मुंबई: भारत का लौह अयस्क आयात चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर की अवधि में 157 प्रतिशत बढ़ा है. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी. घरेलू रेटिंग एजेंसी केयर रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू स्तर पर लौह अयस्क की खरीद पर ऊंची लॉजिस्टिक्स लागत और कम आयात शुल्क की वजह से लौह अयस्क का आयात बढ़ा है.
हालांकि, खास बात यह है कि भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा लौह अयस्क उत्पादक है. केयर रेटिंग्स ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में लौह अयस्क का कुल आयात 1.17 करोड़ टन से अधिक रहा है जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि से 157 प्रतिशत अधिक है.
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भारत के आयात में सबसे अधिक हिस्सा आस्ट्रेलिया से 57 प्रतिशत रहा है. इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका का भारतीय आयात में 19 प्रतिशत, ब्राजील का 15 प्रतिशत और बहरीन का पांच प्रतिशत हिस्सा है. एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई, 2018 में आयात 19.3 लाख टन रहा, जो पिछले पांच साल में किसी एक माह का सबसे ऊंचा आंकड़ा है.
(भाषा)
लौह अयस्क आयात अप्रैल-दिसंबर, 2018 में 157 प्रतिशत बढ़ा - आयात
भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा लौह अयस्क उत्पादक है. केयर रेटिंग्स ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में लौह अयस्क का कुल आयात 1.17 करोड़ टन से अधिक रहा है जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि से 157 प्रतिशत अधिक है.
मुंबई: भारत का लौह अयस्क आयात चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर की अवधि में 157 प्रतिशत बढ़ा है. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी. घरेलू रेटिंग एजेंसी केयर रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू स्तर पर लौह अयस्क की खरीद पर ऊंची लॉजिस्टिक्स लागत और कम आयात शुल्क की वजह से लौह अयस्क का आयात बढ़ा है.
हालांकि, खास बात यह है कि भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा लौह अयस्क उत्पादक है. केयर रेटिंग्स ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में लौह अयस्क का कुल आयात 1.17 करोड़ टन से अधिक रहा है जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि से 157 प्रतिशत अधिक है.
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भारत के आयात में सबसे अधिक हिस्सा आस्ट्रेलिया से 57 प्रतिशत रहा है. इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका का भारतीय आयात में 19 प्रतिशत, ब्राजील का 15 प्रतिशत और बहरीन का पांच प्रतिशत हिस्सा है. एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई, 2018 में आयात 19.3 लाख टन रहा, जो पिछले पांच साल में किसी एक माह का सबसे ऊंचा आंकड़ा है.
(भाषा)
लौह अयस्क आयात अप्रैल-दिसंबर, 2018 में 157 प्रतिशत बढ़ा
मुंबई: भारत का लौह अयस्क आयात चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर की अवधि में 157 प्रतिशत बढ़ा है. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी. घरेलू रेटिंग एजेंसी केयर रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू स्तर पर लौह अयस्क की खरीद पर ऊंची लॉजिस्टिक्स लागत और कम आयात शुल्क की वजह से लौह अयस्क का आयात बढ़ा है.
हालांकि, खास बात यह है कि भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा लौह अयस्क उत्पादक है. केयर रेटिंग्स ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में लौह अयस्क का कुल आयात 1.17 करोड़ टन से अधिक रहा है जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि से 157 प्रतिशत अधिक है.
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भारत के आयात में सबसे अधिक हिस्सा आस्ट्रेलिया से 57 प्रतिशत रहा है. इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका का भारतीय आयात में 19 प्रतिशत, ब्राजील का 15 प्रतिशत और बहरीन का पांच प्रतिशत हिस्सा है. एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई, 2018 में आयात 19.3 लाख टन रहा, जो पिछले पांच साल में किसी एक माह का सबसे ऊंचा आंकड़ा है.
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