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विद्युत वाहनों के लिए फेम-2 के तहत वित्तीय प्रोत्साहन अगले महीने से - ई-रिक्शा

देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण और को बढ़ावा देने के लिए पेश फेम-दो योजना के तहत अप्रैल महीने से 10 लाख दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों को 20,000 रुपये और 35,000 चार पहिया वाहनों को डेढ लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी. इससे खरीदारों के लिए वाहन खरीदना सस्ता होगा.

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Published : Mar 10, 2019, 7:54 PM IST

नई दिल्ली : इलेक्ट्रिक एवं हाइब्रिड वाहनों के विनिर्माण और उनके तेजी से इस्तेमाल (फेम) के दूसरे चरण को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है. कुल 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली यह योजना तीन वर्षों के लिए शुरू की जाएगी. भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक , इसके तहत 7090 इलेक्ट्रिक बसों (कारखाने पर दो करोड़ रुपये मूल्य तक की) पर प्रति बस 50 लाख रुपये तक का वित्तीय प्रोत्साहन दिया जा सकता है.

इसके अलावा , 5 लाख ई-रिक्शों में प्रत्येक को 50,000 रुपये का वित्तीय प्रोत्साहन देने की तैयारी है. अधिसूचना के मुताबिक कारखाने पर 15 लाख रुपये तक के 35,000 इलेक्ट्रिक कारों पर डेढ लाख रुपये की छूट मिलेगी जबकि 15 लाख रुपये मूल्य तक तक के 20,000 हाइब्रिड चौपहिया वाहनों पर 13,000 रुपये की वित्तीय मदद मिलेगी.

वाहन उद्योग ने आम चुनावों के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले फेम - दो योजना की घोषणा करने के सरकार के कदम की सराहना की है क्योंकि और देरी का मतलब है कि इस योजना की शुरुआत नई सरकार के गठन के बाद ही होती. सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर ने कहा, "यह सही समय पर दिया गया अवसर है क्योंकि फेम-एक और फेम-दो के बीच कोई अंतराल नहीं है."

फेम-दो योजना के तहत 2019-20 में 1,500 करोड़ रुपये, 2020-21 में 5,000 करोड़ और 2021-22 में 3,500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. फेम1 में 800 करोड़ रुपये की सहायता दी गयी थी. इस तरह दूसरा चरण एक बड़ी उछाल है.
(भाषा)
पढ़ें : वित्तीय सुरक्षा के मामले में पुरुषों से काफी पीछे हैं महिलाएं: सर्वेक्षण

नई दिल्ली : इलेक्ट्रिक एवं हाइब्रिड वाहनों के विनिर्माण और उनके तेजी से इस्तेमाल (फेम) के दूसरे चरण को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है. कुल 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली यह योजना तीन वर्षों के लिए शुरू की जाएगी. भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक , इसके तहत 7090 इलेक्ट्रिक बसों (कारखाने पर दो करोड़ रुपये मूल्य तक की) पर प्रति बस 50 लाख रुपये तक का वित्तीय प्रोत्साहन दिया जा सकता है.

इसके अलावा , 5 लाख ई-रिक्शों में प्रत्येक को 50,000 रुपये का वित्तीय प्रोत्साहन देने की तैयारी है. अधिसूचना के मुताबिक कारखाने पर 15 लाख रुपये तक के 35,000 इलेक्ट्रिक कारों पर डेढ लाख रुपये की छूट मिलेगी जबकि 15 लाख रुपये मूल्य तक तक के 20,000 हाइब्रिड चौपहिया वाहनों पर 13,000 रुपये की वित्तीय मदद मिलेगी.

वाहन उद्योग ने आम चुनावों के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले फेम - दो योजना की घोषणा करने के सरकार के कदम की सराहना की है क्योंकि और देरी का मतलब है कि इस योजना की शुरुआत नई सरकार के गठन के बाद ही होती. सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर ने कहा, "यह सही समय पर दिया गया अवसर है क्योंकि फेम-एक और फेम-दो के बीच कोई अंतराल नहीं है."

फेम-दो योजना के तहत 2019-20 में 1,500 करोड़ रुपये, 2020-21 में 5,000 करोड़ और 2021-22 में 3,500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. फेम1 में 800 करोड़ रुपये की सहायता दी गयी थी. इस तरह दूसरा चरण एक बड़ी उछाल है.
(भाषा)
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नई दिल्ली : इलेक्ट्रिक एवं हाइब्रिड वाहनों के विनिर्माण और उनके तेजी से इस्तेमाल (फेम) के दूसरे चरण को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है. कुल 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली यह योजना तीन वर्षों के लिए शुरू की जाएगी. भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक , इसके तहत 7090 इलेक्ट्रिक बसों (कारखाने पर दो करोड़ रुपये मूल्य तक की) पर प्रति बस 50 लाख रुपये तक का वित्तीय प्रोत्साहन दिया जा सकता है.

इसके अलावा , 5 लाख ई-रिक्शों में प्रत्येक को 50,000 रुपये का वित्तीय प्रोत्साहन देने की तैयारी है. अधिसूचना के मुताबिक कारखाने पर 15 लाख रुपये तक के 35,000 इलेक्ट्रिक कारों पर डेढ लाख रुपये की छूट मिलेगी जबकि 15 लाख रुपये मूल्य तक तक के 20,000 हाइब्रिड चौपहिया वाहनों पर 13,000 रुपये की वित्तीय मदद मिलेगी.

वाहन उद्योग ने आम चुनावों के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले फेम - दो योजना की घोषणा करने के सरकार के कदम की सराहना की है क्योंकि और देरी का मतलब है कि इस योजना की शुरुआत नई सरकार के गठन के बाद ही होती. सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर ने कहा, "यह सही समय पर दिया गया अवसर है क्योंकि फेम-एक और फेम-दो के बीच कोई अंतराल नहीं है."

फेम-दो योजना के तहत 2019-20 में 1,500 करोड़ रुपये, 2020-21 में 5,000 करोड़ और 2021-22 में 3,500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. फेम1 में 800 करोड़ रुपये की सहायता दी गयी थी. इस तरह दूसरा चरण एक बड़ी उछाल है.

(भाषा)

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