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विदेशी पूंजी प्रवाह, फेडरल रिजर्व के ब्याज दर निर्णय से तय होगी बाजार की दिशा : विशेषज्ञ

घरेलू बाजार में हाल में आयी तेजी तथा वैश्विक कारकों के कारण कुछ मुनाफा-वसूली देखने को मिल सकती है. हालांकि भारत जैसे उभरते बाजारों में नकदी की मजबूत स्थिति तथा एफआईआई प्रवाह बढ़ने से गिरावट पर अंकुश लगेगा.

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Published : Mar 17, 2019, 7:41 PM IST

नई दिल्ली : घरेलू स्तर पर किसी ठोस संकेत के अभाव में इस सप्ताह शेयर बाजारों पर विदेशी कारकों का ज्यादा प्रभाव देखने को मिल सकता है. अवकाश के कारण कम कारोबारी दिवस वाले शेयर बाजार की दिशा फेडरल रिजर्व के ब्याज दर के बारे में निर्णय, विदेशी कोष प्रवाह तथा कच्चे तेल के दाम से तय होगी. विश्लेषकों ने यह जानकारी दी.

शेयर बाजार बृहस्पतिवार को होली के अवसर पर बंद रहेगा. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "घरेलू बाजार में हाल में आयी तेजी तथा वैश्विक कारकों के कारण कुछ मुनाफा-वसूली देखने को मिल सकती है. हालांकि भारत जैसे उभरते बाजारों में नकदी की मजबूत स्थिति तथा एफआईआई प्रवाह बढ़ने से गिरावट पर अंकुश लगेगा. इस सप्ताह फेडरल रिजर्व के ब्याज दर के बारे में निर्णय प्रमुख घटनाक्रम होगा."

विश्लेषकों के अनुसार इसके अलावा विदेशी कोष का प्रवाह, रुपया तथा तेल का बाजार की दिशा पर असर बना रहेगा. कैपिटल एम के शोध प्रमुख देबव्रत भट्टाचार्य ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर फेडरल रिजर्व के बुधवार को ब्याज दर के बारे में निर्णय पर निवेशकों की नजर होगी. ब्रेक्जिट मामला अटकने तथा तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक की आपूर्ति में कटौती जैसे कारक विशेष खंडों में घरेलू बाजार को प्रभावित कर सकते हैं."

सेंट्रम ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं शोध प्रमुख जगन्नाथम थुनूगुंटला ने कहा, "पिछले पखवाड़े के दौरान भारतीय बाजार में अच्छी तेजी आयी. यह हाल के समय में शानदार तेजी रही. एफआईआई प्रवाह फरवरी-मार्च 2019 में अबतक 30,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया है. यह 2018 में खराब स्थिति के बाद बेहतर पूंजी प्रवाह है."

उन्होंने कहा, "मौजूदा तेजी में महत्वपूर्ण पहलू यह है कि विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक है. सीमा पर तनाव कम होने तथा वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों के नकदी बढ़ाने के उपायों से भारतीय बाजार में निवेशक जोखिम लेने के मूड में दिखाई दे रहे हैं."

पिछले सप्ताह सेंसेक्स शुक्रवार को 1,352.89 अंक यानी 3.68 प्रतिशत की तेजी के साथ 38,024.32 अंक पर पहुंच गया.
(भाषा)
पढ़ें : हार्ले डेविडसन की 1600 सीसी से अधिक की बाइक श्रेणी में स्थिति मजबूत करने की योजन…

नई दिल्ली : घरेलू स्तर पर किसी ठोस संकेत के अभाव में इस सप्ताह शेयर बाजारों पर विदेशी कारकों का ज्यादा प्रभाव देखने को मिल सकता है. अवकाश के कारण कम कारोबारी दिवस वाले शेयर बाजार की दिशा फेडरल रिजर्व के ब्याज दर के बारे में निर्णय, विदेशी कोष प्रवाह तथा कच्चे तेल के दाम से तय होगी. विश्लेषकों ने यह जानकारी दी.

शेयर बाजार बृहस्पतिवार को होली के अवसर पर बंद रहेगा. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "घरेलू बाजार में हाल में आयी तेजी तथा वैश्विक कारकों के कारण कुछ मुनाफा-वसूली देखने को मिल सकती है. हालांकि भारत जैसे उभरते बाजारों में नकदी की मजबूत स्थिति तथा एफआईआई प्रवाह बढ़ने से गिरावट पर अंकुश लगेगा. इस सप्ताह फेडरल रिजर्व के ब्याज दर के बारे में निर्णय प्रमुख घटनाक्रम होगा."

