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साप्ताहिक समीक्षा: खाड़ी में तनाव से शेयर बाजार की तेजी पर लगा ब्रेक

प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी लगातार दूसरे सप्ताह गिरावट के साथ बंद हुए. हालांकि बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में साप्ताहिक आधार पर बढ़त दर्ज की गई.

साप्ताहिक समीक्षा: खाड़ी में तनाव से शेयर बाजार की तेजी पर लगा ब्रेक
साप्ताहिक समीक्षा: खाड़ी में तनाव से शेयर बाजार की तेजी पर लगा ब्रेक
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Published : Jan 5, 2020, 12:21 PM IST

मुंबई: नए साल 2020 के आगाज के साथ अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक समझौते की उम्मीद से शेयर बाजार में आई तेजी पर खाड़ी क्षेत्र में पैदा हुए फौजी तनाव के कारण सप्ताह के आखिरी सत्र शुक्रवार को ब्रेक लग गया.

प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी लगातार दूसरे सप्ताह गिरावट के साथ बंद हुए. हालांकि बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में साप्ताहिक आधार पर बढ़त दर्ज की गई.

ये भी पढ़ें- भारत को अफ्रीकी बाजार में चावल पर चीन से चुनौती

बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह के मुकाबले 110.53 अंकों की गिरावट के 41,464.61 पर बंद हुआ. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक निफ्टी पिछले सप्ताह के मुकाबले 19.15 अंकों की कमजोरी के साथ 12,226.65 पर रुका.

हालांकि बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में जबरदस्त तेजी रही. मिडकैप सूचकांक पिछले सप्ताह के मुकाबले 185.33 अंकों यानी 1.24 फीसदी की तेजी के साथ 15,114.55 पर बंद हुआ, जबकि स्मॉलकैप सूचकांक 441.08 अंकों यानी 3.25 फीसदी उछाल के साथ 13,988.89 पर जाकर ठहरा.

सप्ताह की शुरुआत, कमजोरी के साथ हुई. लेकिन दो सत्रों की गिरावट के बाद नए साल में अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक मसलों को लेकर करार होने की उम्मीदों और घरेलू कारकों से तीसरे और चौथे सत्र में तेजी का रुझान देखा गया.

बीते महीने दिसंबर में फिर जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर जाने और सरकार द्वारा 102 लाख करोड़ रुपये की बुनियादी संरचना से जुड़ी परियोजनाओं की घोषणा से शेयर बाजार में सकरात्मक रुझान बना. हालांकि सप्ताह के अंत में अमेरिका और ईरान के बीच तनातनी से खाड़ी क्षेत्र में पैदा हुए नए फौजी तनाव से बाजार में फिर अनिश्चितता के माहौल बीच गिरावट दर्ज की गई.

सप्ताह के पहले सत्र में सोमवार को सेंसेक्स 17.14 अंकों की गिरावट के साथ 41,558 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 10.05 अंकों की बढ़त के साथ 12,255.85 पर रहा. अगले दिन मंगलवार को मंद कारोबारी रुझान के बीच सेंसेक्स 304.26 अंक यानी 0.73 फीसदी लुढ़ककर 41,253.74 पर बंद हुआ और निफ्टी भी 87.40 अंक यानी 0.71 फीसदी फिसलकर 12,168.45 पर ठहरा.

हालांकि, बुधवार को नए साल के आगाज पर सेंसेक्स मामूली 52.28 अंकों की बढ़त के साथ 41,306.02 पर बंद हुआ और निफ्टी भी 21.25 अंक चढ़कर 12,189.70 पर रुका. अगले दिन गुरुवार को भी तेजी जारी रही और सेंसेक्स जोरदार 320.62 अंकों यानी 0.78 फीसदी तेजी के साथ 41,626.64 पर बंद हुआ. निफ्टी भी 100 अंकों की छलांग लगाकर 12,282.95 पर बंद हुआ.

सप्ताह के आखिरी सत्र में शुक्रवार को सेंसेक्स 162.03 अंकों की गिरावट के साथ 41,464.61 पर, जबकि निफ्टी 55.55 अंकों की गिरावट के साथ 12,226.65 पर बंद हुआ.

