नई दिल्ली : भारत के सामने इलेक्ट्रॉनिक वाहनों (ईवी) के सपने को साकार करने के लिए, प्रमुख मेट्रो शहरों में पब्लिक स्टेशन और कम्युनिटी चार्जिंग स्टेशन का एक विशाल नेटवर्क बनाना कठिन काम है और इस समय देश में एक बड़ा अंतर है, क्योंकि विशेष रूप से टू-व्हीलर सेगमेंट में ईवी अपनाने में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. ऊर्जा मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार, ईवी चार्जिं इंफ्रास्ट्रक्चर को पांच व्यापक क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है.
ये इलेक्ट्रिक वाहन आपूर्ति उपकरण (ईवीएसई), सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (जनता के लिए), बैटरी चार्जिग स्टेशन (जहां ईवीएस के लिए डिस्चार्ज या आंशिक रूप से डिस्चार्ज की गई बैटरी को रिचार्ज किया जाता है), कैप्टिव चार्जिंग स्टेशन (चार्जिंग स्टेशन के स्वामित्व वाले या उनके नियंत्रण में विशेष स्टेशन) और बैटरी स्वैपिंग स्टेशन (जहां कोई भी इलेक्ट्रिक वाहन अपनी डिस्चार्ज बैटरी या आंशिक रूप से चार्ज बैटरी को चार्ज बैटरी से बदल सकता है) हैं.
आंकड़ों के अनुसार 2022 के अंत में, भारत में 2,700 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन और 5,500 चार्जिंग कनेक्टर थे. काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसार, 2025 के अंत तक देश में 10,000 सार्वजनिक चाजिर्ंग स्टेशन होने की संभावना है. देश को 2030 तक लगभग 20.5 लाख चार्जिंग स्टेशनों की आवश्यकता हो सकती है. एक विशाल कार्य, जिसे उस समय तक ईवी बिक्री में वृद्धि के साथ पूरा करना होगा. ईवी चार्जिग सॉल्यूशन प्रोवाइडर स्टेटिक के को-फाउंडर और सीटीओ राघव अरोड़ा ने न्यूज एजेंसी को बताया कि जैसे-जैसे ईवी की मांग तेजी से बढ़ेगी, सार्वजनिक और सामुदायिक चार्जिग स्टेशनों की जरूरत भी बढ़ेगी.
राघव अरोड़ा ने कहा, जैसे-जैसे उद्योग और सेवाएं परिपक्व होंगी, इस तरह की सुलभ, सस्ती और विश्वसनीय चार्जिग स्टेशन की मांग भी बढ़ेगी. स्टैटिक ने कहा कि 60 से अधिक शहरों में 7,000 से अधिक चार्जर का नेटवर्क है, और वित्त वर्ष 2023 में देश भर में 20,000 ईवी चार्जर स्थापित करने की योजना है. अरोड़ा ने कहा, हम ईवी चार्जिग सॉल्यूशंस और इसके रखरखाव की उनकी मांग को पूरा करने के लिए पीएसयू और कॉरपोरेट्स के साथ काम कर रहे हैं.
2025 तक भारत में EV वाहनों हिस्सेदारी 6 प्रतिशत का अनुमान
हम ईवी फ्लीट के साथ काम कर रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे अपने संचालन के क्षेत्रों में निर्बाध रूप से चल सकें. हम महानगरों की सोसायटियों में मुफ्त में कम्युनिटी चार्जिग स्टेशन स्थापित कर रहे हैं. भारत में ईवी की बिक्री 2020 से हर साल रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच रही है, जो इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के प्रति लोगों की बदलती मानसिकता को दर्शाता है. काउंटरपॉइंट पर आईओटी, ऑटोमोटिव और डिवाइस इकोसिस्टम के वरिष्ठ शोध विश्लेषक सौमेन मंडल ने आईएएनएस को बताया, 2025 तक, भारत में इलेक्ट्रिक यात्री वाहनों की बाजार हिस्सेदारी 6 प्रतिशत से अधिक होने की उम्मीद है.
ईवी अपनाने के मामले में, थ्री व्हीलर सेगमेंट 4 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ बाजार का नेतृत्व कर रहा है, इसके बाद टू-व्हीलर 3.5 प्रतिशत के साथ और पैसेंजर व्हीलर 1.3 प्रतिशत के साथ अपना स्थान बनाए हुए है. सरकार चार्जिग इंफ्रास्ट्रक्चर पर प्रमुख फोकस के साथ फेम1 और फेम2 जैसी योजनाओं के माध्यम से ईवी इंडस्ट्री का समर्थन कर रही है. इसने 2030 तक सभी वाणिज्यिक वाहनों का 70 प्रतिशत, निजी कारों का 30 प्रतिशत, बसों का 40 प्रतिशत और दोपहिया और तिपहिया वाहनों की बिक्री का 80 प्रतिशत विद्युतीकरण करने का लक्ष्य रखा है.
चार पहिया वाहनों के लिए 1 लाख से अधिक चार्जिग पॉइंट का लक्ष्य
हीरो इलेक्ट्रिक के सीईओ सोहिंदर गिल ने न्यूज एजेंसी को बताया कि कंपनी स्टेटिक, बोल्ट, चार्जर, मैसिव मोबिलिटी और लॉग9 मटेरियल जैसी कई ईवी टेक कंपनियों के साथ साझेदारी कर ईवी चार्जिग नेटवर्क को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, ताकि पूरे भारत में 1 लाख से अधिक चार्जिग पॉइंट स्थापित किए जा सकें. जेएमके रिसर्च के अनुसार, चार्जिग के प्रकार के संदर्भ में, भारत के ईवी बाजार में वर्तमान में फास्ट-चार्जिग ईवी के लिए सीमित क्षमताएं हैं. उन्होंने कहा, भारत में चार्जिग बुनियादी ढांचे का समर्थन करने के लिए कार्यस्थलों, शॉपिंग मॉल और रेस्तरां में 3-22 किलोवाट से लेकर क्षमता के एसी चार्जर द्वारा पूरक सार्वजनिक फास्ट चार्जिंग की आवश्यकता होगी.
(आईएएनएस)
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