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प्रभु ने पहले आभूषण पार्क का शिलान्यास किया, 2025 तक 75 अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य

वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने देश के पहले आभूषण पार्क का शिलान्यास किया, जहां उन्होंने उम्मीद जताई कि देश का आभूषण निर्यात 2025 तक 75 अरब डॉलर के स्तर को पार कर जाएगा.

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Published : Mar 6, 2019, 1:48 PM IST

कॉन्सेप्ट इमेज।

मुंबई : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने उम्मीद जताई है कि देश का रत्न एवं आभूषण निर्यात 2025 तक बढ़कर 75 अरब डॉलर के स्तर को पार कर जाएगा. प्रभु ने कहा कि आभूषण उद्योग अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इसकी हिस्सेदारी 7 प्रतिशत , वस्तु निर्यात में 14 प्रतिशत है. यह क्षेत्र 50 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार देता है.

केंद्रीय मंत्री ने नवीं मुंबई के पास इंडिया ज्वैलरी पार्क के शिलान्यास कार्यक्रम में कहा कि रत्न एवं आभूषण उद्योग में नवाचार लाने और वैश्विक बाजार के अनुरूप बनाने के लिए एक उपयुक्त तंत्र की जरूरत है. उन्होंने उम्मीद जताई कि यह आभूषण पार्क इस लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यह देश का पहला आभूषण पार्क है. आभूषण निर्यात का अधिकांश भाग बिना तराशे हुए हीरों को तराशने से जुड़ा है.

आभूषण के मामले में, उन्होंने कहा कि हर गांव में एक जौहरी होने और घरेलू कारोबार के फलने-फूलने के बावजूद भी हमारा निर्यात उतना अधिक नहीं है जितना होना चाहिए. इसलिए हम निर्यात को बढ़ावा देना चाहते हैं और ऐसी रणनीति पर काम कर रहे हैं कि कैसे हर देश को लक्षित किया जा सके.

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उन्होंने कहा कि रूस उन प्रमुख देशों में से एक है , जिन पर ध्यान दे रहे हैं. हमने उनके आभूषण उद्योग प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया है. प्रभु ने कहा कि हम रूस से भारी मात्रा में बिना तराशे हीरे आयात करना चाहते हैं और उसे तराश कर वापस निर्यात करना चाहते हैं.

प्रभु ने भरोसा जताया कि उद्योग का निर्यात 2025 तक बढ़कर 75 अरब डॉलर के पार चला जाएगा. वर्तमान में निर्यात 42 अरब डॉलर पर है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस अवसर पर कहा कि मुंबई सबसे ज्यादा मात्रा में रत्न एवं आभूषणों का निर्यात करता है. कुल निर्यात में उसकी हिस्सेदारी 69 प्रतिशत यानी 28.32 अरब डॉलर है.

उन्होंने कहा कि द इंडिया ज्वैलरी पार्क देश में अपनी तरह का पहला आभूषण पार्क है. यह केवल मुंबई के आभूषण उद्योग में नहीं बल्कि देश में भी बदलाव लाएगा. पार्क से एक लाख नई नौकरियां सृजित करने की उम्मीद है. यह एक एकीकृत औद्योगिक पार्क होगा जिसमें विनिर्माण इकाइयां, वाणिज्यिक क्षेत्र, औद्योगिक श्रमिकों के लिए आवास और वाणिज्यिक सहायता सेवाओं सभी सुविधा एक ही जगह उपलब्ध होंगी.
(भाषा)
पढ़ें : भारत का आयात शुल्क डब्ल्यूटीओ के वैश्विक व्यापार नियमों के अनुरूप : सरकार

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मुंबई : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने उम्मीद जताई है कि देश का रत्न एवं आभूषण निर्यात 2025 तक बढ़कर 75 अरब डॉलर के स्तर को पार कर जाएगा. प्रभु ने कहा कि आभूषण उद्योग अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इसकी हिस्सेदारी 7 प्रतिशत , वस्तु निर्यात में 14 प्रतिशत है. यह क्षेत्र 50 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार देता है.

केंद्रीय मंत्री ने नवीं मुंबई के पास इंडिया ज्वैलरी पार्क के शिलान्यास कार्यक्रम में कहा कि रत्न एवं आभूषण उद्योग में नवाचार लाने और वैश्विक बाजार के अनुरूप बनाने के लिए एक उपयुक्त तंत्र की जरूरत है. उन्होंने उम्मीद जताई कि यह आभूषण पार्क इस लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यह देश का पहला आभूषण पार्क है. आभूषण निर्यात का अधिकांश भाग बिना तराशे हुए हीरों को तराशने से जुड़ा है.

