नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकिंग क्षेत्र में मौजूदा संकट के लिए येस बैंक सहित पिछली यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. सीतारमण ने कहा कि येस बैंक ने डूबती कंपनियों जैसी की अनिल अंबानी ग्रुप, एस्सेल, डीएचएफएल, आईएल एंड एफएस और वोडाफोन को कर्ज दिया था.
उन्होंने डिपॉजिटर्स को भी आश्वस्त किया कि उनका पैसा पैसा सुरक्षित है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यकाल के दौरान बैंकिंग क्षेत्र में यह तीसरा बड़ा संकट है और येस बैंक अब तक का सबसे बड़ा बैंक है. जिसने बैंकिंग क्षेत्र के नियामक भारतीय रिजर्व बैंक से अपने परिचालन पर प्रतिबंधों का सामना किया है.
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बता दें कि सितंबर 2019 में आरबीआई ने अपने परिचालन में अनियमितता का पता चलने के बाद पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक से निकासी पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसने महाराष्ट्र राज्य में अपने जमाकर्ताओं के बीच व्यापक आतंक पैदा किया और परिणामस्वरूप कई जमाकर्ताओं की मृत्यु हो गई.
इस साल जनवरी में आरबीआई ने बेंगलुरु बैंक पर प्रतिबंध लगाया था. जिसने देश के बैंकिंग क्षेत्र में गहराते संकट का स्पष्ट संकेत का पता चलता है.
राजधानी नई दिल्ली में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में निर्मला सीतारमण ने कहा कि आरबीआई व्यक्तियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए बैंक के कामकाज की गहन जांच करेगा.
वित्त मंत्री ने कहा, "मैंने आरबीआई को पता लगाने और यह आकलन करने के लिए कहा है कि वास्तव में येस बैंक के लिए ये मुश्किलें क्यों आई."
निर्मला सीतारमण ने कहा कि तनावग्रस्त बैंकों से निपटने में प्रधानमंत्री मोदी की सरकार की रणनीति पिछली संप्रग सरकार द्वारा अपनाई गई रणनीति से काफी अलग है.
उन्होंने डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान ध्वस्त हुए तीन बैंकों के विलय के लिए पिछली यूपीए सरकार को दोषी ठहराया और कहा कि संकट पैदा करने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ पिछली सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की.
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान ग्लोबल ट्रस्ट बैंक (जीटीबी), यूनाइटेड वेस्टर्न बैंक (यूडब्ल्यूबी) और गणेश बैंक ऑफ कुरुंदवाड़ (जीबीके) के पतन के लिए जिम्मेदार उन व्यक्तियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए पिछली यूपीए सरकार को दोषी ठहराया.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि ग्राहकों के हितों की रक्षा हो और उनका पैसा सुरक्षित रहे."
वित्तमंत्री ने कहा कि आरबीआई एक महीने के भीतर येस बैंक के पुनर्गठन को पूरा करेगा.
(लेखक- कृष्णानन्द त्रिपाठी, वरिष्ठ पत्रकार)