नई दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी का वाहनों की बिक्री समेत अर्थव्यवस्था के विभिन्न घटकों पर व्यापक असर हुआ. हालांकि अब स्थितियां सामान्य होने लगी हैं. टाटा मोटर्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि अब उनकी कंपनी के छोटे व्यावसायिक वाहनों की बिक्री कोरोना वायरस महामारी से पहले के स्तर पर पहुंचने लगी है.
महामारी तथा इसकी रोकथाम के लिए देश भर में लगाए गए लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर स्वरोजगार तथा कम-मध्यम आय वाले वर्ग के ऊपर हुआ. छोटे व्यावसायिक वाहनों की बिक्री से इस वर्ग के आर्थिक हालात भी मालूम पड़ते हैं.
टाटा मोटर्स के छोटे व्यावसायिक वाहन बाजार को देखने वाले उपाध्यक्ष विनय पाठक ने एक साक्षात्कार में कहा कि अर्थव्यवस्था में अब मांग आ रही है. उन्होंने कहा, 'हमारे छोटे व्यावसायिक वाहनों की मांग महामारी से पहले के स्तर के आस-पास पहुंच चुकी है. अगस्त-सितंबर तक बिक्री सामान्य होने लगी है. दक्षिण भारत और पश्चिमी भारत में मांग कुछ नीचे है लेकिन पूर्वी और उत्तरी भारत से अच्छी मांग आ रही है. कुल मिलाकर कहा जाए तो उपभोक्ताओं की ओर से मांग आ रही है.'
पढ़ें-टाटा मोटर्स को यात्री वाहन कारोबार के लिए भागीदार की तलाश
कोरोना वायरस महामारी के कारण भारत में मार्च के अंत में देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया था. इस कारण कंपनियों के मार्च के प्रदर्शन पर भी महामारी का असर हुआ था. इससे पहले फरवरी में टाटा मोटर्स ने 3,356 छोटे व्यावसायिक वाहनों (एससीवी) की बिक्री की थी.
त्योहारी सीजन के बारे में उम्मीदें पूछे जाने पर पाठक ने कहा कि उन्हें दीपावली तक मांग के पूरी तरह से सामान्य हो जाने के अनुमान हैं. उन्होंने कहा कि 'हमने अपने ग्राहकों के लिए त्योहारी पेशकश भी तैयार किए हैं. इनसे भी एससीवी बिक्री को मदद मिलेगी.'
उनसे जब एससीवी श्रेणी में नए मॉडल उतारने की टाटा मोटर्स की योजना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, नए उत्सर्जन मानक (भारत स्टेज छह) से पहले तरह-तरह के मॉडल हुआ करते थे.
उन्होंने कहा, 'जब हम भारत स्टेज चार से भारत स्टेज छह में जाने के समय अपने उत्पादों के बारे में योजना बना रहे थे, हमने तीन प्लेटफॉर्म (तीन ब्रांड) पर ही आगे बढ़ने का निर्णय लिया. ये तीन ब्रांड 'एस, इंट्रा और योद्धा' हैं. हम इनके ही अलग संस्करण उतार सकते हैं.'
(पीटीआई-भाषा)