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Air India Pilots Demand: यूनियनों के विरोध के बीच एयर इंडिया ने पायलट एग्रीमेंट की समय सीमा बढ़ाई

एयर इंडिया ने पायलटों के लिए संशोधित मुआवजा ढांचे (रिवाइज्ड कंपनसेशन स्ट्रक्चर) की समयावधि बढ़ा दी है. लगभग 800 पायलटों ने रिवाइज्ड कंपनसेशन स्ट्रक्चर पर साइन नहीं किया है जिसके तहत समय सीमा बढ़ाने के लिए फैसला लिया गया.

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Published : May 10, 2023, 3:32 PM IST

Air India Pilots Demand
एयर इंडिया

नई दिल्ली : एयर इंडिया ने दो यूनियनों के विरोध के बावजूद पायलटों के लिए संशोधित मुआवजा ढांचे को स्वीकार करने की समय सीमा बढ़ाने का फैसला किया है. सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है. एयर इंडिया द्वारा आयोजित 4 मई की टाउन हॉल मीटिंग के बाद यह फैसला लिया गया. मीटिंग में कई पायलटों की चिंताओं पर सोच- विचार किया गया था. सूत्रों ने खुलासा किया कि बैठक के दौरान, लगभग 800 पायलट टाउन हॉल मीटिंग में मौजूद थे. जो अभी तक नए मुआवजे के ढांचे पर सहमत नहीं हुए थे.

इस सप्ताह के अंत तक का समय : बैठक की अध्यक्षता एयर इंडिया के चीफ ऑफ ऑपरेशंस कैप्टन राजविंदर सिंह संधू ने की, जो खुद एक पायलट हैं. एयरलाइन ने नए अनुबंधों पर हस्ताक्षर करने के लिए पायलटों को इस सप्ताह के अंत तक का समय दिया है. इस बीच, दो पायलट यूनियन - इंडियन कमर्शियल पायलट एसोसिएशन (आईसीपीए) और इंडियन पायलट गिल्ड (आईपीजी) ने एयरलाइन के संशोधित मुआवजे के ढांचे पर चर्चा के लिए मंगलवार को एक संयुक्त बैठक बुलाई.

800 पायलटों ने रिवाइज्ड कंपनसेशन स्ट्रक्चर पर साइन नहीं किया : एक सूत्र के अनुसार, बड़ी संख्या में पायलट नए अनुबंधों पर हस्ताक्षर नहीं करने के अपने रुख पर अड़े रहे. पायलटों द्वारा उठाई गई चिंताओं को देखते हुए, एयरलाइन ने नए अनुबंधों के बारे में निर्णय लेने के लिए समय सीमा बढ़ाने का फैसला किया. विस्तारित समय सीमा अब इस सप्ताह के अंत तक पायलटों को अपना मन बनाने की अनुमति देती है.

नई सेवा शर्तों को संबोधित करने और आगे का रास्ता तय करने के लिए, यूनियनों ने अपने संबंधित सदस्यों के साथ एक वर्चुअल बैठक की. सूत्रों ने कहा, इस बैठक का मकसद संशोधित मुआवजे के ढांचे पर विस्तार से चर्चा करना और भविष्य की कार्रवाई का निर्धारण करना था. 19 अप्रैल को आईसीपीए और आईपीजी ने एयरलाइन के प्रस्तावित नए वेतन ढांचे को खारिज कर दिया था.

विवाद की वजह उड़ान भत्ते में कमी है : विवाद की प्रमुख कारण नए ढांचे के तहत हर महीने उड़ान भत्ते को 70 घंटे से घटाकर 40 घंटे करना है, जिसे पायलट सही नहीं मानते हैं. दोनों यूनियनों ने प्रबंधन को उनकी सहमति के बिना नई शर्तों के साथ आगे नहीं बढ़ने की चेतावनी दी है. जबकि एयर इंडिया ने कहा है कि वह अपने शेष कर्मचारियों के साथ जुड़ना जारी रखेगी, एयरलाइंस ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि एयर इंडिया में कोई मान्यता प्राप्त यूनियन नहीं है. पायलट यूनियन ने अपने सदस्यों को प्रबंधन द्वारा दी गई नई रोजगार शर्तों और वेतन संरचना को नहीं मानने को कहा है.
(आईएएनएस)

