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Reliance to bring one more IPO : एक और आईपीओ ला सकता है रिलायंस, जानें सबकुछ - Reliance to bring one more IPO

Reliance Industries रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (RRVL) का आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है. ये चर्चा तब से जोर पकड़ रही है जब से कतर की कंपनी QIA ने रिटेल वेंचर में 8,278 करोड़ रुपये में 0.99 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है. पढ़ें पूरी खबर...

RIL Chairman Mukesh Ambani
मुकेश अंबानी
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 25, 2023, 1:17 PM IST

नई दिल्ली : मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) जल्द ही आईपीओ ला सकती है. लेकिन इससे पहले कंपनी अपनी 8-10 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है. जो कि 12-15 महीनों के किस्तों में पूरा किया जाएगा. हालांकि इस कदम को आईपीओ के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है. लेकिन सवाल उठता है कि हिस्सेदारी बेचना क्यों जरूरी है. तो आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में....

हिस्सेदारी बेचना क्यों जरूरी
आरआरवीएल की वैल्यूएशन पिछले तीन सालों में दोगुनी होकर $100 बिलियन (₹8.25 लाख करोड़) हो गई है. अगर कंपनी इतने बड़े साइज का आईपीओ लेकर आती है तो मार्केट में लिक्विडिटी की कमी हो सकती है. इसलिए कंपनी सोचती है कि 8-10 फीसदी स्टॉक बेच देने से आईपीओ का साइज छोटा हो जाएगा. जिससे इसे मैनेज करना आसान होगा और इसकी सफलता सुनिश्चित हो सकती है. साथ ही इसका वैल्यूएशन भी बढ़ने की उम्मीद है.

भारत के लिस्टिंग नियमों के अनुसार, किसी कंपनी की वित्तीय निवेशकों सहित सार्वजनिक शेयरधारिता कम से कम 25 फीसदी होनी चाहिए. वर्तमान में, आरआरवीएल में लगभग 11 फीसदी हिस्सेदारी वैश्विक निवेशकों के पास है, जिसमें कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (QIA) भी शामिल है. जिसने बुधवार को ₹8,278 करोड़ ($997 मिलियन) निवेश के साथ RRVL में 0.99 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है.

Reliance Retail Ventures Limited
रिलायंस रिटेल वेंचर लिमिटेड

स्टॉक बचने के पीछे कंपनी का प्लान
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पिछले दो सालों में रिटेल वेंचर में 10 बिलियन डॉलर (लगभग 82,000 करोड़ रुपये) का निवेश किया है. जिसमें से कंपनी ने साल 2020 में निवेशकों से 47,000 करोड़ रुपये जुटाए थे और शेष काफी हद तक कर्ज था. इस बार भी स्टॉक बेचकर कंपनी का प्लान फंड को बढ़ाना, कर्ज चुकाना और स्टॉक डेब्यू की तैयारी करना शामिल है. सीएलएसए ने गुरुवार को एक रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2023 में रिलायंस के खुदरा कारोबार में पूंजीगत व्यय बढ़कर 6 अरब डॉलर हो गया और QIA के निवेश से भविष्य के पूंजीगत व्यय को वित्तपोषित करने और खुदरा क्षेत्र में कर्ज को नियंत्रण में रखने में मदद मिलेगी.

आरआरवीएल का मूल्यांकन 2020 के बाद से लगभग दोगुना हो गया है, जब रिलायंस ने कंपनी में 10.09 फीसदी हिस्सेदारी नौ वैश्विक निवेशकों को ₹47,265 करोड़ में बेची थी. तब आरआरवीएल का मूल्यांकन ₹4.21 लाख करोड़ था. रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने 2019 के एनुअनल मीटिंग में कहा था कि रिटेल वेंचर आने वाले 5 सालों के अंदर शेयर मार्केट में लिस्ट हो जाएगी.

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हिस्सेदारी बेचना क्यों जरूरी
आरआरवीएल की वैल्यूएशन पिछले तीन सालों में दोगुनी होकर $100 बिलियन (₹8.25 लाख करोड़) हो गई है. अगर कंपनी इतने बड़े साइज का आईपीओ लेकर आती है तो मार्केट में लिक्विडिटी की कमी हो सकती है. इसलिए कंपनी सोचती है कि 8-10 फीसदी स्टॉक बेच देने से आईपीओ का साइज छोटा हो जाएगा. जिससे इसे मैनेज करना आसान होगा और इसकी सफलता सुनिश्चित हो सकती है. साथ ही इसका वैल्यूएशन भी बढ़ने की उम्मीद है.

भारत के लिस्टिंग नियमों के अनुसार, किसी कंपनी की वित्तीय निवेशकों सहित सार्वजनिक शेयरधारिता कम से कम 25 फीसदी होनी चाहिए. वर्तमान में, आरआरवीएल में लगभग 11 फीसदी हिस्सेदारी वैश्विक निवेशकों के पास है, जिसमें कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (QIA) भी शामिल है. जिसने बुधवार को ₹8,278 करोड़ ($997 मिलियन) निवेश के साथ RRVL में 0.99 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है.

Reliance Retail Ventures Limited
रिलायंस रिटेल वेंचर लिमिटेड

स्टॉक बचने के पीछे कंपनी का प्लान
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पिछले दो सालों में रिटेल वेंचर में 10 बिलियन डॉलर (लगभग 82,000 करोड़ रुपये) का निवेश किया है. जिसमें से कंपनी ने साल 2020 में निवेशकों से 47,000 करोड़ रुपये जुटाए थे और शेष काफी हद तक कर्ज था. इस बार भी स्टॉक बेचकर कंपनी का प्लान फंड को बढ़ाना, कर्ज चुकाना और स्टॉक डेब्यू की तैयारी करना शामिल है. सीएलएसए ने गुरुवार को एक रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2023 में रिलायंस के खुदरा कारोबार में पूंजीगत व्यय बढ़कर 6 अरब डॉलर हो गया और QIA के निवेश से भविष्य के पूंजीगत व्यय को वित्तपोषित करने और खुदरा क्षेत्र में कर्ज को नियंत्रण में रखने में मदद मिलेगी.

आरआरवीएल का मूल्यांकन 2020 के बाद से लगभग दोगुना हो गया है, जब रिलायंस ने कंपनी में 10.09 फीसदी हिस्सेदारी नौ वैश्विक निवेशकों को ₹47,265 करोड़ में बेची थी. तब आरआरवीएल का मूल्यांकन ₹4.21 लाख करोड़ था. रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने 2019 के एनुअनल मीटिंग में कहा था कि रिटेल वेंचर आने वाले 5 सालों के अंदर शेयर मार्केट में लिस्ट हो जाएगी.

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