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छोटी कंपनियों के शेयरों में इस साल अब तक सर्वाधिक 15.42 प्रतिशत तक गिरावट

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Published : Sep 10, 2019, 7:36 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 4:02 AM IST

तीनों सूचकांकों के विश्लेषण के आधार पर एस एंड पी बीएसई 'स्मालकैप' सूचकांक चालू वित्त वर्ष में अब तक 2,317.4 अंक यानी 15.42 प्रतिशत नीचे आया है. वहीं मझोली कंपनियों के शेयरों का सूचकांक 1,985 अंक यानी 12.82 प्रतिशत टूटा है.

छोटी कंपनियों के शेयरों में इस साल अब तक सर्वाधिक 15.42 प्रतिशत तक गिरावट

नई दिल्ली: बंबई शेयर बाजार में छोटी और मझोली कंपनियों के शेयरों के सूचकांकों में बड़ी कंपनियों की तुलना में चालू वित्त वर्ष में अब तक 15.42 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई.

तीनों सूचकांकों के विश्लेषण के आधार पर एस एंड पी बीएसई 'स्मालकैप' (छोटी कंपनियों के शेयर) सूचकांक चालू वित्त वर्ष में अब तक 2,317.4 अंक यानी 15.42 प्रतिशत नीचे आया है. वहीं मझोली कंपनियों के शेयरों का सूचकांक 1,985 अंक यानी 12.82 प्रतिशत टूटा है.

हालांकि, अगर सेंसेक्स की तुलना छोटी कंपनियों के शेयरों से की जाए तो सेंसेक्स में उतनी तीव्र गिरावट नहीं आई. तीस शेयरों पर आधारित सूचकांक में 1,527.46 अंक यानी 3.94 प्रतिशत की गिरावट आयी है.

ये भी पढ़ें- हुआवेई पी40 स्मार्टफोन हार्मनी ओएस के साथ 2020 में आएगी

मझोली कंपनियों के शेयरों का सूचकांक इस साल साल 23 अगस्त को 12,914.63 पर पहुंच गया जो 52 सप्ताह का न्यूनतम स्तर है. वहीं छोटी कंपनियों के शेयरों का सूचकांक उसी दिन एक साल के न्यूनतम स्तर 11,950.86 अंक पर आ गया.

विश्लेषकों के अनुसार धनाढ्यों और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों पर ऊंची दर से कर के साथ वाहन क्षेत्र में नरमी से घरेलू शेयर बाजार में निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई.

वैश्विक स्तर पर धीमी पड़ती आर्थिक वृद्धि, अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध और मंदी की आशंका से धारणा कमजोर बनी हुई है.

बाजार में अनिश्चितता के दौरान छोटी कंपनियों के शेयरों में सर्वाधिक बिकवाली दबाव देखा जाता है.

विश्लेषकों के अनुसार लघु कंपनियों के शेयरों को आम तौर पर घरेलू निवेशक खरीदते हैं जबकि विदेशी निवेशकों की नजर मुख्य रूप से प्रमुख कंपनियों पर होती है.

नई दिल्ली: बंबई शेयर बाजार में छोटी और मझोली कंपनियों के शेयरों के सूचकांकों में बड़ी कंपनियों की तुलना में चालू वित्त वर्ष में अब तक 15.42 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई.

तीनों सूचकांकों के विश्लेषण के आधार पर एस एंड पी बीएसई 'स्मालकैप' (छोटी कंपनियों के शेयर) सूचकांक चालू वित्त वर्ष में अब तक 2,317.4 अंक यानी 15.42 प्रतिशत नीचे आया है. वहीं मझोली कंपनियों के शेयरों का सूचकांक 1,985 अंक यानी 12.82 प्रतिशत टूटा है.

हालांकि, अगर सेंसेक्स की तुलना छोटी कंपनियों के शेयरों से की जाए तो सेंसेक्स में उतनी तीव्र गिरावट नहीं आई. तीस शेयरों पर आधारित सूचकांक में 1,527.46 अंक यानी 3.94 प्रतिशत की गिरावट आयी है.

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मझोली कंपनियों के शेयरों का सूचकांक इस साल साल 23 अगस्त को 12,914.63 पर पहुंच गया जो 52 सप्ताह का न्यूनतम स्तर है. वहीं छोटी कंपनियों के शेयरों का सूचकांक उसी दिन एक साल के न्यूनतम स्तर 11,950.86 अंक पर आ गया.

विश्लेषकों के अनुसार धनाढ्यों और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों पर ऊंची दर से कर के साथ वाहन क्षेत्र में नरमी से घरेलू शेयर बाजार में निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई.

वैश्विक स्तर पर धीमी पड़ती आर्थिक वृद्धि, अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध और मंदी की आशंका से धारणा कमजोर बनी हुई है.

बाजार में अनिश्चितता के दौरान छोटी कंपनियों के शेयरों में सर्वाधिक बिकवाली दबाव देखा जाता है.

विश्लेषकों के अनुसार लघु कंपनियों के शेयरों को आम तौर पर घरेलू निवेशक खरीदते हैं जबकि विदेशी निवेशकों की नजर मुख्य रूप से प्रमुख कंपनियों पर होती है.

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Last Updated : Sep 30, 2019, 4:02 AM IST
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