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बरसात के मौसम में लगी सब्जियों की कीमतों में आग - कारोबार न्यूज

आजादपुर मंडी ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन के प्रेसीडेंट राजेंद्र शर्मा ने बताया कि दक्षिण भारत में भारी बारिश और बाढ़ के कारण फसल खराब होने से महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से प्याज की मांग दक्षिण भारत में बढ़ जाने से कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई है, लेकिन आवक बढ़ने से अगले एक दो दिनों में प्याज की कीमत में फिर नरमी आ जाएगी.

बरसात के मौसम में लगी सब्जियों की कीमतों में आग
बरसात के मौसम में लगी सब्जियों की कीमतों में आग
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Published : Aug 21, 2020, 3:50 PM IST

नई दिल्ली: देश के विभिन्न भागों में हुई भारी बारिश और बाढ़ के हालात के चलते हरी सब्जियों की आवक घटने से इनकी कीमतों में भारी इजाफा हो गया है.

आलू, प्याज, टमाटर समेत तमाम हरी सब्जियों के दाम आसमान चढ़ गए हैं. दिल्ली-एनसीआर में बैगन, लौकी और तोरई भी 50 रुपये किलो मिल रही है. फुलगोभी 120 रुपय किलो तो शिमला मिर्च 100 रुपये किलो हो गई है. प्याज जो 20 रुपये किलो मिल रहा था अब 30 रुपये किलो से उंचे भाव पर मिलने लगा है.

आजादपुर मंडी ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन के प्रेसीडेंट राजेंद्र शर्मा ने बताया कि दक्षिण भारत में भारी बारिश और बाढ़ के कारण फसल खराब होने से महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से प्याज की मांग दक्षिण भारत में बढ़ जाने से कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई है, लेकिन आवक बढ़ने से अगले एक दो दिनों में प्याज की कीमत में फिर नरमी आ जाएगी.

आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव शुक्रवार को पांच रुपये से 15 रुपये प्रति किलो था. वहीं, आलू का का थोक भाव 13 रुपये से 44 रुपये प्रति किलो जबकि टमाटर का थोक भाव आठ रुपये से 43.50 रुपये प्रति किलो. शर्मा ने बताया कि बरसात के चलते हरी सब्जियों के दाम में इजाफा हुआ है, लेकिन जिन सब्जियों की लाइफ अधिक होती है उनकी कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हुई है.

ये भी पढ़ें: भारतीय रिफाइनरियों के रन कैपेसिटी कम करने के कारण बढ़ रहें पेट्रोल के दाम

ग्रेटर नोएडा के खुदरा सब्जी कारोबारी सुनील यादव ने कहा कि थोक मंडियों से ही सब्जियां उंचे भाव पर आ रही हैं, इसलिए वे उंचे दाम पर बेच रहे हैं. यादव ने कहा कि उंचे भाव पर खरीद से नुकसान ज्यादा होने का डर बना रहता है क्योंकि बिक्री कम हो जाती है. उन्होंने कहा कि जहां लोग पहले 50 रुपये में ढाई किलो तोरई खरीदते थे वहां अब एक किलो का दाम 50 रुपये हो गया है. इसलिए मांग कम हो गई है.

सब्जियों की महंगाई बीते दो महीने से जारी है. बीते महीने जुलाई में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई दर 6.93 फीसदी दर्ज की गई जबकि उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) आधारित खाद्य पदार्थों की खुदरा महंगाई दर जुलाई में 9.62 फीसदी रही. इसमें सब्जियों की महंगाई जुलाई में पिछले साल के इसी महीने से 11.29 फीसदी बढ़ी है.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली: देश के विभिन्न भागों में हुई भारी बारिश और बाढ़ के हालात के चलते हरी सब्जियों की आवक घटने से इनकी कीमतों में भारी इजाफा हो गया है.

आलू, प्याज, टमाटर समेत तमाम हरी सब्जियों के दाम आसमान चढ़ गए हैं. दिल्ली-एनसीआर में बैगन, लौकी और तोरई भी 50 रुपये किलो मिल रही है. फुलगोभी 120 रुपय किलो तो शिमला मिर्च 100 रुपये किलो हो गई है. प्याज जो 20 रुपये किलो मिल रहा था अब 30 रुपये किलो से उंचे भाव पर मिलने लगा है.

आजादपुर मंडी ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन के प्रेसीडेंट राजेंद्र शर्मा ने बताया कि दक्षिण भारत में भारी बारिश और बाढ़ के कारण फसल खराब होने से महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से प्याज की मांग दक्षिण भारत में बढ़ जाने से कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई है, लेकिन आवक बढ़ने से अगले एक दो दिनों में प्याज की कीमत में फिर नरमी आ जाएगी.

आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव शुक्रवार को पांच रुपये से 15 रुपये प्रति किलो था. वहीं, आलू का का थोक भाव 13 रुपये से 44 रुपये प्रति किलो जबकि टमाटर का थोक भाव आठ रुपये से 43.50 रुपये प्रति किलो. शर्मा ने बताया कि बरसात के चलते हरी सब्जियों के दाम में इजाफा हुआ है, लेकिन जिन सब्जियों की लाइफ अधिक होती है उनकी कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हुई है.

ये भी पढ़ें: भारतीय रिफाइनरियों के रन कैपेसिटी कम करने के कारण बढ़ रहें पेट्रोल के दाम

ग्रेटर नोएडा के खुदरा सब्जी कारोबारी सुनील यादव ने कहा कि थोक मंडियों से ही सब्जियां उंचे भाव पर आ रही हैं, इसलिए वे उंचे दाम पर बेच रहे हैं. यादव ने कहा कि उंचे भाव पर खरीद से नुकसान ज्यादा होने का डर बना रहता है क्योंकि बिक्री कम हो जाती है. उन्होंने कहा कि जहां लोग पहले 50 रुपये में ढाई किलो तोरई खरीदते थे वहां अब एक किलो का दाम 50 रुपये हो गया है. इसलिए मांग कम हो गई है.

सब्जियों की महंगाई बीते दो महीने से जारी है. बीते महीने जुलाई में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई दर 6.93 फीसदी दर्ज की गई जबकि उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) आधारित खाद्य पदार्थों की खुदरा महंगाई दर जुलाई में 9.62 फीसदी रही. इसमें सब्जियों की महंगाई जुलाई में पिछले साल के इसी महीने से 11.29 फीसदी बढ़ी है.

(आईएएनएस)

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