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श्रीलंका पोर्ट के बाद Adani Group की नजर अब पड़ोसी देशों पर

अडाणी ग्रुप के सीईओ ने बताया है कि कंपनी अडाणी पोर्ट्स की नजर पड़ोसी देशों के अवसरों पर है. साथ ही कहा कि अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन के रेवेन्यू में बंदरगाहों का कारोबार 90 फीसदी है. पढ़ें पूरी खबर...(Adani Group, Adani CEO, United States government, Karan Adani, investment, Adani Hindenburg, Adani West Container Terminal in Colombo, Adani Sri Lanka port)

Adani Group
अडाणी पोर्ट्स
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 13, 2023, 1:03 PM IST

मुंबई: हाल ही में गौतम अडाणी के श्रीलंका के कोलंबो में अपने वेस्ट कंटेनर टर्मिनल के लिए अमेरिकी सरकार की ओर से 553 मिलियन डॉलर के महत्वपूर्ण निवेश की घोषणा की गई है. इसके बाद अडाणी के सीईओ करण अडाणी का बड़ा बयान सामने आया है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार सीईओ ने बताया है कि अडाणी पोर्ट्स हमारे पड़ोसी देशों में अवसरों पर नजर रख रही है. मीडिया से बात करते हुए सीईओ ने यह भी कहा कि अंतर्राष्ट्रीय विकास वित्त निगम द्वारा साथसमर्थित अमेरिकी वित्तपोषण, भारतीय समूह की कंपनियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन की रिकन्फर्मेशन है.

Adani Group
अडाणी पोर्ट्स

अडाणी के अनुसार, पड़ोसी देशों में श्रीलंका और इजराइल की मौजूदा योजनाओं के अलावा बांग्लादेश, वियतनाम और तंजानिया में संभावित एंटरप्राइजेज शामिल हैं. उन्होंने कहा कि अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन के रेवेन्यू में बंदरगाहों का कारोबार 90 फीसदी है. यह प्रवृत्ति जारी रहेगी क्योंकि कंपनी भारत में विस्तार करना जारी रखेगी.

Adani Group
अडाणी पोर्ट्स

फाइनेंशियल डील से अडाणी को मिलेगी मदद
सीईओ ने बताया कि फाइनेंशियल डील अडाणी ग्रुप के लिए एक वेलकम इनकरेजमेंट है, क्योंकि कंपनी को शॉर्ट-सेलर हमले और कॉर्पोरेट धोखाधड़ी के आरोपों सहित चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. यह निवेश न केवल अडाणी समूह के लिए एक रणनीतिक कदम है, बल्कि वाशिंगटन द्वारा बंदरगाह परियोजना के समर्थन का भी संकेत है, जिसका उद्देश्य महत्वपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के समुद्री प्रभाव का मुकाबला करना है.

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अडाणी पोर्ट्स

अडाणी के अनुसार, पड़ोसी देशों में श्रीलंका और इजराइल की मौजूदा योजनाओं के अलावा बांग्लादेश, वियतनाम और तंजानिया में संभावित एंटरप्राइजेज शामिल हैं. उन्होंने कहा कि अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन के रेवेन्यू में बंदरगाहों का कारोबार 90 फीसदी है. यह प्रवृत्ति जारी रहेगी क्योंकि कंपनी भारत में विस्तार करना जारी रखेगी.

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फाइनेंशियल डील से अडाणी को मिलेगी मदद
सीईओ ने बताया कि फाइनेंशियल डील अडाणी ग्रुप के लिए एक वेलकम इनकरेजमेंट है, क्योंकि कंपनी को शॉर्ट-सेलर हमले और कॉर्पोरेट धोखाधड़ी के आरोपों सहित चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. यह निवेश न केवल अडाणी समूह के लिए एक रणनीतिक कदम है, बल्कि वाशिंगटन द्वारा बंदरगाह परियोजना के समर्थन का भी संकेत है, जिसका उद्देश्य महत्वपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के समुद्री प्रभाव का मुकाबला करना है.

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