ETV Bharat / business

पेट्रोल के बाद अब डीजल की मांग भी कोविड-19 महामारी से पहले के स्तर पर लौटी - डीजल की मांग भी कोविड-19 महामारी से पहले के स्तर पर लौटी

डीजल भारत में सबसे अधिक खपत वाला ईंधन है. यह कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये देशभर में मार्च में लगाये गये लॉकडाउन के बाद डीजल की बिक्री में इस साल की पहली सालाना वृद्धि है. महामारी के बाद लोग निजी वाहनों को अधिक तरजीह देने लगे हैं. इस कारण पेट्रोल की मांग में डीजल की तुलना में बेहतर सुधार हुई है.

पेट्रोल के बाद अब डीजल की मांग भी कोविड-19 महामारी से पहले के स्तर पर लौटी
पेट्रोल के बाद अब डीजल की मांग भी कोविड-19 महामारी से पहले के स्तर पर लौटी
author img

By

Published : Oct 16, 2020, 5:35 PM IST

नई दिल्ली: इस साल अक्टूबर महीने के पूर्वार्द्ध में डीजल की मांग में 8.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है. इस तरह से पेट्रोल के बाद अब डीजल की मांग भी कोरोना वायरस महामारी से पहले के स्तर पर लौट आयी है. उद्योग जगत के आंकड़ों से इसका पता चला है.

डीजल भारत में सबसे अधिक खपत वाला ईंधन है. यह कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये देशभर में मार्च में लगाये गये लॉकडाउन के बाद डीजल की बिक्री में इस साल की पहली सालाना वृद्धि है. महामारी के बाद लोग निजी वाहनों को अधिक तरजीह देने लगे हैं. इस कारण पेट्रोल की मांग में डीजल की तुलना में बेहतर सुधार हुई है.

ये भी पढ़ें- आईसीआईसीआई बैंक की ऑनलाइन बैंकिंग सर्विस ठप, ट्विटर पर फूटा खाताधारकों का गुस्सा

एक अक्टूबर से 15 अक्टूबर के दौरान के आंकड़ों में अनुमान से बेहतर सुधार देखने को मिला है. पेट्रोल की मांग पिछले महीने कोरोना वायरस महामारी से पहले के स्तर पर आ गयी थी. अक्टूबर के पूर्वार्द्ध में पेट्रोल की बिक्री सालाना आधार पर 1.5 प्रतिशत बढ़कर 9,82,000 टन पर पहुंच गयी. यह बिक्री साल भर पहले की समान अवधि में 9,67,000 टन और सितंबर के पहले पखवाड़े में 9,68,000 टन थी.

भारत में 25 मार्च को लॉकडाउन लगाये जाने के बाद से मांग में अप्रत्याशित गिरावट देखने को मिली. अप्रैल महीने में ईंधन की मांग 49 प्रतिशत तक गिर गयी थी. इस दौरान विमानन ईंधन एटीएफ की मांग साल भर पहले की तुलना में 57 प्रतिशत नीचे 1,35,000 टन पर आ गयी.

हालांकि यह एक महीने पहले के 1,30,000 टन से 2.5 प्रतिशत अधिक है. इस दौरान रसोई गैस (एलपीजी) की बिक्री 11.6 लाख टन रही, जो साल भर पहले की तुलना में सात प्रतिशत और महीने भर पहले की तुलना में तीन प्रतिशत अधिक है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: इस साल अक्टूबर महीने के पूर्वार्द्ध में डीजल की मांग में 8.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है. इस तरह से पेट्रोल के बाद अब डीजल की मांग भी कोरोना वायरस महामारी से पहले के स्तर पर लौट आयी है. उद्योग जगत के आंकड़ों से इसका पता चला है.

डीजल भारत में सबसे अधिक खपत वाला ईंधन है. यह कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये देशभर में मार्च में लगाये गये लॉकडाउन के बाद डीजल की बिक्री में इस साल की पहली सालाना वृद्धि है. महामारी के बाद लोग निजी वाहनों को अधिक तरजीह देने लगे हैं. इस कारण पेट्रोल की मांग में डीजल की तुलना में बेहतर सुधार हुई है.

ये भी पढ़ें- आईसीआईसीआई बैंक की ऑनलाइन बैंकिंग सर्विस ठप, ट्विटर पर फूटा खाताधारकों का गुस्सा

एक अक्टूबर से 15 अक्टूबर के दौरान के आंकड़ों में अनुमान से बेहतर सुधार देखने को मिला है. पेट्रोल की मांग पिछले महीने कोरोना वायरस महामारी से पहले के स्तर पर आ गयी थी. अक्टूबर के पूर्वार्द्ध में पेट्रोल की बिक्री सालाना आधार पर 1.5 प्रतिशत बढ़कर 9,82,000 टन पर पहुंच गयी. यह बिक्री साल भर पहले की समान अवधि में 9,67,000 टन और सितंबर के पहले पखवाड़े में 9,68,000 टन थी.

भारत में 25 मार्च को लॉकडाउन लगाये जाने के बाद से मांग में अप्रत्याशित गिरावट देखने को मिली. अप्रैल महीने में ईंधन की मांग 49 प्रतिशत तक गिर गयी थी. इस दौरान विमानन ईंधन एटीएफ की मांग साल भर पहले की तुलना में 57 प्रतिशत नीचे 1,35,000 टन पर आ गयी.

हालांकि यह एक महीने पहले के 1,30,000 टन से 2.5 प्रतिशत अधिक है. इस दौरान रसोई गैस (एलपीजी) की बिक्री 11.6 लाख टन रही, जो साल भर पहले की तुलना में सात प्रतिशत और महीने भर पहले की तुलना में तीन प्रतिशत अधिक है.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.