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विमानन ईंधन के दाम 12 प्रतिशत गिरे, डीजल-पेट्रोल स्थिर - freeze on petrol

विमानन कंपनी की कुल लागत में विमान ईंधन की लगभग 40 प्रतिशत हिस्सेदारी होती है. विमानन ईंधन के दाम देश में पहले ही पेट्रोल-डीजल से कम थे. अब यह बिना सब्सिडी वाले किरोसिन से भी सस्ता हो गया है. बिना सब्सिडी वाले किरोसिन की कीमत अभी 58,818.07 रुपये प्रति किलोलीटर है.

विमानन ईंधन के दाम 12 प्रतिशत गिरे, डीजल-पेट्रोल स्थिर
विमानन ईंधन के दाम 12 प्रतिशत गिरे, डीजल-पेट्रोल स्थिर
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Published : Mar 22, 2020, 4:05 PM IST

नई दिल्ली: देश में विमानन ईंधन के दाम में रविवार को 12 प्रतिशत की कटौती की गयी. हालांकि, पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार सातवें दिन स्थिर बने रहे. सरकार द्वारा इन ईधनों पर उत्पाद शुल्क बढ़ा दिये जाने की वजह से फिलहाल इनके दाम स्थिर बने हुये हैं.

तेल विपणन कंपनियों ने कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में आ रही गिरावट का लाभ उपभोक्ताओं को देने के लिये विमानन ईंधन के दाम में पखवाड़े के हिसाब से संशोधन करने की पुन: शुरुआत की है.

पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क की दर में हुई वृद्धि को समायोजित करने के कारण इनके दाम में कुछ दिनों से कमी नहीं हो पा रही है. तेल विपणन कंपनियों ने एक अधिसूचना में बताया कि विमानन ईंधन के दाम में 6,687.75 रुपये प्रति किलोलीटर यानी 11.76 प्रतिशत की कटौती की गयी है.

ये भी पढ़ें- आईओसी बीएस-6 ईंधन की आपूर्ति करने वाली देश की पहली कंपनी बनी

नयी कीमत 50,171.26 रुपये प्रति किलोलीटर है, जो सितंबर 2017 के बाद सबसे कम है. इस हिसाब से एटीएफ का दाम इस समय 50.17 रुपये प्रति लीटर पर आ गया है. इस साल फरवरी के बाद से यह विमानन ईंधन के दाम में लगातार तीसरी कटौती है. तब से अब तक इनके दाम 14,152.5 रुपये प्रति किलोलीटर यानी 22 प्रतिशत कम हो चुके हैं.

विमानन कंपनी की कुल लागत में विमान ईंधन की लगभग 40 प्रतिशत हिस्सेदारी होती है. विमानन ईंधन के दाम देश में पहले ही पेट्रोल-डीजल से कम थे. अब यह बिना सब्सिडी वाले किरोसिन से भी सस्ता हो गया है. बिना सब्सिडी वाले किरोसिन की कीमत अभी 58,818.07 रुपये प्रति किलोलीटर है.

दिल्ली में पेट्रोल और डीजल के भाव लगातार सातवें दिन क्रमश: 69.59 रुपये और 62.29 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर रहे हैं. सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर 13 मार्च को उत्पाद शुल्क तीन रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिया था. एटीएफ की कीमत को 2002 में सरकारी नियमन से मुक्त कर दिया गया था.

उसके बाद तेल विपणन कंपनियां हर महीने की पहली और 16वीं तारीख को इनके दाम में बदलाव करने लगी थी. इसके बाद उन्होंने नवंबर 2012 में निर्णय लिया कि अब दाम में संशोधन हर महीने की पहली तारीख को किये जायेंगे.

हालांकि, कच्चा तेल की वैश्विक कीमतों में आयी बडी गिरावट का लाभ उपभोक्ताओं को देने के लिये उन्होंने पुन: पखवाड़े के आधार पर दाम में संशोधन करने का फैसला किया है. पेट्रोल, डीजल के दाम में भी अंतरराष्ट्रीय बाजार के दाम के अनुरूप हर दिन संशोधन किया जाता है. बहरहाल, इनके दाम 16 मार्च से अपरिवर्तित बने हुये हैं.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: देश में विमानन ईंधन के दाम में रविवार को 12 प्रतिशत की कटौती की गयी. हालांकि, पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार सातवें दिन स्थिर बने रहे. सरकार द्वारा इन ईधनों पर उत्पाद शुल्क बढ़ा दिये जाने की वजह से फिलहाल इनके दाम स्थिर बने हुये हैं.

तेल विपणन कंपनियों ने कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में आ रही गिरावट का लाभ उपभोक्ताओं को देने के लिये विमानन ईंधन के दाम में पखवाड़े के हिसाब से संशोधन करने की पुन: शुरुआत की है.

पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क की दर में हुई वृद्धि को समायोजित करने के कारण इनके दाम में कुछ दिनों से कमी नहीं हो पा रही है. तेल विपणन कंपनियों ने एक अधिसूचना में बताया कि विमानन ईंधन के दाम में 6,687.75 रुपये प्रति किलोलीटर यानी 11.76 प्रतिशत की कटौती की गयी है.

ये भी पढ़ें- आईओसी बीएस-6 ईंधन की आपूर्ति करने वाली देश की पहली कंपनी बनी

नयी कीमत 50,171.26 रुपये प्रति किलोलीटर है, जो सितंबर 2017 के बाद सबसे कम है. इस हिसाब से एटीएफ का दाम इस समय 50.17 रुपये प्रति लीटर पर आ गया है. इस साल फरवरी के बाद से यह विमानन ईंधन के दाम में लगातार तीसरी कटौती है. तब से अब तक इनके दाम 14,152.5 रुपये प्रति किलोलीटर यानी 22 प्रतिशत कम हो चुके हैं.

विमानन कंपनी की कुल लागत में विमान ईंधन की लगभग 40 प्रतिशत हिस्सेदारी होती है. विमानन ईंधन के दाम देश में पहले ही पेट्रोल-डीजल से कम थे. अब यह बिना सब्सिडी वाले किरोसिन से भी सस्ता हो गया है. बिना सब्सिडी वाले किरोसिन की कीमत अभी 58,818.07 रुपये प्रति किलोलीटर है.

दिल्ली में पेट्रोल और डीजल के भाव लगातार सातवें दिन क्रमश: 69.59 रुपये और 62.29 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर रहे हैं. सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर 13 मार्च को उत्पाद शुल्क तीन रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिया था. एटीएफ की कीमत को 2002 में सरकारी नियमन से मुक्त कर दिया गया था.

उसके बाद तेल विपणन कंपनियां हर महीने की पहली और 16वीं तारीख को इनके दाम में बदलाव करने लगी थी. इसके बाद उन्होंने नवंबर 2012 में निर्णय लिया कि अब दाम में संशोधन हर महीने की पहली तारीख को किये जायेंगे.

हालांकि, कच्चा तेल की वैश्विक कीमतों में आयी बडी गिरावट का लाभ उपभोक्ताओं को देने के लिये उन्होंने पुन: पखवाड़े के आधार पर दाम में संशोधन करने का फैसला किया है. पेट्रोल, डीजल के दाम में भी अंतरराष्ट्रीय बाजार के दाम के अनुरूप हर दिन संशोधन किया जाता है. बहरहाल, इनके दाम 16 मार्च से अपरिवर्तित बने हुये हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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