नई दिल्ली : आदित्य बिड़ला ग्रुप का बिजनेस टेलीकॉम, सीमेंट, टेक्सटाइल मेटल समेत कई सेक्टर्स में फैला हुआ है. ग्रुप अब ज्वैलरी सेक्टर में भी अपनी किस्मत आजमाने जा रही है. समूह ने मंगलवार को यह जानकारी दी है. आदित्य बिड़ला समूह इसके लिए 5000 करोड़ रुपये भी निवेश करेगा. इस बिजनेस में एंट्री लेने के बाद बिड़ला ग्रुप की सीधी टक्कर टाटा समूह की तनिष्क ब्रांड और कल्याण ज्वेलर्स जैसे दिग्गज कंपनियों से होगी.
बिड़ला ग्रुप के ज्वैलरी शॉप का क्या होगा नाम
आदित्य बिड़ला ग्रुप के दिए एक बयान अनुसार पता चलता है कि ज्वैलरी बिजनेस का नाम 'नॉवेल ज्वेल्स'(Novel Jewels) होगा. बयान में समूह ने कहा कि इस बिजनेस के लिए आदित्य ग्रुप देश भर में नॉवेल ज्वेल्स इन-हाउस ज्वैलरी ब्रांडों के साथ बड़े प्रारूप वाले एक्सक्लूसिव ज्वैलरी रिटेल स्टोर खोलेगा. कंपनी का मानना है कि वह इसके माध्यम से देश में उच्च गुणवत्ता वाले आभूषणों की बढ़ती मांग को पूरा करेगी.
भारतीय ग्राहकों को ज्वैलरी में मिलेगा ऑप्शन
आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि हमारा इस सेक्टर में प्रवेश भारतीय ग्राहकों को ज्वैलरी में और अधिक ऑप्शन देगा. हम पहले से ही लाइफस्टाइल रिटेल में मौजूद हैं और अब हमारा ये स्टेप ज्वैलरी बिजनेस उपभोक्ता वरीयताओं की बारीक समझ को समझने में मदद करेगा. वैसे भी भारतीयों की बढ़ती डिस्पोजेबल आय के साथ वो समझदार हो गए हैं और उन्हें डिजाइन-आधारित उच्च गुणवत्ता वाले आभूषणों ज्यादा पसंद आ रहे हैं.
भारत में आभूषण बाजार का हाल
भारत में रत्न और आभूषण का बाजार काफी फल-फूल रहा है. इसका देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग 7 फीसदी हिस्सेदारी है. इसके अलावा अनुमान लगाया जा रहा है कि 2050 तक आभूषण बाजार 90 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगे.
(भाषा इनपुट के साथ)