग्रोवर के परिवार से जुड़ी आठ एचआर परामर्श फर्मों, जैसे ट्रू वर्क कंपनी, टीम सोर्स और इंपल्स मार्केटिंग ने बंद बैंक खातों के साथ बिल दाखिल किए, जो चालान के संभावित जालसाजी का संकेत देते हैं.

EOW investigation reveals questionable practices by BharatPe Cofounder Ashneer Grover and his family members to channel funds
अश्नीर ग्रोवर

जांच से पता चलता है कि इन अलग-अलग संस्थाओं ने एक ही पंजीकृत पता साझा किया, जिससे उनकी वैधता और स्वतंत्रता के बारे में चिंताएं पैदा हो रही हैं, जो संभवत हितों के टकराव का संकेत दे रहीं. रिपोर्ट के अनुसार, "पिछली तारीख के चालान का उपयोग न केवल वित्तीय अनियमितता के मुद्दों को उठाता है बल्कि Bharatpay के वित्तीय संचालन की पारदर्शिता और जवाबदेही पर भी सवाल उठाता है."

इसके अतिरिक्त, वेंडर पेमेंट का पता लगाने में EOW की कठिनाई जटिलता की एक परत जोड़ती है, जिससे Bharatpay को अपने व्यावसायिक लेनदेन में उचित परिश्रम की जांच करने में मदद मिलती है. इस साल मई में EOW ने Bharatpay के पूर्व प्रबंध निदेशक Ashneer Grover के खिलाफ 81 करोड़ रुपये की जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी. भारतपे कंपनी द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर दर्ज की गई एफआईआर में उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर, दीपक गुप्ता, सुरेश जैन और श्वेतांक जैन सहित परिवार के सदस्यों का नाम भी शामिल है.

एफआईआर बुधवार को ईओडब्ल्यू पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 408, 409, 420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत दर्ज की गई थी. जांच से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले की विस्तृत जानकारी लेने से बचते हुए जांच की जा रही है. Bharatpay ने एक बयान में कहा था, ''हम ग्रोवर, उनकी पत्नी माधुरी जैन और परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा आपराधिक अपराधों के संबंध में कंपनी की शिकायत में ईओडब्ल्यू द्वारा एफआईआर दर्ज करने का स्वागत करते हैं. पिछले 15 महीनों से Ashneer Grover द्वारा कंपनी, बोर्ड और उसके कर्मचारियों के खिलाफ चलाए गए एक शातिर और दुर्भावनापूर्ण अभियान का सामना कर रही है.''

एफआईआर दर्ज करना सही दिशा में एक कदम है जो परिवार द्वारा अपने व्यक्तिगत आर्थिक लाभ के लिए किए गए विभिन्न संदिग्ध लेनदेन का खुलासा करता है. यह एफआईआर अब कानून प्रवर्तन एजेंसियों को आपराधिकता की गहराई से जांच करने और दोषियों को सजा दिलाने में सक्षम बनाएगी.' आगे कहा, ''हमें अपने देश की न्यायिक और कानून प्रवर्तन सिस्टम पर पूरा भरोसा है और आशावादी हैं कि यह मामला अपने तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचेगा. हम अधिकारियों को हरसंभव सहयोग देना जारी रखेंगे. एमजेडएम लीगल हमें (भारतपे) आपराधिक मामले पर सलाह दे रहा है.''

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.