आभूषण के मामले में, उन्होंने कहा कि हर गांव में एक जौहरी होने और घरेलू कारोबार के फलने-फूलने के बावजूद भी हमारा निर्यात उतना अधिक नहीं है जितना होना चाहिए. इसलिए हम निर्यात को बढ़ावा देना चाहते हैं और ऐसी रणनीति पर काम कर रहे हैं कि कैसे हर देश को लक्षित किया जा सके.

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उन्होंने कहा कि रूस उन प्रमुख देशों में से एक है , जिन पर ध्यान दे रहे हैं. हमने उनके आभूषण उद्योग प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया है. प्रभु ने कहा कि हम रूस से भारी मात्रा में बिना तराशे हीरे आयात करना चाहते हैं और उसे तराश कर वापस निर्यात करना चाहते हैं.

प्रभु ने भरोसा जताया कि उद्योग का निर्यात 2025 तक बढ़कर 75 अरब डॉलर के पार चला जाएगा. वर्तमान में निर्यात 42 अरब डॉलर पर है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस अवसर पर कहा कि मुंबई सबसे ज्यादा मात्रा में रत्न एवं आभूषणों का निर्यात करता है. कुल निर्यात में उसकी हिस्सेदारी 69 प्रतिशत यानी 28.32 अरब डॉलर है.

उन्होंने कहा कि द इंडिया ज्वैलरी पार्क देश में अपनी तरह का पहला आभूषण पार्क है. यह केवल मुंबई के आभूषण उद्योग में नहीं बल्कि देश में भी बदलाव लाएगा. पार्क से एक लाख नई नौकरियां सृजित करने की उम्मीद है. यह एक एकीकृत औद्योगिक पार्क होगा जिसमें विनिर्माण इकाइयां, वाणिज्यिक क्षेत्र, औद्योगिक श्रमिकों के लिए आवास और वाणिज्यिक सहायता सेवाओं सभी सुविधा एक ही जगह उपलब्ध होंगी.
(भाषा)
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मुंबई : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने उम्मीद जताई है कि देश का रत्न एवं आभूषण निर्यात 2025 तक बढ़कर 75 अरब डॉलर के स्तर को पार कर जाएगा. प्रभु ने कहा कि आभूषण उद्योग अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इसकी हिस्सेदारी 7 प्रतिशत , वस्तु निर्यात में 14 प्रतिशत है. यह क्षेत्र 50 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार देता है.

केंद्रीय मंत्री ने नवीं मुंबई के पास इंडिया ज्वैलरी पार्क के शिलान्यास कार्यक्रम में कहा कि रत्न एवं आभूषण उद्योग में नवाचार लाने और वैश्विक बाजार के अनुरूप बनाने के लिए एक उपयुक्त तंत्र की जरूरत है. उन्होंने उम्मीद जताई कि यह आभूषण पार्क इस लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यह देश का पहला आभूषण पार्क है. आभूषण निर्यात का अधिकांश भाग बिना तराशे हुए हीरों को तराशने से जुड़ा है.

आभूषण के मामले में, उन्होंने कहा कि हर गांव में एक जौहरी होने और घरेलू कारोबार के फलने-फूलने के बावजूद भी हमारा निर्यात उतना अधिक नहीं है जितना होना चाहिए. इसलिए हम निर्यात को बढ़ावा देना चाहते हैं और ऐसी रणनीति पर काम कर रहे हैं कि कैसे हर देश को लक्षित किया जा सके.

उन्होंने कहा कि रूस उन प्रमुख देशों में से एक है , जिन पर ध्यान दे रहे हैं. हमने उनके आभूषण उद्योग प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया है. प्रभु ने कहा कि हम रूस से भारी मात्रा में बिना तराशे हीरे आयात करना चाहते हैं और उसे तराश कर वापस निर्यात करना चाहते हैं.

प्रभु ने भरोसा जताया कि उद्योग का निर्यात 2025 तक बढ़कर 75 अरब डॉलर के पार चला जाएगा. वर्तमान में निर्यात 42 अरब डॉलर पर है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस अवसर पर कहा कि मुंबई सबसे ज्यादा मात्रा में रत्न एवं आभूषणों का निर्यात करता है. कुल निर्यात में उसकी हिस्सेदारी 69 प्रतिशत यानी 28.32 अरब डॉलर है.

उन्होंने कहा कि द इंडिया ज्वैलरी पार्क देश में अपनी तरह का पहला आभूषण पार्क है. यह केवल मुंबई के आभूषण उद्योग में नहीं बल्कि देश में भी बदलाव लाएगा. पार्क से एक लाख नई नौकरियां सृजित करने की उम्मीद है. यह एक एकीकृत औद्योगिक पार्क होगा जिसमें विनिर्माण इकाइयां, वाणिज्यिक क्षेत्र, औद्योगिक श्रमिकों के लिए आवास और वाणिज्यिक सहायता सेवाओं सभी सुविधा एक ही जगह उपलब्ध होंगी.

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