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आईएल एंड एफएस संकट: डूब सकता है 15 लाख लोगों का पीएफ-पेंशन खाते में जमा पैसा

नई दिल्ली: चुनावी साल में देश के हजारों लोगों के पीएफ खाते पर संकट मंडरा रहा है. पीएफ और पेंशन फंड खाते का ज्यादातर पैसा कर्ज में डूबे आईएलएंडएफएस में निवेश किया गया है और कंपनी फिलहाल दिवालिया होने की कगार पर है.

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन.
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Published : Feb 18, 2019, 9:44 AM IST

Updated : Feb 18, 2019, 12:49 PM IST

वेतनभोगी कर्मचारी अपने भविष्य निधि संगठन के पास जमा अपने धन के बारे में चिंतित है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने पीएफ और पेंशन फंड खाते का अधिकतर पैसा आईएल एंड एफएस की सहायक कंपनियों में निवेश किया है. आईएल एंड एफएस समूह की कई कंपनियों के दिवालिया होने के कगार पर होने के चलते कर्मचारियों कि ओर से निवेश की गई रकम डूबने का खतरा मंडराने लगा है.

ये भी पढ़ें- सरकार का बीएसएनएल कर्मचारी संगठनों की मांग पर सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन

कर्मचारियों में घबराहट की भावना पैदा हो गई है. उन्होंने सामूहिक रूप से आईएल एंड एफएस बॉन्ड में हजारों करोड़ रुपये का निवेश किया है. कई लोग कहते हैं कि रिजॉल्यूशन फ्रेमवर्क सभी हितधारकों के हितों को संतुलित करना चाहिए. अन्य लोगों ने भुगतान अनुसूची वितरण प्रक्रिया की धारा 53 को भी चुनौती दी है क्योंकि यह सार्वजनिक और सामाजिक हित में नहीं है.

विभिन्न कंपनियों और अन्य संस्थाओं के कर्मचारियों ने आईएल एंड एफएस बॉन्ड में निवेश किया था. लेकिन अब बॉन्ड धारक आईएल एंड एफएस में चल रहे संकट में के कारण अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहें हैं. विभिन्न क्षेत्रों में 15 लाख वेतनभोगी कर्मचारी इस टिकिंग टाइम बम में फंस गए हैं. संख्या और बढ़ने की संभावना है. वेतनभोगी कर्मचारी हैं जो अब अपनी मेहनत से कमाई हुई कमाई का दावा कर रहे हैं.

बता दें कि आईएल एंड एफएस (इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियन सर्विसेस लिमिटेड) हजारों करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी हुई है. आईएल एंड एफएस अपने कर्जों की किस्त नहीं चुका पा रही है. जिसकी वजह से कई बड़े बैंक संकट में आ गए हैं. इसके साथ-साथ आम लोगों की कमाई भी दांव पर लगी है क्योंकि लोगों का प्रोविडेंट फंड और पेंशन में पैसा लगा है. आईएल एंड एफएस पर कुल 90,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. इसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी सरकारी कंपनियों की है.

(आईएएनएस)

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वेतनभोगी कर्मचारी अपने भविष्य निधि संगठन के पास जमा अपने धन के बारे में चिंतित है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने पीएफ और पेंशन फंड खाते का अधिकतर पैसा आईएल एंड एफएस की सहायक कंपनियों में निवेश किया है. आईएल एंड एफएस समूह की कई कंपनियों के दिवालिया होने के कगार पर होने के चलते कर्मचारियों कि ओर से निवेश की गई रकम डूबने का खतरा मंडराने लगा है.

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कर्मचारियों में घबराहट की भावना पैदा हो गई है. उन्होंने सामूहिक रूप से आईएल एंड एफएस बॉन्ड में हजारों करोड़ रुपये का निवेश किया है. कई लोग कहते हैं कि रिजॉल्यूशन फ्रेमवर्क सभी हितधारकों के हितों को संतुलित करना चाहिए. अन्य लोगों ने भुगतान अनुसूची वितरण प्रक्रिया की धारा 53 को भी चुनौती दी है क्योंकि यह सार्वजनिक और सामाजिक हित में नहीं है.

