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दिसंबर अंत तक सोना जा सकता है 42 हजार रुपये तक: विश्लेषक

पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक अनिश्चितता के चलते सोना वैश्वक थोक बाजार में 1,650 डॉलर प्रति औंस और एमसीएक्स में 42,000 रुपये तक जा सकता है.

दिसंबर अंत तक सोना जा सकता है 42 हजार रुपये तक: विश्लेषक
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Published : Oct 28, 2019, 10:43 PM IST

मुंबई: बाजार विश्लेषकों के अनुसार भू-राजनीतिक अनिश्चितता, केंद्रीय बैंकों की ओर से सोने की सतत खरीद और रुपये की विनिमय दर की कमजोरी से सोना इस साल के अंत तक 42,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर तक पहुंच सकता है.

कॉम्ट्रेन्ज रिसर्च के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) गननशेखर त्यागराजन ने कहा , "पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक अनिश्चितता के चलते सोना वैश्वक थोक बाजार में 1,650 डॉलर प्रति औंस और एमसीएक्स में 42,000 रुपये तक जा सकता है."

उन्होंने कहा कि केन्द्रीय बैंकों की ओर से सोने की निरंतर खरीद, भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं तथा साल के अंत में प्रतिभूति बाजार में सौदे नक्की करने के लिए शेयरों की बिकवाली की संभावना को देखते हुए सुरक्षित निवेश के विकल्प के रूप में सोने का आकर्षण बढ़ सकता है.

एमसीएक्स में सोने का ताजा भाव 38,302 रुपये प्रति 10 ग्राम तथा कॉमेक्स में 1,506 डॉलर चल रहा था. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (एमओएफएसएल) के उपाध्यक्ष-कमोडिटी रिसर्च, नवनीत दमानी ने कहा कि यह साल सोने में लाभ की दृष्टि से सबसे दौर में एक साबित हुआ है घरेलू बाजार में सोने में 15 फीसदी का लाभ हुआ है.

ये भी पढ़ें- सऊदी यात्रा के दौरान 3 लाख करोड़ रुपये की रिफाइनरी परियोजना को अंतिम रूप देंगे प्रधानमंत्री मोदी

डॉलर के मुकाबले रुपये में 1.4 प्रतिशत की गिरावट से भी सोने की इस तेजी को कुछ समर्थन मिला है. उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि सोने में आगे भी तेजी बनी रह सकती है.

व्यापार युद्ध की स्थिति नरम पड़ने से यह तेजी नपी तुली हो सकती है. प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मौजूदा मंदी केंद्रीय बैंकों को अधिक समय के लिए उदार नीति बनाए रखने के लिए प्रेरित कर सकती है और इससे सोने की कीमतों को समर्थन मिल सकता है.

उन्होंने कहा कि व्यापार युद्ध की स्थिति नरम होने से सोने की कीमतों में कुछ तकनीकी सुधार (गिरावट) देखने को मिल सकती है. हालांकि, कीमतों में तेजी बनी हुई है और साल के अंत तक इसके 39,500 रुपये के पिछले उच्च स्तर से भी आगे जाने की संभावना है.

कोटक सिक्योरिटीज के प्रमुख रविंद्र राव ने कहा कि आगे चलकर सोना 1,460-1,530 डॉलर के दायरे में और 36,800-39,400 रुपये के दायरे में रहने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि निवेशकों की मांग सुरक्षित निवेश के विकल्प का सूचक है और यह मांग तीसरी तिमाही में बढ़ी है.

हालांकि, अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता और ब्रेक्सिट सौदे को लेकर उम्मीद पैदा होने की स्थिति से व्यापारीगण कुछ मुनाफावसूली के लिए प्रेरित हुए हैं. उन्होंने कहा कि आईएमएफ के ताजा अनुमानों के अनुसार वैश्विक अर्थव्यवस्था के वर्ष 2019 में 3.0 प्रतिशत और वर्ष 2020 में 3.4 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो अप्रैल के पिछले से 0.3 और 0.2 प्रतिशत कम है.

