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सोना हुआ 41 हजारी, जानिए 10 बड़ी वजहें

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव चार महीने के ऊंचे स्तर पर है जबकि भारत के हाजिर एवं वायदा बाजार में सोना 41,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के मनोवैज्ञानिक स्तर को तोड़ते हुए नई ऊंचाई पर चला गया है. सर्राफा बाजार जानकारों की माने तो अगले तीन महीने में बुलियन में तेजी का रुख बना रह सकता है.

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सोना हुआ 41 हजारी, जानिएं 10 बड़ी वजहें
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Published : Jan 6, 2020, 4:49 PM IST

नई दिल्ली: ईरान और अमेरिका के बीच तनातनी से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने के दाम में बीते सप्ताह 29 डॉलर से ज्यादा का उछाल आया और आने वाले दिनों में तेजी का सिलसिला जारी रहने की उम्मीद की जा रही है. पीली धातु बीते साल 2019 में निवेशकों को अच्छा रिटर्न दे चुकी है और नया साल 2020 में भी यह निवेशकों के लिए निवेश का पसंदीदा साधन बनी रह सकती है.

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव चार महीने के ऊंचे स्तर पर है जबकि भारत के हाजिर एवं वायदा बाजार में सोना 41,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के मनोवैज्ञानिक स्तर को तोड़ते हुए नई ऊंचाई पर चला गया है. सर्राफा बाजार जानकारों की माने तो अगले तीन महीने में बुलियन में तेजी का रुख बना रह सकता है.

सोने में तेजी रहने की ये 10 प्रमुख वजहें हैं :

1. भूराजनीति तनाव: ईरान और अमेरिका के बीच टकराव से खाड़ी क्षेत्र में पैदा हुए फौजी तनाव गहराने से सोने के दाम को सपोर्ट मिल रहा है. अमेरिकी एयरस्ट्राइक में ईरानी मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद ईरान और अमेरिका के बीच तनाव और बढ़ गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी है कि अगर वह सुलेमानी की मौत का बदला लेने की हिमाकत करेगा तो इसका अंजाम और बुरा होगा, क्योंकि अमेरिका उसके 52 ठिकानों को निशाना बना सकता है. उधर, उत्तर कोरिया ने आण्विक परीक्षण दोबारा शुरू करने की चेतावनी दी है जिससे भूराजनीतिक तनाव पहले से ही बना हुआ है.

2. वैश्विक आर्थिक सुस्ती: अमेरिका और चीन के बीच बीते 18 महीनों के दौरान व्यापारिक मसलों को लेकर टकराव की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास की रफ्तार मंद पड़ गई और अनिश्चितता का माहौल अभी खत्म नहीं हुआ है. यही कारण रहा कि बीते साल 2019 में सोने में कुछ ज्यादा ही निखार आया.

3. ब्याज दरों में कटौती: वैश्विक स्तर पर पिछले दिनों केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कटौती और डॉलर में जो कमजोरी रही उससे सोने की तेजी को सपोर्ट मिला. डॉलर में कमजोरी अभी भी बरकार है.

4. पिछले साल सोना में भारत में 23.77 फीसदी, जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में वैश्विक बाजार में निवेशकों को 18.28 फीसदी का रिटर्न मिला है इसलिए पीली धातु में निवेश के प्रति निवेशकों का रुझान बना हुआ है.

5. तेजी का ट्रेंड: सोने में तेजी के ट्रेंड के इतिहास पर नजर डालें तो जब भी महंगी धातु में तेजी आती है तो यह ट्रेंड तीन से चार साल तक चलती है.

6. इक्विटी में गिरावट की आशंका: बीते साल इक्विटी में भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा रिटर्न मिला, लेकिन आगे गिरावट की आशंका है जिससे सोने के प्रति निवेशकों का रुझान बढ़ेगा क्योंकि यह निवेश का सुरक्षित उपकरण है.

7. केंद्रीय बैंकों की खरीदारी: सोने में केंद्रीय बैंकों की खरीदारी बढ़ी है, जिससे इसकी कीमतों को आने वाले दिनों में भी सपोर्ट मिलने की संभावना है.

