नई दिल्ली: अक्टूबर में ब्रिटिश इंफ्लेशन उम्मीद से अधिक कम हो गई क्योंकि घरेलू ऊर्जा की कीमतें एक साल पहले की तुलना में कम हो गईं. जबकि सेवा क्षेत्र की अत्यधिक उच्च मूल्य वृद्धि भी कम हो गई, जिससे बैंक ऑफ इंग्लैंड और प्रधान मंत्री ऋषि सुनक को कुछ राहत मिली है. ब्रिटिश एनुअल कंज्यूमर प्राइस इंफ्लेशन (सीपीआई) अक्टूबर में उम्मीद से कम 4.6 फीसदी पर आ गई. इससे पहले सितंबर में 6.7 फीसदी थी. इस बात की जानकारी बुधवार को आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है. इस बार आई उपभोक्ता कीमतों में वृद्धि अक्टूबर 2021 के बाद से सबसे कम थी. बैंक ऑफ इंग्लैंड के कर्मचारियों के अपेक्षा और रॉयटर्स के इकोनॉमिस्ट सर्वे की आम सहमति ने 4.8 फीसदी की रीडिंग की ओर इशारा किया था. वार्षिक मुख्य मुद्रास्फीति 6.1 फीसदी से गिरकर 5.7 फीसदी हो गई है.
-
In January I made halving inflation this year my top priority.
— Rishi Sunak (@RishiSunak) November 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
I did that because it is, without a doubt, the best way to ease the cost of living and give families financial security.
Today, we have delivered on that pledge. pic.twitter.com/qcfuLeLiXe
">In January I made halving inflation this year my top priority.
— Rishi Sunak (@RishiSunak) November 15, 2023
I did that because it is, without a doubt, the best way to ease the cost of living and give families financial security.
Today, we have delivered on that pledge. pic.twitter.com/qcfuLeLiXeIn January I made halving inflation this year my top priority.
— Rishi Sunak (@RishiSunak) November 15, 2023
I did that because it is, without a doubt, the best way to ease the cost of living and give families financial security.
Today, we have delivered on that pledge. pic.twitter.com/qcfuLeLiXe
ऋषि सुनक ने क्या वादा किया था?
इस डेटा से पता चलता है कि प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के लिए यह अच्छी समाचार है. क्योंकि 2024 के संभावित चुनाव से पहले इस साल मूल्य वृद्धि को आधा करने का वादा किया था. बैंक ऑफ इंग्लैंड के मुख्य अर्थशास्त्री ह्यू पिल ने मंगलवार को कहा कि मुद्रास्फीति में 5 फीसदी से कम की अपेक्षित गिरावट अभी भी इसे बहुत अधिक बनाए रखेगी, भले ही यह पिछले वर्ष की तुलना में मूल्य वृद्धि में आधे से अधिक की गिरावट का प्रतिनिधित्व करता हो. Bank of England (बीओई) ने इस बात पर जोर देने की कोशिश की है कि वह 15 साल के उच्चतम स्तर से ब्याज दरों में कटौती करने के करीब नहीं है, भले ही अर्थव्यवस्था मंदी के करीब है.