नई दिल्ली: विशेष इस्पात की पीएलआई योजना को ठंडी प्रतिक्रिया मिल रही है क्योंकि अब तक सिर्फ 10 आवेदन ही मिले हैं. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि स्पेशियलिटी इस्पात क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना के तहत किए गए आवेदनों की कम संख्या को देखते हुए इसकी अंतिम तारीख एक बार और बढ़ाई जा सकती है.
विशेष इस्पात से जुड़ी पीएलआई योजना के तहत आवेदन करने की अंतिम तारीख पहले 29 मार्च रखी गई थी जिसे बाद में बढ़ाकर 30 अप्रैल और फिर 31 मई, 2022 किया गया. इसके बावजूद अबतक सिर्फ 10 आवेदन ही मिल पाए हैं. वहीं इसके लिए पंजीकरण कराने वाली कंपनियों की संख्या 58 रही है. सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को बाजार से अपेक्षित समर्थन नहीं मिलने के बावजूद आवेदन की अंतिम तारीख बढ़ाने के पीछे के तर्क के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय अभी पीएलआई योजना का संशोधित खाका लेकर आने वाला है.
कुछ इस्पात कंपनियों ने पीएलआई योजना के प्रावधानों को लेकर आशंकाएं जताई थीं जिसके बाद इसमें बदलाव की प्रक्रिया शुरू की गई. स्पेशियलिटी स्टील के लिए संशोधित पीएलआई योजना लाई जा सकती है. सरकार इसमें विशेष इस्पात के उत्पादन पर एकसमान प्रोत्साहन देने का प्रावधान कर सकती है. खासकर रक्षा उपकरणों में इस्तेमाल होने वाला इस्पात बनाने वाली कंपनियों को कुछ अलग रियायत दी जा सकती है.
अधिकारी ने कहा कि द्वितीयक स्तर की कंपनियों के लिए न्यूनतम निवेश की सीमा और स्थापित की जाने वाली न्यूनतम क्षमता से जुड़ी बंदिश भी हटाई जा सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 22 जुलाई 2022 को देश में विशेष इस्पात का उत्पादन बढ़ाने के लिए 6322 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. इससे करीब 40000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश आने और 5.25 लाख रोजगार अवसर पैदा होने की उम्मीद है.
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