एबेन्स ग्रुप के अध्यक्ष अभिषेक बंसल ने कहा कि अमेरिकी सांसदों द्वारा 24 सितंबर को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर औपचारिक महाभियोग की पहल के बाद भी सोने को समर्थन मिला. उन्होंने कहा कि सोने की हाजिर कीमतों में उछाल आने और 1,458 डालर के स्तर से ऊपर रहने की संभावना है.

मुंबई: बाजार विश्लेषकों के अनुसार भू-राजनीतिक अनिश्चितता, केंद्रीय बैंकों की ओर से सोने की सतत खरीद और रुपये की विनिमय दर की कमजोरी से सोना इस साल के अंत तक 42,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर तक पहुंच सकता है.

कॉम्ट्रेन्ज रिसर्च के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) गननशेखर त्यागराजन ने कहा , "पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक अनिश्चितता के चलते सोना वैश्वक थोक बाजार में 1,650 डॉलर प्रति औंस और एमसीएक्स में 42,000 रुपये तक जा सकता है."

उन्होंने कहा कि केन्द्रीय बैंकों की ओर से सोने की निरंतर खरीद, भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं तथा साल के अंत में प्रतिभूति बाजार में सौदे नक्की करने के लिए शेयरों की बिकवाली की संभावना को देखते हुए सुरक्षित निवेश के विकल्प के रूप में सोने का आकर्षण बढ़ सकता है.

एमसीएक्स में सोने का ताजा भाव 38,302 रुपये प्रति 10 ग्राम तथा कॉमेक्स में 1,506 डॉलर चल रहा था. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (एमओएफएसएल) के उपाध्यक्ष-कमोडिटी रिसर्च, नवनीत दमानी ने कहा कि यह साल सोने में लाभ की दृष्टि से सबसे दौर में एक साबित हुआ है घरेलू बाजार में सोने में 15 फीसदी का लाभ हुआ है.

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डॉलर के मुकाबले रुपये में 1.4 प्रतिशत की गिरावट से भी सोने की इस तेजी को कुछ समर्थन मिला है. उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि सोने में आगे भी तेजी बनी रह सकती है.

व्यापार युद्ध की स्थिति नरम पड़ने से यह तेजी नपी तुली हो सकती है. प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मौजूदा मंदी केंद्रीय बैंकों को अधिक समय के लिए उदार नीति बनाए रखने के लिए प्रेरित कर सकती है और इससे सोने की कीमतों को समर्थन मिल सकता है.

उन्होंने कहा कि व्यापार युद्ध की स्थिति नरम होने से सोने की कीमतों में कुछ तकनीकी सुधार (गिरावट) देखने को मिल सकती है. हालांकि, कीमतों में तेजी बनी हुई है और साल के अंत तक इसके 39,500 रुपये के पिछले उच्च स्तर से भी आगे जाने की संभावना है.

कोटक सिक्योरिटीज के प्रमुख रविंद्र राव ने कहा कि आगे चलकर सोना 1,460-1,530 डॉलर के दायरे में और 36,800-39,400 रुपये के दायरे में रहने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि निवेशकों की मांग सुरक्षित निवेश के विकल्प का सूचक है और यह मांग तीसरी तिमाही में बढ़ी है.

हालांकि, अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता और ब्रेक्सिट सौदे को लेकर उम्मीद पैदा होने की स्थिति से व्यापारीगण कुछ मुनाफावसूली के लिए प्रेरित हुए हैं. उन्होंने कहा कि आईएमएफ के ताजा अनुमानों के अनुसार वैश्विक अर्थव्यवस्था के वर्ष 2019 में 3.0 प्रतिशत और वर्ष 2020 में 3.4 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो अप्रैल के पिछले से 0.3 और 0.2 प्रतिशत कम है.

एबेन्स ग्रुप के अध्यक्ष अभिषेक बंसल ने कहा कि अमेरिकी सांसदों द्वारा 24 सितंबर को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर औपचारिक महाभियोग की पहल के बाद भी सोने को समर्थन मिला. उन्होंने कहा कि सोने की हाजिर कीमतों में उछाल आने और 1,458 डालर के स्तर से ऊपर रहने की संभावना है.

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