विश्लेषकों के अनुसार इसके अलावा विदेशी कोष का प्रवाह, रुपया तथा तेल का बाजार की दिशा पर असर बना रहेगा. कैपिटल एम के शोध प्रमुख देबव्रत भट्टाचार्य ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर फेडरल रिजर्व के बुधवार को ब्याज दर के बारे में निर्णय पर निवेशकों की नजर होगी. ब्रेक्जिट मामला अटकने तथा तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक की आपूर्ति में कटौती जैसे कारक विशेष खंडों में घरेलू बाजार को प्रभावित कर सकते हैं."

सेंट्रम ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं शोध प्रमुख जगन्नाथम थुनूगुंटला ने कहा, "पिछले पखवाड़े के दौरान भारतीय बाजार में अच्छी तेजी आयी. यह हाल के समय में शानदार तेजी रही. एफआईआई प्रवाह फरवरी-मार्च 2019 में अबतक 30,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया है. यह 2018 में खराब स्थिति के बाद बेहतर पूंजी प्रवाह है."

उन्होंने कहा, "मौजूदा तेजी में महत्वपूर्ण पहलू यह है कि विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक है. सीमा पर तनाव कम होने तथा वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों के नकदी बढ़ाने के उपायों से भारतीय बाजार में निवेशक जोखिम लेने के मूड में दिखाई दे रहे हैं."

पिछले सप्ताह सेंसेक्स शुक्रवार को 1,352.89 अंक यानी 3.68 प्रतिशत की तेजी के साथ 38,024.32 अंक पर पहुंच गया.
(भाषा)
पढ़ें : हार्ले डेविडसन की 1600 सीसी से अधिक की बाइक श्रेणी में स्थिति मजबूत करने की योजन…

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नई दिल्ली : घरेलू स्तर पर किसी ठोस संकेत के अभाव में इस सप्ताह शेयर बाजारों पर विदेशी कारकों का ज्यादा प्रभाव देखने को मिल सकता है. अवकाश के कारण कम कारोबारी दिवस वाले शेयर बाजार की दिशा फेडरल रिजर्व के ब्याज दर के बारे में निर्णय, विदेशी कोष प्रवाह तथा कच्चे तेल के दाम से तय होगी. विश्लेषकों ने यह जानकारी दी.

शेयर बाजार बृहस्पतिवार को होली के अवसर पर बंद रहेगा. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "घरेलू बाजार में हाल में आयी तेजी तथा वैश्विक कारकों के कारण कुछ मुनाफा-वसूली देखने को मिल सकती है. हालांकि भारत जैसे उभरते बाजारों में नकदी की मजबूत स्थिति तथा एफआईआई प्रवाह बढ़ने से गिरावट पर अंकुश लगेगा. इस सप्ताह फेडरल रिजर्व के ब्याज दर के बारे में निर्णय प्रमुख घटनाक्रम होगा."

विश्लेषकों के अनुसार इसके अलावा विदेशी कोष का प्रवाह, रुपया तथा तेल का बाजार की दिशा पर असर बना रहेगा. कैपिटल एम के शोध प्रमुख देबव्रत भट्टाचार्य ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर फेडरल रिजर्व के बुधवार को ब्याज दर के बारे में निर्णय पर निवेशकों की नजर होगी. ब्रेक्जिट मामला अटकने तथा तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक की आपूर्ति में कटौती जैसे कारक विशेष खंडों में घरेलू बाजार को प्रभावित कर सकते हैं."

सेंट्रम ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं शोध प्रमुख जगन्नाथम थुनूगुंटला ने कहा, "पिछले पखवाड़े के दौरान भारतीय बाजार में अच्छी तेजी आयी. यह हाल के समय में शानदार तेजी रही. एफआईआई प्रवाह फरवरी-मार्च 2019 में अबतक 30,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया है. यह 2018 में खराब स्थिति के बाद बेहतर पूंजी प्रवाह है."

उन्होंने कहा, "मौजूदा तेजी में महत्वपूर्ण पहलू यह है कि विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक है. सीमा पर तनाव कम होने तथा वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों के नकदी बढ़ाने के उपायों से भारतीय बाजार में निवेशक जोखिम लेने के मूड में दिखाई दे रहे हैं."

पिछले सप्ताह सेंसेक्स शुक्रवार को 1,352.89 अंक यानी 3.68 प्रतिशत की तेजी के साथ 38,024.32 अंक पर पहुंच गया.

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