नयी दिल्ली : एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.4 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष के लिए 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा और कहा कि मजबूत घरेलू मांग से क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को उबरने में मदद मिलेगी. एडीबी ने एशियन डेवल्पमेंट आउटलुक में अद्यतन जानकारी देते हुए बताया कि ईंधन और खाद्य कीमतें घटने के कारण मुद्रास्फीति में गिरावट जारी रहने की उम्मीद है, जो वैश्विक महामारी से पहले के स्तर के करीब पहुंच जाएगी. उसने एशिया की विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए मुद्रास्फीति इस वर्ष 3.6 प्रतिशत और 2024 में 3.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है.
भारतीय अर्थव्यवस्था ने मार्च 2023 को समाप्त वित्त वर्ष 2022-23 में 7.2 प्रतिशत वृद्धि की. एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री अल्बर्ट पार्क ने कहा, "एशिया और प्रशांत क्षेत्र लगातार महामारी से उबर रहे हैं." एडीबी ने अप्रैल में अनुमान लगाया था कि सख्त मौद्रिक स्थितियों और तेल की ऊंची कीमतों के कारण चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर घटकर 6.4 प्रतिशत रहेगी. भारत 1966 में गठित बहुपक्षीय वित्तीय एजेंसी ADB का संस्थापक सदस्य व चौथा सबसे बड़ा शेयरधारक भी है.
SBI-RBI-NSO की रिपोर्ट
कुछ दिन पहले ही SBI ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अपनी एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें अनुमान लगाया गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2023 की अवधि) में 5.5% की वृद्धि दर दर्ज करेगी, जिससे वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 7% से रहने का अनुमान लगाया है . SBI की रिपोर्ट से पहले RBI और National Statistical Organisation - NSO ने भी अर्थव्यवस्था को लेकर अपनी रिपोर्ट जारी की है. जिसमें RBI ने चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद- GDP की वृद्धि दर 5.1% होने का अनुमान लगाया है. वहीं, एनएसओ ने पिछले वित्त वर्ष में वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर लगभग 7% रहने का अनुमान लगाया है.
( एक्स्ट्रा इनपुट एजेंसी )
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