8. ईटीएफ लिवाली: सोने में तेजी का सबसे बड़ा कारक ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) लिवाली रहा है. पिछले साल ग्लोबल ईटीएफ लिवाली में करीब 295 टन का इजाफा हुआ और ईटीएफ होल्डिंग साल के आखिर में 2,308.6 टन रही.

9. भारतीय बाजार की बात करें तो घरेलू मुद्रा रुपये में कमजोरी भी एक कारण है जिससे सोने को सपोर्ट मिल सकता है. वहीं, देश में जब-जब सोने में तेजी आती है तो खरीदारी बढ़ती है और इसके विपरीत कीमतों में गिरावट के दौरान खरीदारी का रुझान कमजोर रहता है.

10. निवेश का सुरक्षित व बेहतर साधन: रियल स्टेट के क्षेत्र में निवेश कमजोर रहने और इक्विटी निवेश के प्रति अनिश्चितता के माहौल में निवेशकों के लिए सोना निवेश का एकमात्र सुरक्षित और बेतहर साधन रह जाता है.

पिछले सप्ताह बुलियन में कारोबार :

भारतीय वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर शुक्रवार को सोने का फरवरी एक्सपायरी अनुबंध पिछले सत्र के मुकाबले 853 रुपये यानी 2.17 फीसदी की तेजी के साथ 40,130 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ, जबकि कारोबार के दौरान सोने का भाव एमसीएक्स पर 40,143 रुपये प्रति 10 ग्राम तक उछला, जोकि अब तक का रिकॉर्ड स्तर है.

हालांकि एमसीएक्स पर चांदी का मार्च एक्सपायरी अनुबंध शुक्रवार को पिछले सत्र के मुकाबले 498 रुपये यानी 1.06 फीसदी की तेजी के साथ 47,520 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुआ, जबकि कारोबार के दौरान चांदी का भाव 47,924 रुपये तक उछला.

ये भी पढ़ें: भारत में 41 हजारी हुआ सोना, खाड़ी संकट से महंगी धातुओं में उछाल

देश के हाजिर बाजार में 999 शुद्धता यानी फाइन सोने का भाव शुक्रवार को 887 रुपये की तेजी के साथ 40,092 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया. वहीं, 995 शुद्धता यानी 24 कैरट शुद्धता वाले सोने का दाम हाजिर बाजार में 39,931 रुपये प्रति 10 ग्राम था. चांदी का भाव पिछले सत्र से 990 रुपये की तेजी के साथ 47,330 रुपये प्रति किलो था.

अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार कॉमेक्स पर सोने का फरवरी अनुबंध 27.05 डॉलर यानी 1.77फीसदी की तेजी के साथ 1,555.15 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ, जबकि कारोबार के दौरान सोने का भाव कॉमेक्स पर 1,556.05 डॉलर प्रति औंस तक उछला, जोकि चार सितंबर, 2019 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है. चार सिंतबर, 2019 को कॉमेक्स पर सोने का भाव 1,566.20 डॉलर तक उछलने के बाद 1,560.40 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ था.

कॉमेक्स पर चांदी का मार्च अनुबंध शुक्रवार को 0.29 फीसदी की तेजी के साथ 18.09 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ जबकि कारोबार के दौरान चांदी का भाव 18.32 डॉलर प्रति औंस तक उछला.

नई दिल्ली: ईरान और अमेरिका के बीच तनातनी से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने के दाम में बीते सप्ताह 29 डॉलर से ज्यादा का उछाल आया और आने वाले दिनों में तेजी का सिलसिला जारी रहने की उम्मीद की जा रही है. पीली धातु बीते साल 2019 में निवेशकों को अच्छा रिटर्न दे चुकी है और नया साल 2020 में भी यह निवेशकों के लिए निवेश का पसंदीदा साधन बनी रह सकती है.

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव चार महीने के ऊंचे स्तर पर है जबकि भारत के हाजिर एवं वायदा बाजार में सोना 41,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के मनोवैज्ञानिक स्तर को तोड़ते हुए नई ऊंचाई पर चला गया है. सर्राफा बाजार जानकारों की माने तो अगले तीन महीने में बुलियन में तेजी का रुख बना रह सकता है.

