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Adani-Hindenburg Case : 2016 से अडाणी ग्रुप की जांच को सेबी ने बताया निराधार, कहा कोई कंपनी शामिल नहीं

अडाणी हिंडनबर्ग मामले (Adani-Hindenburg Case) में सोमवार को सुनवाई हुई. जिसमें सेबी ने अडाणी ग्रुप को लेकर 2016 से जांच करने को लेकर फैक्चुअली निराधार बताया. पढ़ें पूरी खबर...

Adani-Hindenburg Case
अडाणी हिंडनबर्ग मामले
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Published : May 15, 2023, 2:29 PM IST

Updated : May 15, 2023, 5:25 PM IST

नई दिल्ली : अडाणी हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज यानी सोमवार 15 मई को सुनवाई हुई. जिसमें सेबी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 2016 से अडाणी ग्रुप की जांच के सभी दावे फैक्चुअली निराधार हैं. अडाणी ग्रुप की कोई भी लिस्टेड कंपनी 2016 की जांच का हिस्सा नहीं है, जिसमें 51 कंपनियां शामिल हैं. बाजार नियामक ने आगे कहा कि उसकी जांच का कोई भी गलत या समय से पहले किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना न्याय के हित में नहीं होगा और कानूनी रुप से अस्थिर होगा.

सेबी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पहले ही 11 विदेशी नियामकों से संपर्क किया जा चुका है. यह पता लगाने के लिए क्या अडाणी ग्रुप ने अपने पब्लिकली अवेलेबल शेयरों के संबंध में किसी भी पैरामीटर का उल्लंघन किया है या नहीं.

आपको बता दें इससे पहले 12 मई को हुई अडाणी- हिंडनबर्ग मामले में सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को 6 महीने का अतिरिक्त समय देने से मना कर दिया. कोर्ट ने कहा था कि वह 6 महीने का समय नहीं दे सकते. सेबी को अपनी जांच में तेजी लानी होगी. वह अगस्त माह के मध्य में फिर इस मामले में सुनवाई करेंगे. तब तक सेबी जांच पूरी करके अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सौंपे.

अडाणी हिंडनबर्ग मामले में जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जज एएम सप्रे की अध्यक्षता में एक '6 सदस्यीय एक्सपर्ट पैनल' बनाई थी. जिसने 8 मई को बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. 12 मई को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उसने अभी रिपोर्ट पढ़ी नहीं है. रिपोर्ट पढ़ने के बाद 15 मई को इस मामले में सुनवाई की जाएगी.

सेबी इन दो मामलों की कर रही जांच
सेबी अडाणी ग्रुप से जुड़े दो मुख्य मामलों की जांच कर रही है. पहला यह कि क्या अडाणी ग्रुप ने सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन रूल्स के नियम 19 (A) का उल्लंघन किया है? और दूसरा यह कि क्या मौजूदा कानूनों का उल्लंघन कर स्टॉक की कीमतों में कोई हेरफेर हुआ? दरअसल Securities Contract Regulation Rules 19(A) शेयर मार्केट में लिस्टेड कंपनियों की मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग से जुड़ा है. भारतीय कानून में किसी भी लिस्टेड कंपनी में कम से कम 25 फीसदी शेयरहोल्डिंग पब्लिक की होनी चाहिए. हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने शेल कंपनियों के माध्यम से शेयरों में हेर-फेर किया.

पढ़ें : Adani Hindenburg News: अडाणी हिंडनबर्ग मामले में अगली सुनवाई 15 मई को, सेबी को मिल सकता है 3 महीने का समय!

नई दिल्ली : अडाणी हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज यानी सोमवार 15 मई को सुनवाई हुई. जिसमें सेबी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 2016 से अडाणी ग्रुप की जांच के सभी दावे फैक्चुअली निराधार हैं. अडाणी ग्रुप की कोई भी लिस्टेड कंपनी 2016 की जांच का हिस्सा नहीं है, जिसमें 51 कंपनियां शामिल हैं. बाजार नियामक ने आगे कहा कि उसकी जांच का कोई भी गलत या समय से पहले किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना न्याय के हित में नहीं होगा और कानूनी रुप से अस्थिर होगा.

सेबी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पहले ही 11 विदेशी नियामकों से संपर्क किया जा चुका है. यह पता लगाने के लिए क्या अडाणी ग्रुप ने अपने पब्लिकली अवेलेबल शेयरों के संबंध में किसी भी पैरामीटर का उल्लंघन किया है या नहीं.

आपको बता दें इससे पहले 12 मई को हुई अडाणी- हिंडनबर्ग मामले में सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को 6 महीने का अतिरिक्त समय देने से मना कर दिया. कोर्ट ने कहा था कि वह 6 महीने का समय नहीं दे सकते. सेबी को अपनी जांच में तेजी लानी होगी. वह अगस्त माह के मध्य में फिर इस मामले में सुनवाई करेंगे. तब तक सेबी जांच पूरी करके अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सौंपे.

अडाणी हिंडनबर्ग मामले में जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जज एएम सप्रे की अध्यक्षता में एक '6 सदस्यीय एक्सपर्ट पैनल' बनाई थी. जिसने 8 मई को बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. 12 मई को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उसने अभी रिपोर्ट पढ़ी नहीं है. रिपोर्ट पढ़ने के बाद 15 मई को इस मामले में सुनवाई की जाएगी.

सेबी इन दो मामलों की कर रही जांच
सेबी अडाणी ग्रुप से जुड़े दो मुख्य मामलों की जांच कर रही है. पहला यह कि क्या अडाणी ग्रुप ने सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन रूल्स के नियम 19 (A) का उल्लंघन किया है? और दूसरा यह कि क्या मौजूदा कानूनों का उल्लंघन कर स्टॉक की कीमतों में कोई हेरफेर हुआ? दरअसल Securities Contract Regulation Rules 19(A) शेयर मार्केट में लिस्टेड कंपनियों की मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग से जुड़ा है. भारतीय कानून में किसी भी लिस्टेड कंपनी में कम से कम 25 फीसदी शेयरहोल्डिंग पब्लिक की होनी चाहिए. हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने शेल कंपनियों के माध्यम से शेयरों में हेर-फेर किया.

पढ़ें : Adani Hindenburg News: अडाणी हिंडनबर्ग मामले में अगली सुनवाई 15 मई को, सेबी को मिल सकता है 3 महीने का समय!

Last Updated : May 15, 2023, 5:25 PM IST
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