खाड़ी क्षेत्र में पैदा हुए फौजी तनाव के कारण सप्ताह के आखिरी सत्र में कच्चे तेल के दाम में तीन फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई. साथ ही, घरेलू मुद्रा रुपया में भी डॉलर के मुकाबले कमजोरी आई. डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 42 पैसे की कमजोरी के साथ 71.79 पर बंद हुआ.

मुंबई: नए साल 2020 के आगाज के साथ अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक समझौते की उम्मीद से शेयर बाजार में आई तेजी पर खाड़ी क्षेत्र में पैदा हुए फौजी तनाव के कारण सप्ताह के आखिरी सत्र शुक्रवार को ब्रेक लग गया.

प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी लगातार दूसरे सप्ताह गिरावट के साथ बंद हुए. हालांकि बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में साप्ताहिक आधार पर बढ़त दर्ज की गई.

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बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह के मुकाबले 110.53 अंकों की गिरावट के 41,464.61 पर बंद हुआ. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक निफ्टी पिछले सप्ताह के मुकाबले 19.15 अंकों की कमजोरी के साथ 12,226.65 पर रुका.

हालांकि बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में जबरदस्त तेजी रही. मिडकैप सूचकांक पिछले सप्ताह के मुकाबले 185.33 अंकों यानी 1.24 फीसदी की तेजी के साथ 15,114.55 पर बंद हुआ, जबकि स्मॉलकैप सूचकांक 441.08 अंकों यानी 3.25 फीसदी उछाल के साथ 13,988.89 पर जाकर ठहरा.

सप्ताह की शुरुआत, कमजोरी के साथ हुई. लेकिन दो सत्रों की गिरावट के बाद नए साल में अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक मसलों को लेकर करार होने की उम्मीदों और घरेलू कारकों से तीसरे और चौथे सत्र में तेजी का रुझान देखा गया.

बीते महीने दिसंबर में फिर जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर जाने और सरकार द्वारा 102 लाख करोड़ रुपये की बुनियादी संरचना से जुड़ी परियोजनाओं की घोषणा से शेयर बाजार में सकरात्मक रुझान बना. हालांकि सप्ताह के अंत में अमेरिका और ईरान के बीच तनातनी से खाड़ी क्षेत्र में पैदा हुए नए फौजी तनाव से बाजार में फिर अनिश्चितता के माहौल बीच गिरावट दर्ज की गई.

सप्ताह के पहले सत्र में सोमवार को सेंसेक्स 17.14 अंकों की गिरावट के साथ 41,558 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 10.05 अंकों की बढ़त के साथ 12,255.85 पर रहा. अगले दिन मंगलवार को मंद कारोबारी रुझान के बीच सेंसेक्स 304.26 अंक यानी 0.73 फीसदी लुढ़ककर 41,253.74 पर बंद हुआ और निफ्टी भी 87.40 अंक यानी 0.71 फीसदी फिसलकर 12,168.45 पर ठहरा.

हालांकि, बुधवार को नए साल के आगाज पर सेंसेक्स मामूली 52.28 अंकों की बढ़त के साथ 41,306.02 पर बंद हुआ और निफ्टी भी 21.25 अंक चढ़कर 12,189.70 पर रुका. अगले दिन गुरुवार को भी तेजी जारी रही और सेंसेक्स जोरदार 320.62 अंकों यानी 0.78 फीसदी तेजी के साथ 41,626.64 पर बंद हुआ. निफ्टी भी 100 अंकों की छलांग लगाकर 12,282.95 पर बंद हुआ.

सप्ताह के आखिरी सत्र में शुक्रवार को सेंसेक्स 162.03 अंकों की गिरावट के साथ 41,464.61 पर, जबकि निफ्टी 55.55 अंकों की गिरावट के साथ 12,226.65 पर बंद हुआ.

खाड़ी क्षेत्र में पैदा हुए फौजी तनाव के कारण सप्ताह के आखिरी सत्र में कच्चे तेल के दाम में तीन फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई. साथ ही, घरेलू मुद्रा रुपया में भी डॉलर के मुकाबले कमजोरी आई. डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 42 पैसे की कमजोरी के साथ 71.79 पर बंद हुआ.

