नई दिल्ली: चालू गन्ना पेराई सत्र 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) में 15 फरवरी तक चीनी का उत्पादन 219.30 लाख टन हो गया, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 7.73 फीसदी अधिक है.
हालांकि सीजन के अंत में कुल उत्पादन पिछले साल की तुलना में कम रहने की संभावना है. यह जानकारी इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने दी. इस्मा के ताजा आकलन के मुताबिक 15 फरवरी तक देशभर में चालू 507 चीनी मिलों ने 219.30 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है, जबकि पिछले सत्र में इसी अवधि के दौरान देशभर में चालू 494 मिलों में चीनी का कुल उत्पादन 203.55 लाख टन हुआ था.
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निजी चीनी उद्योग के शीर्ष संगठन इस्मा का अनुमान है कि चालू पेराई सत्र में चीनी का कुल उत्पादन 307 लाख टन हो सकता है जबकि पिछले सत्र 2017-18 में देश में चीनी का उत्पादन 322.50 लाख टन रहा था. ताजा आकलन के अनुसार, महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन इस सत्र में 15 फरवरी तक 82.98 लाख टन रहा जबकि पिछले साल 74.7 लाख टन था.
वहीं, उत्तर प्रदेश में चालू सत्र में चीनी का उत्पादन 15 फरवरी तक 63.93 लाख टन हो चुका था जोकि पिछले साल की समान अवधि से 0.77 फीसदी अधिक है. देश के तीसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य कर्नाटक में चीनी का उत्पादन अब तक 38.74 लाख टन हो चुका है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 30.73 लाख टन था.
उद्योग संगठन के अनुसार, 15 फरवरी तक चीनी का उत्पादन तमिलनाडु में 3.50 लाख टन, गुजरात में 7.78 लाख टन, आंध्रप्रदेश में 4.50 लाख टन, बिहार में 4.90 लाख टन, उत्तराखंड में 2.15 लाख टन, पंजाब में 3.75 लाख टन, हरियाणा में 3.60 लाख टन और मध्यप्रदेश में 3.20 लाख टन हुआ है.
इस्मा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य 29 रुपये प्रति किलो से बढ़ाकर 31 रुपये कर दिए जाने से चीनी मिलों को अतिरिक्त आय होगी जिससे उनको गन्ना उत्पादकों का बकाया चुकाने में मदद मिलेगी.
(आईएएनएस)