सोने में तेजी रहने की ये 10 प्रमुख वजहें हैं :

1. भूराजनीति तनाव: ईरान और अमेरिका के बीच टकराव से खाड़ी क्षेत्र में पैदा हुए फौजी तनाव गहराने से सोने के दाम को सपोर्ट मिल रहा है. अमेरिकी एयरस्ट्राइक में ईरानी मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद ईरान और अमेरिका के बीच तनाव और बढ़ गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी है कि अगर वह सुलेमानी की मौत का बदला लेने की हिमाकत करेगा तो इसका अंजाम और बुरा होगा, क्योंकि अमेरिका उसके 52 ठिकानों को निशाना बना सकता है. उधर, उत्तर कोरिया ने आण्विक परीक्षण दोबारा शुरू करने की चेतावनी दी है जिससे भूराजनीतिक तनाव पहले से ही बना हुआ है.

2. वैश्विक आर्थिक सुस्ती: अमेरिका और चीन के बीच बीते 18 महीनों के दौरान व्यापारिक मसलों को लेकर टकराव की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास की रफ्तार मंद पड़ गई और अनिश्चितता का माहौल अभी खत्म नहीं हुआ है. यही कारण रहा कि बीते साल 2019 में सोने में कुछ ज्यादा ही निखार आया.

3. ब्याज दरों में कटौती: वैश्विक स्तर पर पिछले दिनों केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कटौती और डॉलर में जो कमजोरी रही उससे सोने की तेजी को सपोर्ट मिला. डॉलर में कमजोरी अभी भी बरकार है.

4. पिछले साल सोना में भारत में 23.77 फीसदी, जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में वैश्विक बाजार में निवेशकों को 18.28 फीसदी का रिटर्न मिला है इसलिए पीली धातु में निवेश के प्रति निवेशकों का रुझान बना हुआ है.

5. तेजी का ट्रेंड: सोने में तेजी के ट्रेंड के इतिहास पर नजर डालें तो जब भी महंगी धातु में तेजी आती है तो यह ट्रेंड तीन से चार साल तक चलती है.

6. इक्विटी में गिरावट की आशंका: बीते साल इक्विटी में भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा रिटर्न मिला, लेकिन आगे गिरावट की आशंका है जिससे सोने के प्रति निवेशकों का रुझान बढ़ेगा क्योंकि यह निवेश का सुरक्षित उपकरण है.

7. केंद्रीय बैंकों की खरीदारी: सोने में केंद्रीय बैंकों की खरीदारी बढ़ी है, जिससे इसकी कीमतों को आने वाले दिनों में भी सपोर्ट मिलने की संभावना है.

8. ईटीएफ लिवाली: सोने में तेजी का सबसे बड़ा कारक ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) लिवाली रहा है. पिछले साल ग्लोबल ईटीएफ लिवाली में करीब 295 टन का इजाफा हुआ और ईटीएफ होल्डिंग साल के आखिर में 2,308.6 टन रही.

9. भारतीय बाजार की बात करें तो घरेलू मुद्रा रुपये में कमजोरी भी एक कारण है जिससे सोने को सपोर्ट मिल सकता है. वहीं, देश में जब-जब सोने में तेजी आती है तो खरीदारी बढ़ती है और इसके विपरीत कीमतों में गिरावट के दौरान खरीदारी का रुझान कमजोर रहता है.

10. निवेश का सुरक्षित व बेहतर साधन: रियल स्टेट के क्षेत्र में निवेश कमजोर रहने और इक्विटी निवेश के प्रति अनिश्चितता के माहौल में निवेशकों के लिए सोना निवेश का एकमात्र सुरक्षित और बेतहर साधन रह जाता है.

पिछले सप्ताह बुलियन में कारोबार :

भारतीय वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर शुक्रवार को सोने का फरवरी एक्सपायरी अनुबंध पिछले सत्र के मुकाबले 853 रुपये यानी 2.17 फीसदी की तेजी के साथ 40,130 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ, जबकि कारोबार के दौरान सोने का भाव एमसीएक्स पर 40,143 रुपये प्रति 10 ग्राम तक उछला, जोकि अब तक का रिकॉर्ड स्तर है.