पढ़ें : Air India Pilots: एयर इंडिया के पायलटों ने संशोधित वेतन ढांचे के मुद्दे में रतन टाटा से हस्तक्षेप की मांग की

नई दिल्ली : एयर इंडिया ने दो यूनियनों के विरोध के बावजूद पायलटों के लिए संशोधित मुआवजा ढांचे को स्वीकार करने की समय सीमा बढ़ाने का फैसला किया है. सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है. एयर इंडिया द्वारा आयोजित 4 मई की टाउन हॉल मीटिंग के बाद यह फैसला लिया गया. मीटिंग में कई पायलटों की चिंताओं पर सोच- विचार किया गया था. सूत्रों ने खुलासा किया कि बैठक के दौरान, लगभग 800 पायलट टाउन हॉल मीटिंग में मौजूद थे. जो अभी तक नए मुआवजे के ढांचे पर सहमत नहीं हुए थे.

इस सप्ताह के अंत तक का समय : बैठक की अध्यक्षता एयर इंडिया के चीफ ऑफ ऑपरेशंस कैप्टन राजविंदर सिंह संधू ने की, जो खुद एक पायलट हैं. एयरलाइन ने नए अनुबंधों पर हस्ताक्षर करने के लिए पायलटों को इस सप्ताह के अंत तक का समय दिया है. इस बीच, दो पायलट यूनियन - इंडियन कमर्शियल पायलट एसोसिएशन (आईसीपीए) और इंडियन पायलट गिल्ड (आईपीजी) ने एयरलाइन के संशोधित मुआवजे के ढांचे पर चर्चा के लिए मंगलवार को एक संयुक्त बैठक बुलाई.

800 पायलटों ने रिवाइज्ड कंपनसेशन स्ट्रक्चर पर साइन नहीं किया : एक सूत्र के अनुसार, बड़ी संख्या में पायलट नए अनुबंधों पर हस्ताक्षर नहीं करने के अपने रुख पर अड़े रहे. पायलटों द्वारा उठाई गई चिंताओं को देखते हुए, एयरलाइन ने नए अनुबंधों के बारे में निर्णय लेने के लिए समय सीमा बढ़ाने का फैसला किया. विस्तारित समय सीमा अब इस सप्ताह के अंत तक पायलटों को अपना मन बनाने की अनुमति देती है.

नई सेवा शर्तों को संबोधित करने और आगे का रास्ता तय करने के लिए, यूनियनों ने अपने संबंधित सदस्यों के साथ एक वर्चुअल बैठक की. सूत्रों ने कहा, इस बैठक का मकसद संशोधित मुआवजे के ढांचे पर विस्तार से चर्चा करना और भविष्य की कार्रवाई का निर्धारण करना था. 19 अप्रैल को आईसीपीए और आईपीजी ने एयरलाइन के प्रस्तावित नए वेतन ढांचे को खारिज कर दिया था.

विवाद की वजह उड़ान भत्ते में कमी है : विवाद की प्रमुख कारण नए ढांचे के तहत हर महीने उड़ान भत्ते को 70 घंटे से घटाकर 40 घंटे करना है, जिसे पायलट सही नहीं मानते हैं. दोनों यूनियनों ने प्रबंधन को उनकी सहमति के बिना नई शर्तों के साथ आगे नहीं बढ़ने की चेतावनी दी है. जबकि एयर इंडिया ने कहा है कि वह अपने शेष कर्मचारियों के साथ जुड़ना जारी रखेगी, एयरलाइंस ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि एयर इंडिया में कोई मान्यता प्राप्त यूनियन नहीं है. पायलट यूनियन ने अपने सदस्यों को प्रबंधन द्वारा दी गई नई रोजगार शर्तों और वेतन संरचना को नहीं मानने को कहा है.
(आईएएनएस)

पढ़ें : Air India Pilots: एयर इंडिया के पायलटों ने संशोधित वेतन ढांचे के मुद्दे में रतन टाटा से हस्तक्षेप की मांग की

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