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G20 Summit : जी20 शिखर सम्मेलन से कारोबारियों को ₹400 करोड़ का हुआ नुकसान, मंसूबे रह गए अधूरे

जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी इस बार भारत ने की. जिसकी तैयारियों जोर-शोर से की गई. आयोजन के मद्देनजर पूरी दिल्ली को तीन दिन (शुक्रवार से रविवार) के लिए बंद रखा गया, जिसका खामियाजा वहां के दुकानदारों को भुगतना पड़ा. उन्हें करीब 400 करोड़ का नुकसान हुआ है. पढ़ें पूरी खबर...

G20 Summit
जी20 समिट
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 11, 2023, 11:26 AM IST

नई दिल्ली : G20 शिखर सम्मेलन भले ही भारत के लिए एक शानदार सफलता रही हो, लेकिन इससे दुकानों और रेस्तरांओं को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. इकोनॉमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग ₹400 करोड़ का अनुमानित नुकसान हुआ है और लगभग 9,000 डिलीवरी कर्मचारी प्रभावित हुए. क्योंकि G20 की तैयारियों व आयोजन के मद्देनजर नई दिल्ली क्षेत्र में बाजार और मॉल तीन दिन तक बंद रहे.

प्रभावित वेंडर्स में न केवल दिल्ली के प्रगति मैदान के आसपास के दुकानदार रहे बल्कि नियंत्रित क्षेत्र के बाहर भी कई दुकानदारों की ब्रिकी आधी रह गई. क्योंकि यातायात प्रतिबंधों के कारण लोगों को घर के अंदर रहने के लिए मजबूर होना पड़ा. नई दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन (एनडीटीए) के अध्यक्ष अतुल भार्गव ने कहा, नई दिल्ली में व्यापारियों को बंद के इन तीन दिनों में लगभग ₹300-400 करोड़ का अनुमानित नुकसान हुआ है.' उन्होंने कहा, 'हम इस कार्यक्रम का इंतजार कर रहे थे, लेकिन चूंकि सुरक्षा प्रमुख चिंता है, इसलिए हमारा मानना है कि मेहमानों को देश की सही छवि के साथ वापस जाना चाहिए.'

G20 Summit
जी20 समिट के चलते दिल्ली तीन दिन तक बंद थी

बता दें, G20 शिखर सम्मेलन के लिए नई दिल्ली जिले के सभी कामर्शियल और आर्थिक प्रतिष्ठान 8 से 10 सितंबर के बीच बंद थे. इकोनॉमिक टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि दिल्ली में भोजन और डिलीवरी संख्या दोनों में कम से कम 50 फीसदी की गिरावट आई है, और NCR में बिक्री में 20 फीसदी की गिरावट देखी गई है. यह स्पष्ट है कि इस पैमाने के कार्यक्रम की मेजबानी के कारण बिक्री प्रभावित हुई है.

वहीं, कुछ दुकानदारों का कहना है कि उनकी ब्रिकी न सिर्फ दिल्ली में प्रभावित हुई बल्कि गुरुग्राम में भी इसका असर देखने को मिला है. क्योंकि वाहन ठप्प था. जिसके चलते सामान दिल्ली से गुरुग्राम नहीं जा पाया. इसके अलावा दिल्ली के टॉप मार्केट में शामिल खान मार्केट, कनॉट प्लेस और जनपथ जैसी मार्केट्स को इस बंदी की मार झेलनी पड़ी. ये मार्केट खरीदारी और भोजन के लिए शीर्ष आकर्षण का केंद्र थे, यहां बड़ी संख्या में फॉरेन विजिटर्स भी आया करते थे. इन मार्केट के दुकानदारों के लिए कमाई का एक अच्छा मौका था, जिसे यहां के दुकानदार चूक गए. अधिकारियों ने कहा कि इसका असर पूरी राजधानी में महसूस किया गया है.

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नई दिल्ली : G20 शिखर सम्मेलन भले ही भारत के लिए एक शानदार सफलता रही हो, लेकिन इससे दुकानों और रेस्तरांओं को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. इकोनॉमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग ₹400 करोड़ का अनुमानित नुकसान हुआ है और लगभग 9,000 डिलीवरी कर्मचारी प्रभावित हुए. क्योंकि G20 की तैयारियों व आयोजन के मद्देनजर नई दिल्ली क्षेत्र में बाजार और मॉल तीन दिन तक बंद रहे.

प्रभावित वेंडर्स में न केवल दिल्ली के प्रगति मैदान के आसपास के दुकानदार रहे बल्कि नियंत्रित क्षेत्र के बाहर भी कई दुकानदारों की ब्रिकी आधी रह गई. क्योंकि यातायात प्रतिबंधों के कारण लोगों को घर के अंदर रहने के लिए मजबूर होना पड़ा. नई दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन (एनडीटीए) के अध्यक्ष अतुल भार्गव ने कहा, नई दिल्ली में व्यापारियों को बंद के इन तीन दिनों में लगभग ₹300-400 करोड़ का अनुमानित नुकसान हुआ है.' उन्होंने कहा, 'हम इस कार्यक्रम का इंतजार कर रहे थे, लेकिन चूंकि सुरक्षा प्रमुख चिंता है, इसलिए हमारा मानना है कि मेहमानों को देश की सही छवि के साथ वापस जाना चाहिए.'

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जी20 समिट के चलते दिल्ली तीन दिन तक बंद थी

बता दें, G20 शिखर सम्मेलन के लिए नई दिल्ली जिले के सभी कामर्शियल और आर्थिक प्रतिष्ठान 8 से 10 सितंबर के बीच बंद थे. इकोनॉमिक टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि दिल्ली में भोजन और डिलीवरी संख्या दोनों में कम से कम 50 फीसदी की गिरावट आई है, और NCR में बिक्री में 20 फीसदी की गिरावट देखी गई है. यह स्पष्ट है कि इस पैमाने के कार्यक्रम की मेजबानी के कारण बिक्री प्रभावित हुई है.

वहीं, कुछ दुकानदारों का कहना है कि उनकी ब्रिकी न सिर्फ दिल्ली में प्रभावित हुई बल्कि गुरुग्राम में भी इसका असर देखने को मिला है. क्योंकि वाहन ठप्प था. जिसके चलते सामान दिल्ली से गुरुग्राम नहीं जा पाया. इसके अलावा दिल्ली के टॉप मार्केट में शामिल खान मार्केट, कनॉट प्लेस और जनपथ जैसी मार्केट्स को इस बंदी की मार झेलनी पड़ी. ये मार्केट खरीदारी और भोजन के लिए शीर्ष आकर्षण का केंद्र थे, यहां बड़ी संख्या में फॉरेन विजिटर्स भी आया करते थे. इन मार्केट के दुकानदारों के लिए कमाई का एक अच्छा मौका था, जिसे यहां के दुकानदार चूक गए. अधिकारियों ने कहा कि इसका असर पूरी राजधानी में महसूस किया गया है.

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