हालांकि एमसीएक्स पर चांदी का मार्च एक्सपायरी अनुबंध शुक्रवार को पिछले सत्र के मुकाबले 498 रुपये यानी 1.06 फीसदी की तेजी के साथ 47,520 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुआ, जबकि कारोबार के दौरान चांदी का भाव 47,924 रुपये तक उछला.

ये भी पढ़ें: भारत में 41 हजारी हुआ सोना, खाड़ी संकट से महंगी धातुओं में उछाल

देश के हाजिर बाजार में 999 शुद्धता यानी फाइन सोने का भाव शुक्रवार को 887 रुपये की तेजी के साथ 40,092 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया. वहीं, 995 शुद्धता यानी 24 कैरट शुद्धता वाले सोने का दाम हाजिर बाजार में 39,931 रुपये प्रति 10 ग्राम था. चांदी का भाव पिछले सत्र से 990 रुपये की तेजी के साथ 47,330 रुपये प्रति किलो था.

अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार कॉमेक्स पर सोने का फरवरी अनुबंध 27.05 डॉलर यानी 1.77फीसदी की तेजी के साथ 1,555.15 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ, जबकि कारोबार के दौरान सोने का भाव कॉमेक्स पर 1,556.05 डॉलर प्रति औंस तक उछला, जोकि चार सितंबर, 2019 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है. चार सिंतबर, 2019 को कॉमेक्स पर सोने का भाव 1,566.20 डॉलर तक उछलने के बाद 1,560.40 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ था.

कॉमेक्स पर चांदी का मार्च अनुबंध शुक्रवार को 0.29 फीसदी की तेजी के साथ 18.09 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ जबकि कारोबार के दौरान चांदी का भाव 18.32 डॉलर प्रति औंस तक उछला.

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नई दिल्ली: ईरान और अमेरिका के बीच तनातनी से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने के दाम में बीते सप्ताह 29 डॉलर से ज्यादा का उछाल आया और आने वाले दिनों में तेजी का सिलसिला जारी रहने की उम्मीद की जा रही है. पीली धातु बीते साल 2019 में निवेशकों को अच्छा रिटर्न दे चुकी है और नया साल 2020 में भी यह निवेशकों के लिए निवेश का पसंदीदा साधन बनी रह सकती है.

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव चार महीने के ऊंचे स्तर पर है जबकि भारत के हाजिर एवं वायदा बाजार में सोना 41,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के मनोवैज्ञानिक स्तर को तोड़ते हुए नई ऊंचाई पर चला गया है. सर्राफा बाजार जानकारों की माने तो अगले तीन महीने में बुलियन में तेजी का रुख बना रह सकता है.



सोने में तेजी रहने की ये 10 प्रमुख वजहें हैं :



1. भूराजनीति तनाव: ईरान और अमेरिका के बीच टकराव से खाड़ी क्षेत्र में पैदा हुए फौजी तनाव गहराने से सोने के दाम को सपोर्ट मिल रहा है. अमेरिकी एयरस्ट्राइक में ईरानी मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद ईरान और अमेरिका के बीच तनाव और बढ़ गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी है कि अगर वह सुलेमानी की मौत का बदला लेने की हिमाकत करेगा तो इसका अंजाम और बुरा होगा, क्योंकि अमेरिका उसके 52 ठिकानों को निशाना बना सकता है. उधर, उत्तर कोरिया ने आण्विक परीक्षण दोबारा शुरू करने की चेतावनी दी है जिससे भूराजनीतिक तनाव पहले से ही बना हुआ है.



2. वैश्विक आर्थिक सुस्ती: अमेरिका और चीन के बीच बीते 18 महीनों के दौरान व्यापारिक मसलों को लेकर टकराव की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास की रफ्तार मंद पड़ गई और अनिश्चितता का माहौल अभी खत्म नहीं हुआ है. यही कारण रहा कि बीते साल 2019 में सोने में कुछ ज्यादा ही निखार आया.



3. ब्याज दरों में कटौती: वैश्विक स्तर पर पिछले दिनों केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कटौती और डॉलर में जो कमजोरी रही उससे सोने की तेजी को सपोर्ट मिला. डॉलर में कमजोरी अभी भी बरकार है.



