नई दिल्ली:पुस्तक प्रेमियों के लिए नई दिल्ली के भारत मंडपम में 1 फरवरी से 9 फरवरी तक विश्व पुस्तक मेले का आयोजन किया जा रहा है. इस बार भारत गणतंत्र के रूप में 75 साल पूरे कर रहा है, ऐसे में नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2025 पूरे देश के अलग-अलग भाषाओं तथा संस्कृति का उत्सव मनाएगा, जिसमें संविधान में निहित सिद्धांती और मूल्यों को दर्शाने वाले विभिन्न दृष्टिकोणों को एक साथ लाया जाएगा. साहित्यिक कार्यों, चर्चाओं और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की एक विस्तृत श्रृंखला के माध्यम से, मेला लोकतंत्र, समावेशिता और विविधता में एकता की भावना को प्रदर्शित करने के लिए तैयार है जो राष्ट्र की यात्रा को परिभाषित करता है.
नेशनल बुक ट्रस्ट के डायरेक्टर युवराज मलिक ने दी जानकारी : नेशनल बुक ट्रस्ट के डायरेक्टर युवराज मालिक ने बताया कि यह मेला न केवल पुस्तकों और विरासत का उत्सव मनाने वाला एक भव्य समारोह बनने जा रहा है, बल्कि यह एक महत्वाकांक्षी भारत के क्षितिज और उसके उज्ज्वल भविष्य को आकार देने वाले दृष्टिकोण की ओर भी अपना ध्यान केंद्रित करेगा. नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2025 एक ऐसा मंच है, जहां एक तरफ 75 वर्षीय भारतीय गणतंत्र का सार वैश्विक पटल से जोड़ने के लिए तैयार राष्ट्र की आकांक्षाओं के साथ जुड़ता है.
भारत गणतंत्र के 75 वर्ष पूरे होने का भी मना रहा उत्सव : नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2025 भारत के गणतंत्र के रूप में 75 वर्ष पूरे होने का उत्सव मना रहा है, जो एक ऐसे मंच के रूप में कार्य करता है जो देश की सांस्कृतिक विरासत को भविष्य की आकांक्षाओं के साथ जोड़ता है. यह कार्यक्रम साहित्य, शासन, प्रौद्योगिकी, कला और सिनेमा सहित विविध संस्कृतियों और क्षेत्रों से अग्रणी आवाजों को एक साथ लाता है. पंकज त्रिपाठी, फुंसुक लद्दाखी, पुष्पेश पंत, शशि थरूर, गजेंद्र सिंह शेखावत, गोविंद ढोलकिया, कुमार विश्वास, प्रकाश झा जैसे दिग्गज अपने सत्रों में दर्शकों से जुड़ेंगे, जो समारोह की गतिशीलता और समावेशी दृष्टि को दर्शाते हैं. राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा 2024 में शुरू की गई पहल, फेस्टिवल ऑफ फेस्टिवल्स (FoF) के एक हिस्से के रूप में, देश भर के विभिन्न पुस्तक महोत्सवों और साहित्यिक मंच नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला में एक साथ आएंगे.