नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आयुष्मान भारत योजना 28.45 करोड़ के वर्तमान रजिस्ट्रेशन के साथ अपने 55 करोड़ एनरोलमेंट लक्ष्य से काफी पीछे है. वित्त वर्ष 2025 में इसका बजट आउटले बढ़ने की गुंजाइश है. आयुष्मान भारत एक राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमा योजना है जिसका लक्ष्य देश में कम आय वाले लोगों को स्वास्थ्य बीमा तक मुफ्त पहुंच देना है. मोटे तौर पर, नीचे की 50 फीसदी आबादी इस योजना के लिए एलिजिबल है.
COVID के मामले में हो रही बढ़ोतरी
इस समय भारत में COVID मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, इससे FY24 में आयुष्मान भारत के लिए 7,200 करोड़ रुपये के बजट आउटले पर कोई दबाव पड़ने की संभावना नहीं है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में 288 नए कोरोनो वायरस संक्रमण दर्ज किए गए, जबकि सक्रिय मामले बढ़कर 1,970 हो गए हैं.
मीडिया से बात करते पीडब्ल्यूसी पार्टनर रानेन बनर्जी ने कहा कि आयुष्मान भारत के तहत खर्च बढ़ सकता है क्योंकि यह सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित बीमा योजना है. लेकिन वर्तमान संदर्भ में, कोविड मामलों में वृद्धि के साथ इस वर्ष के बजट पर इसका अधिक प्रभाव नहीं पड़ सकता है. आगे उन्होंने कहा कि कोविड अब गंभीर महामारी नहीं है और कई नए स्ट्रेन के कारण अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ती है. लेकिन बुजुर्गों को अधिक खतरा है.
वित्त वर्ष 2015 में आयुष्मान भारत के लिए आवंटन में 50 फीसदी की वृद्धि से भी बजट में कोई महत्वपूर्ण वित्तीय प्रभाव नहीं पड़ने वाला है. आगे बताया कि अगले वर्ष के लिए आवंटन में 50 फीसदी की वृद्धि के साथ लगभग 11,000 करोड़ रुपये के साथ, योजना को आराम से वित्त पोषित किया जा सकता है.