4. पिछले साल सोना में भारत में 23.77 फीसदी, जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में वैश्विक बाजार में निवेशकों को 18.28 फीसदी का रिटर्न मिला है इसलिए पीली धातु में निवेश के प्रति निवेशकों का रुझान बना हुआ है.



5. तेजी का ट्रेंड: सोने में तेजी के ट्रेंड के इतिहास पर नजर डालें तो जब भी महंगी धातु में तेजी आती है तो यह ट्रेंड तीन से चार साल तक चलती है.



6. इक्विटी में गिरावट की आशंका: बीते साल इक्विटी में भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा रिटर्न मिला, लेकिन आगे गिरावट की आशंका है जिससे सोने के प्रति निवेशकों का रुझान बढ़ेगा क्योंकि यह निवेश का सुरक्षित उपकरण है.



7. केंद्रीय बैंकों की खरीदारी: सोने में केंद्रीय बैंकों की खरीदारी बढ़ी है, जिससे इसकी कीमतों को आने वाले दिनों में भी सपोर्ट मिलने की संभावना है.



8. ईटीएफ लिवाली: सोने में तेजी का सबसे बड़ा कारक ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) लिवाली रहा है. पिछले साल ग्लोबल ईटीएफ लिवाली में करीब 295 टन का इजाफा हुआ और ईटीएफ होल्डिंग साल के आखिर में 2,308.6 टन रही.



9. भारतीय बाजार की बात करें तो घरेलू मुद्रा रुपये में कमजोरी भी एक कारण है जिससे सोने को सपोर्ट मिल सकता है. वहीं, देश में जब-जब सोने में तेजी आती है तो खरीदारी बढ़ती है और इसके विपरीत कीमतों में गिरावट के दौरान खरीदारी का रुझान कमजोर रहता है.



10. निवेश का सुरक्षित व बेहतर साधन: रियल स्टेट के क्षेत्र में निवेश कमजोर रहने और इक्विटी निवेश के प्रति अनिश्चितता के माहौल में निवेशकों के लिए सोना निवेश का एकमात्र सुरक्षित और बेतहर साधन रह जाता है.



पिछले सप्ताह बुलियन में कारोबार :



भारतीय वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर शुक्रवार को सोने का फरवरी एक्सपायरी अनुबंध पिछले सत्र के मुकाबले 853 रुपये यानी 2.17 फीसदी की तेजी के साथ 40,130 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ, जबकि कारोबार के दौरान सोने का भाव एमसीएक्स पर 40,143 रुपये प्रति 10 ग्राम तक उछला, जोकि अब तक का रिकॉर्ड स्तर है.



हालांकि एमसीएक्स पर चांदी का मार्च एक्सपायरी अनुबंध शुक्रवार को पिछले सत्र के मुकाबले 498 रुपये यानी 1.06 फीसदी की तेजी के साथ 47,520 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुआ, जबकि कारोबार के दौरान चांदी का भाव 47,924 रुपये तक उछला.



देश के हाजिर बाजार में 999 शुद्धता यानी फाइन सोने का भाव शुक्रवार को 887 रुपये की तेजी के साथ 40,092 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया. वहीं, 995 शुद्धता यानी 24 कैरट शुद्धता वाले सोने का दाम हाजिर बाजार में 39,931 रुपये प्रति 10 ग्राम था. चांदी का भाव पिछले सत्र से 990 रुपये की तेजी के साथ 47,330 रुपये प्रति किलो था.



अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार कॉमेक्स पर सोने का फरवरी अनुबंध 27.05 डॉलर यानी 1.77फीसदी की तेजी के साथ 1,555.15 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ, जबकि कारोबार के दौरान सोने का भाव कॉमेक्स पर 1,556.05 डॉलर प्रति औंस तक उछला, जोकि चार सितंबर, 2019 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है. चार सिंतबर, 2019 को कॉमेक्स पर सोने का भाव 1,566.20 डॉलर तक उछलने के बाद 1,560.40 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ था.



कॉमेक्स पर चांदी का मार्च अनुबंध शुक्रवार को 0.29 फीसदी की तेजी के साथ 18.09 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ जबकि कारोबार के दौरान चांदी का भाव 18.32 डॉलर प्रति औंस तक उछला.

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