मुंबई: आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के प्रयास में सरकार ने बीते सप्ताह 10 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को विलय करने की एक मेगा योजना का खुलासा किया. जो बैंकों को रास नहीं आया और बैंकिंग सेक्टर्स में गिरावट का सिलसिला देखने को मिला.
2019-20 की जून तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि 6 साल के निचले स्तर 5 प्रतिशत पर आ गई, जो विनिर्माण उत्पादन में भारी गिरावट और कृषि क्षेत्र की गतिविधि में कमी के कारण आई है. जिसका घरेलू बाजारों पर खासा असर हुआ.
साप्ताहिक आधार पर, सेंसेक्स 351 अंकों या 0.94 फीसदी की गिरावट के साथ 36,981.77 पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 77 अंकों या 0.69 फीसदी की गिरावट के साथ 10,946.20 पर बंद हुआ.
मंगलवार को बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स कारोबार में 419.93 अंक यानी 1.12 प्रतिशत गिरकर 36,912.86 अंक पर बंद हुआ. इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 127.55 अंक यानी 1.16 प्रतिशत लुढ़क कर 10,895.70 अंक पर बंद हुआ.
बुधवार को बीएसई सेंसेक्स पर कारोबार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला. इसी के साथ 80.32 यानी 0.22% प्रतिशत की गिरावट के साथ 36,644.42 अंक पर बंद हुआ.
वहीं, एनएसई निफ्टी 3.90 अंक यानी 0.36% प्रतिशत गिरावट के साथ 10,840.75 अंक पर बंद हुआ.
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गुरुवार को बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स एक समय 99.36 अंक की गिरावट में रहा. सेंसेक्स 96.36 अंक की गिरावट के साथ 36,625.38 अंक पर आ गया.
इस तरह एनएसई का निफ्टी भी 6.35 अंक की गिरावट के साथ 10,838.30 अंक पर चल रहा था. बुधवार को सेंसेक्स 161.83 अंक और निफ्टी 46.75 अंक की तेजी के साथ बंद हुआ था.
शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स पर कारोबार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला. इसी के साथ 337.35 यानी 0.92% प्रतिशत की बढ़त के साथ 36,981.77 अंक पर बंद हुआ.
वहीं, एनएसई निफ्टी 93.00 अंक यानी 0.86% प्रतिशत गिरावट के साथ 10,940.90 अंक पर बंद हुआ.