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दो दशक बाद एनएसई में वापसी को तैयार चौहान, सामने हैं कई चुनौतियां

लगभग दो दशक बाद आशीष कुमार चौहान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में लौटने के लिए तैयार हैं. अभी वह बीएसई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हैं.

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Published : Jul 24, 2022, 2:17 PM IST

Chauhan, ready to return to NSE after two decades, will have to deal with many challenges
दो दशक बाद एनएसई में वापसी को तैयार चौहान को जूझना होगा कई चुनौतियों से

नई दिल्ली : लगभग दो दशक बाद आशीष कुमार चौहान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में लौटने के लिए तैयार हैं. अभी वह बीएसई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि चौहान के लिए एनएसई में काफी चुनौतियां रहेंगी. वह ऐसे समय एनएसई से जुड़ने जा रहे हैं जबकि यह एक्सचेंज कामकाज के संचालन में खामी, को-लोकेशन घोटाले, तकनीकी गडबड़ियों से लेकर फोन-टैपिंग जांच का सामना कर रहा है. चौहान एनएसई की संस्थापक टीम के सदस्य रहे हैं.

उन्होंने 2000 में इस एक्सचेंज को छोड़ दिया था. वह रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह में कई पदों पर रहने के बाद 2009 में एक बार फिर शेयर बाजार में बीएसई के उप-सीईओ बन कर लौटे थे. 2012 से वह बीएसई के सीईओ हैं. उनके समक्ष एक और बड़ी चुनौती एनएसई का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की होगी, जो काफी समय से लटका है. को-लोकेशन घोटाले के बाद एनएसई का सार्वजनिक निर्गम पटरी से उतर गया था. चौहान के नाम को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्डै (सेबी) की हरी झंडी मिल गई है, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वह एक्सचेंज से कब जुड़ेंगे.

पढ़ें: NSE Co-location Scam: ईडी ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे को किया गिरफ्तार

बीएसई में उनका मौजूदा कार्यकाल नवंबर तक है. वह वहां से इस्तीफा देकर भी एनएसई से जुड़ सकते हैं. कई विशेषज्ञों का कहना है कि चौहान के समक्ष तात्कालिक चुनौती कई तरह के कामकाज के संचालन में खामी और पुराने मुद्दों से निपटने की होगी. अनिल सुरेंद्र मोदी स्कूल ऑफ कॉमर्स, एनएमआईएमएस-मुंबई के सहायक प्रोफेसर दिवाहर नादर ने कहा कि एनएसई के समक्ष फिलहाल जो चुनौतियां हैं वे बुनियादी हैं और उनसे संरचनात्मक सुधारों से निपटा जा सकता है.

2021 में एक्सचेंज में आई तकनीकी गड़बड़ियां प्रौद्योगिकी में स्थिरता की कमी की वजह से थीं. कमोडिटी पार्टिसिपेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीपीएआई) के अध्यक्ष नरेंद्र वाधवा ने कहा कि एनएसई के समक्ष जो मुद्दे हैं उनकी प्रकृति रणनीतिक है. उन्होंने कहा कि चौहान के समक्ष अन्य चुनौतियों में नकदी खंड में मात्रा बढ़ाने और एसजीएक्स निफ्टी के गिफ्ट सिटी में सुगमता से स्थानांतरण की होगी. नादर ने कहा कि चौहान के पास बीएसई का सार्वजनिक निर्गम लाने का अनुभव है.

पढ़ें: NSE Co-Location Case: CBI की 10 ठिकानों पर छापेमारी

वह एनएसई की सूचीबद्धता के लक्ष्य को पूरा कर सकते हैं. चौहान एनएसई के संस्थापक सदस्यों में रहे हैं. वह 1992 से 2000 तक एनएसई के साथ रहे. 2000 में एनएसई को छोड़ने के बाद वह रिलायंस इंडस्ट्रीज में विभिन्न पदों पर रहे. वह रिलायंस इन्फोकॉम के मुख्य सूचना अधिकारी और मुंबई इंडियंस की आईपीएल टीम के सीईओ भी रह चुके हैं.

नई दिल्ली : लगभग दो दशक बाद आशीष कुमार चौहान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में लौटने के लिए तैयार हैं. अभी वह बीएसई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि चौहान के लिए एनएसई में काफी चुनौतियां रहेंगी. वह ऐसे समय एनएसई से जुड़ने जा रहे हैं जबकि यह एक्सचेंज कामकाज के संचालन में खामी, को-लोकेशन घोटाले, तकनीकी गडबड़ियों से लेकर फोन-टैपिंग जांच का सामना कर रहा है. चौहान एनएसई की संस्थापक टीम के सदस्य रहे हैं.

उन्होंने 2000 में इस एक्सचेंज को छोड़ दिया था. वह रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह में कई पदों पर रहने के बाद 2009 में एक बार फिर शेयर बाजार में बीएसई के उप-सीईओ बन कर लौटे थे. 2012 से वह बीएसई के सीईओ हैं. उनके समक्ष एक और बड़ी चुनौती एनएसई का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की होगी, जो काफी समय से लटका है. को-लोकेशन घोटाले के बाद एनएसई का सार्वजनिक निर्गम पटरी से उतर गया था. चौहान के नाम को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्डै (सेबी) की हरी झंडी मिल गई है, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वह एक्सचेंज से कब जुड़ेंगे.

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बीएसई में उनका मौजूदा कार्यकाल नवंबर तक है. वह वहां से इस्तीफा देकर भी एनएसई से जुड़ सकते हैं. कई विशेषज्ञों का कहना है कि चौहान के समक्ष तात्कालिक चुनौती कई तरह के कामकाज के संचालन में खामी और पुराने मुद्दों से निपटने की होगी. अनिल सुरेंद्र मोदी स्कूल ऑफ कॉमर्स, एनएमआईएमएस-मुंबई के सहायक प्रोफेसर दिवाहर नादर ने कहा कि एनएसई के समक्ष फिलहाल जो चुनौतियां हैं वे बुनियादी हैं और उनसे संरचनात्मक सुधारों से निपटा जा सकता है.

2021 में एक्सचेंज में आई तकनीकी गड़बड़ियां प्रौद्योगिकी में स्थिरता की कमी की वजह से थीं. कमोडिटी पार्टिसिपेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीपीएआई) के अध्यक्ष नरेंद्र वाधवा ने कहा कि एनएसई के समक्ष जो मुद्दे हैं उनकी प्रकृति रणनीतिक है. उन्होंने कहा कि चौहान के समक्ष अन्य चुनौतियों में नकदी खंड में मात्रा बढ़ाने और एसजीएक्स निफ्टी के गिफ्ट सिटी में सुगमता से स्थानांतरण की होगी. नादर ने कहा कि चौहान के पास बीएसई का सार्वजनिक निर्गम लाने का अनुभव है.

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वह एनएसई की सूचीबद्धता के लक्ष्य को पूरा कर सकते हैं. चौहान एनएसई के संस्थापक सदस्यों में रहे हैं. वह 1992 से 2000 तक एनएसई के साथ रहे. 2000 में एनएसई को छोड़ने के बाद वह रिलायंस इंडस्ट्रीज में विभिन्न पदों पर रहे. वह रिलायंस इन्फोकॉम के मुख्य सूचना अधिकारी और मुंबई इंडियंस की आईपीएल टीम के सीईओ भी रह चुके हैं.

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