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साप्ताहिक समीक्षा: खाड़ी में तनाव से शेयर बाजार की तेजी पर लगा ब्रेक 

मुंबई: नए साल 2020 के आगाज के साथ अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक समझौते की उम्मीद से शेयर बाजार में आई तेजी पर खाड़ी क्षेत्र में पैदा हुए फौजी तनाव के कारण सप्ताह के आखिरी सत्र शुक्रवार को ब्रेक लग गया. 

प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी लगातार दूसरे सप्ताह गिरावट के साथ बंद हुए. हालांकि बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में साप्ताहिक आधार पर बढ़त दर्ज की गई.

बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह के मुकाबले 110.53 अंकों की गिरावट के 41,464.61 पर बंद हुआ. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक निफ्टी पिछले सप्ताह के मुकाबले 19.15 अंकों की कमजोरी के साथ 12,226.65 पर रुका.

हालांकि बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में जबरदस्त तेजी रही. मिडकैप सूचकांक पिछले सप्ताह के मुकाबले 185.33 अंकों यानी 1.24 फीसदी की तेजी के साथ 15,114.55 पर बंद हुआ, जबकि स्मॉलकैप सूचकांक 441.08 अंकों यानी 3.25 फीसदी उछाल के साथ 13,988.89 पर जाकर ठहरा.

सप्ताह की शुरुआत, कमजोरी के साथ हुई. लेकिन दो सत्रों की गिरावट के बाद नए साल में अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक मसलों को लेकर करार होने की उम्मीदों और घरेलू कारकों से तीसरे और चौथे सत्र में तेजी का रुझान देखा गया. 

बीते महीने दिसंबर में फिर जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर जाने और सरकार द्वारा 102 लाख करोड़ रुपये की बुनियादी संरचना से जुड़ी परियोजनाओं की घोषणा से शेयर बाजार में सकरात्मक रुझान बना. हालांकि सप्ताह के अंत में अमेरिका और ईरान के बीच तनातनी से खाड़ी क्षेत्र में पैदा हुए नए फौजी तनाव से बाजार में फिर अनिश्चितता के माहौल बीच गिरावट दर्ज की गई.

सप्ताह के पहले सत्र में सोमवार को सेंसेक्स 17.14 अंकों की गिरावट के साथ 41,558 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 10.05 अंकों की बढ़त के साथ 12,255.85 पर रहा. अगले दिन मंगलवार को मंद कारोबारी रुझान के बीच सेंसेक्स 304.26 अंक यानी 0.73 फीसदी लुढ़ककर 41,253.74 पर बंद हुआ और निफ्टी भी 87.40 अंक यानी 0.71 फीसदी फिसलकर 12,168.45 पर ठहरा.

हालांकि, बुधवार को नए साल के आगाज पर सेंसेक्स मामूली 52.28 अंकों की बढ़त के साथ 41,306.02 पर बंद हुआ और निफ्टी भी 21.25 अंक चढ़कर 12,189.70 पर रुका. अगले दिन गुरुवार को भी तेजी जारी रही और सेंसेक्स जोरदार 320.62 अंकों यानी 0.78 फीसदी तेजी के साथ 41,626.64 पर बंद हुआ. निफ्टी भी 100 अंकों की छलांग लगाकर 12,282.95 पर बंद हुआ.

सप्ताह के आखिरी सत्र में शुक्रवार को सेंसेक्स 162.03 अंकों की गिरावट के साथ 41,464.61 पर, जबकि निफ्टी 55.55 अंकों की गिरावट के साथ 12,226.65 पर बंद हुआ.

खाड़ी क्षेत्र में पैदा हुए फौजी तनाव के कारण सप्ताह के आखिरी सत्र में कच्चे तेल के दाम में तीन फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई. साथ ही, घरेलू मुद्रा रुपया में भी डॉलर के मुकाबले कमजोरी आई. डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 42 पैसे की कमजोरी के साथ 71.79 पर बंद हुआ.


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