विभिन्न कंपनियों और अन्य संस्थाओं के कर्मचारियों ने आईएल एंड एफएस बॉन्ड में निवेश किया था. लेकिन अब बॉन्ड धारक आईएल एंड एफएस में चल रहे संकट में के कारण अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहें हैं. विभिन्न क्षेत्रों में 15 लाख वेतनभोगी कर्मचारी इस टिकिंग टाइम बम में फंस गए हैं. संख्या और बढ़ने की संभावना है. वेतनभोगी कर्मचारी हैं जो अब अपनी मेहनत से कमाई हुई कमाई का दावा कर रहे हैं.

बता दें कि आईएल एंड एफएस (इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियन सर्विसेस लिमिटेड) हजारों करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी हुई है. आईएल एंड एफएस अपने कर्जों की किस्त नहीं चुका पा रही है. जिसकी वजह से कई बड़े बैंक संकट में आ गए हैं. इसके साथ-साथ आम लोगों की कमाई भी दांव पर लगी है क्योंकि लोगों का प्रोविडेंट फंड और पेंशन में पैसा लगा है. आईएल एंड एफएस पर कुल 90,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. इसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी सरकारी कंपनियों की है.

(आईएएनएस)

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आईएल एंड एफएस संकट: डूब सकता है 15 लाख लोगों का पीएफ-पेंशन खाते में जमा पैसा

नई दिल्ली: चुनावी साल में देश के हजारों लोगों के पीएफ खाते पर संकट मंडरा रहा है. पीएफ और पेंशन फंड खाते का ज्यादातर पैसा कर्ज में डूबे आईएलएंडएफएस में निवेश किया गया है और कंपनी फिलहाल दिवालिया होने की कगार पर है.

वेतनभोगी कर्मचारी अपने भविष्य निधि संगठन के पास जमा अपने धन के बारे में चिंतित है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने पीएफ और पेंशन फंड खाते का अधिकतर पैसा आईएल एंड एफएस की सहायक कंपनियों में निवेश किया है. आईएल एंड एफएस समूह की कई कंपनियों के दिवालिया होने के कगार पर होने के चलते कर्मचारियों कि ओर से निवेश की गई रकम डूबने का खतरा मंडराने लगा है.

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कर्मचारियों में घबराहट की भावना पैदा हो गई है. उन्होंने सामूहिक रूप से आईएल एंड एफएस बॉन्ड में हजारों करोड़ रुपये का निवेश किया है. कई लोग कहते हैं कि रिजॉल्यूशन फ्रेमवर्क सभी हितधारकों के हितों को संतुलित करना चाहिए. अन्य लोगों ने भुगतान अनुसूची वितरण प्रक्रिया की धारा 53 को भी चुनौती दी है क्योंकि यह सार्वजनिक और सामाजिक हित में नहीं है.

विभिन्न कंपनियों और अन्य संस्थाओं के कर्मचारियों ने आईएल एंड एफएस बॉन्ड में निवेश किया था. लेकिन अब बॉन्ड धारक आईएल एंड एफएस में चल रहे संकट में के कारण अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहें हैं. विभिन्न क्षेत्रों में 15 लाख वेतनभोगी कर्मचारी इस टिकिंग टाइम बम में फंस गए हैं. संख्या और बढ़ने की संभावना है. वेतनभोगी कर्मचारी हैं जो अब अपनी मेहनत से कमाई हुई कमाई का दावा कर रहे हैं.

बता दें कि आईएल एंड एफएस (इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियन सर्विसेस लिमिटेड) हजारों करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी हुई है. आईएल एंड एफएस अपने कर्जों की किस्त नहीं चुका पा रही है. जिसकी वजह से कई बड़े बैंक संकट में आ गए हैं. इसके साथ-साथ आम लोगों की कमाई भी दांव पर लगी है क्योंकि लोगों का प्रोविडेंट फंड और पेंशन में पैसा लगा है. आईएल एंड एफएस पर कुल 90,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. इसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी सरकारी कंपनियों की है.

(आईएएनएस)


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Last Updated : Feb 18, 2019, 12:49 PM IST
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