नई दिल्ली: मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन ने शुक्रवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के 6.5 फीसदी से 7.5 फीसदी के बीच बढ़ने की उम्मीद है, जो निवेश में देखी गई मजबूती और तेज गति से हो रहे डिजिटल परिवर्तन से प्रभावित है. उन्होंने आगे कहा कि स्थिरता सुनिश्चित करते हुए आर्थिक विकास को बनाए रखना महत्वपूर्ण है और सरकार ने राजस्व व्यय के बजाय जमीन पर निवेश बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि यह अर्थव्यवस्था को विकसित करने का सबसे अच्छा तरीका है.
लखनऊ में विभिन्न उद्योगपतियों के साथ 'एक मजबूत अर्थव्यवस्था का निर्माण' कार्यक्रम में बोलते हुए, सीईए ने कहा कि कॉर्पोरेट क्षेत्र ने अपनी बैलेंस शीट में सुधार किया है, कर्ज कम किया है और लाभ में वृद्धि हुई है. उन्होंने आगे कहा कि भारत की ठोस आर्थिक नीति, आठ वर्षों में निर्मित बुनियादी ढांचे और डिजिटल परिवर्तन के कारण लंबी अवधि के लिए विकास कर पाना संभव है.
वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा-
'अर्थव्यवस्था ऑटोपायलट की स्थिति में है, महामारी के बाद प्रभावशाली रूप से इसमें उछाल आया है. सभी संभावनाओं में 2022-23 में 7.2 प्रतिशत की GDP Growth Rate संशोधित होगी.'
उन्होंने आगे कहा, अभी और 2030 के बीच, हमने अब तक जो किया है, उसके आधार पर मैं कह सकता हूं कि हमारे पास अर्थव्यवस्था के 6.5 से 7.0 प्रतिशत के बीच लगातार बढ़ने की क्षमता है. अगर हम कुछ और कारकों को जोड़ें तो हम 7 से 7.5 प्रतिशत तक जा सकते हैं और संभवत: 8 प्रतिशत तक भी जा सकते हैं. पूंजी निवेश पर सीईए ने कहा कि निजी क्षेत्र मजबूत निवेश वृद्धि हासिल करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि मध्यम अवधि में, निवेश विकास का एक प्रमुख चालक बना रहेगा.
(आईएएनएस)