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Hotel Industry in GDP: जीडीपी में होटल इंडस्ट्री का बढ़ता योगदान, 2047 तक 1 ट्रिलियन डॉलर पहुंचने की उम्मीद

लोगों की लाइफस्टाइल में काफी बदलवा आ रहा है. वह घर से दूर घूमने-फिरने जा रहे हैं और ठहरने के लिए होटलों का इस्तेमाल करते हैं. जिससे देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि 2047 तक देश की GDP में होटल उद्योग का योगदान 1000 अरब डॉलर (लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर) तक पहुंच जाएगा. पढ़ें पूरी खबर...

Hotel Industry in GDP
जीडीपी में होटल इंडस्ट्री का योगदान
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Published : Aug 20, 2023, 4:04 PM IST

Updated : Aug 20, 2023, 4:10 PM IST

नई दिल्ली : घरेलू पर्यटकों की यात्राओं और अंतरराष्ट्रीय आगमन में उल्लेखनीय उछाल देखने को मिल रहा है. जिसके चलते अनुमान लगाया जा रहा है कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भारतीय होटल उद्योग का प्रत्यक्ष योगदान 2047 तक 1000 अरब डॉलर तक पहुंचन सकता है. एक रिपोर्ट में यह बात कही गई.

होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एचएआई) और बेनोरी नॉलेज की ‘विजन 2047: इंडियन होटल इंडस्ट्री’ रिपोर्ट के अनुसार सकल घरेलू उत्पाद में होटल उद्योग का प्रत्यक्ष योगदान 2022 में 40 अरब डॉलर था और 2027 तक इसके 68 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. यह 2047 तक करीब 1000 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा.

हॉस्पिटैलिटी सेक्टर से जुड़े निकाय के अनुसार क्षेत्र को अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए आवास वृद्धि को महानगरों से आगे दो व तीन स्तर के शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों तक भी ले जाना होगा. हालांकि, रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया कि कुल योगदान में खाद्य व पेय, सैलून व स्पा जैसे संबंधित उद्योग क्षेत्रों की सेवाओं के पहलू शामिल हैं. इसमें सेवा बाजार की वृद्धि पर गौर नहीं किया गया. इसलिए इसमें परिदृश्य-आधारित योगदान अनुमान शामिल नहीं हैं.

Hotel Industry in GDP
होटल इंडस्ट्री का जीडीपी में योगदान

रिपोर्ट के अनुसार, अनुमानित वृद्धि का श्रेय GDP Growth और आय स्तर में वृद्धि, घरेलू पर्यटकों की आमद में वृद्धि और विदेशी पर्यटक आगमन (एफटीए) जैसे कारकों को दिया जा सकता है. रिपोर्ट में कहा गया कि घरेलू पर्यटक यात्राओं की संख्या 2021 में 67.7 करोड़ थी, जिसके 2030 तक 1.5 अरब होने की उम्मीद है. वहीं 2047 तक इसके 15 अरब तक पहुंचने की उम्मीद है.

भारत में जहां तक विदेशी पर्यटकों के आगमन (एफटीए) की बात है, तो 2021 में 15 लाख से बढ़कर 2024 तक यह 1.5 करोड़ हो गई. 2030 तक इसके 2.5 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है और ‘2047 तक 10 करोड़ पर्यटकों के देश आने की उम्मीद है.’ HAI के महासचिव एम पी बेजबरुआ ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि व्यापक आर्थिक कारक, प्रौद्योगिकी, पर्यावरण व सामाजिक स्थिरता और नीति समर्थन महत्वपूर्ण कारक होंगे. उन्होंने कहा, ‘सभी कारकों के हावी होने से क्षेत्र और सभी परिचालनों में स्थिरता सुनिश्चित होगी.’

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(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : घरेलू पर्यटकों की यात्राओं और अंतरराष्ट्रीय आगमन में उल्लेखनीय उछाल देखने को मिल रहा है. जिसके चलते अनुमान लगाया जा रहा है कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भारतीय होटल उद्योग का प्रत्यक्ष योगदान 2047 तक 1000 अरब डॉलर तक पहुंचन सकता है. एक रिपोर्ट में यह बात कही गई.

होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एचएआई) और बेनोरी नॉलेज की ‘विजन 2047: इंडियन होटल इंडस्ट्री’ रिपोर्ट के अनुसार सकल घरेलू उत्पाद में होटल उद्योग का प्रत्यक्ष योगदान 2022 में 40 अरब डॉलर था और 2027 तक इसके 68 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. यह 2047 तक करीब 1000 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा.

हॉस्पिटैलिटी सेक्टर से जुड़े निकाय के अनुसार क्षेत्र को अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए आवास वृद्धि को महानगरों से आगे दो व तीन स्तर के शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों तक भी ले जाना होगा. हालांकि, रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया कि कुल योगदान में खाद्य व पेय, सैलून व स्पा जैसे संबंधित उद्योग क्षेत्रों की सेवाओं के पहलू शामिल हैं. इसमें सेवा बाजार की वृद्धि पर गौर नहीं किया गया. इसलिए इसमें परिदृश्य-आधारित योगदान अनुमान शामिल नहीं हैं.

Hotel Industry in GDP
होटल इंडस्ट्री का जीडीपी में योगदान

रिपोर्ट के अनुसार, अनुमानित वृद्धि का श्रेय GDP Growth और आय स्तर में वृद्धि, घरेलू पर्यटकों की आमद में वृद्धि और विदेशी पर्यटक आगमन (एफटीए) जैसे कारकों को दिया जा सकता है. रिपोर्ट में कहा गया कि घरेलू पर्यटक यात्राओं की संख्या 2021 में 67.7 करोड़ थी, जिसके 2030 तक 1.5 अरब होने की उम्मीद है. वहीं 2047 तक इसके 15 अरब तक पहुंचने की उम्मीद है.

भारत में जहां तक विदेशी पर्यटकों के आगमन (एफटीए) की बात है, तो 2021 में 15 लाख से बढ़कर 2024 तक यह 1.5 करोड़ हो गई. 2030 तक इसके 2.5 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है और ‘2047 तक 10 करोड़ पर्यटकों के देश आने की उम्मीद है.’ HAI के महासचिव एम पी बेजबरुआ ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि व्यापक आर्थिक कारक, प्रौद्योगिकी, पर्यावरण व सामाजिक स्थिरता और नीति समर्थन महत्वपूर्ण कारक होंगे. उन्होंने कहा, ‘सभी कारकों के हावी होने से क्षेत्र और सभी परिचालनों में स्थिरता सुनिश्चित होगी.’

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(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Aug 20, 2023, 4:10 PM IST
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