नई दिल्ली : महालेखा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की 30 जून को समाप्त पहली तिमाही में सरकार का राजकोषीय घाटा पूरे साल के लक्ष्य के 25.3 प्रतिशत पर पहुंच गया है. आंकड़ों के मुताबिक, राजकोषीय घाटा जून के अंत तक 4,51,370 करोड़ रुपये था. बता दें कि सरकार की कमाई और खर्चों के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहते हैं. सरकार की कमाई का सबसे बड़ा जरिया टैक्स है. वहीं, परियोजनाओं के निर्माण समेत लोक कल्याण कार्यों पर सरकार के खर्चें होते हैं.
सरकार ने केंद्रीय बजट के दौरान घोषणा की थी कि वह 2023-24 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 5.9 प्रतिशत तक सीमित रखने की योजना बना रही है. वित्त वर्ष 2022-23 में घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 6.4 प्रतिशत था, जबकि इसके पहले 6.71 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था.
सीजीए डेटा ने आगे दिखाया कि शुद्ध कर राजस्व यानी टैक्स से सरकार की होने वाली कमाई 4,33,620 करोड़ रुपये या चालू वित्त वर्ष के बजटीय अनुमान का 18.6 प्रतिशत था. जून 2022 के अंत के दौरान शुद्ध कर राजस्व संग्रह 26.1 प्रतिशत था. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में केंद्र सरकार का कुल खर्च 10.5 लाख करोड़ रुपये या बजटीय अनुमान का 23.3 फीसदी रहा. पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान व्यय बजटीय अनुमान का 24 प्रतिशत था.