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मई महीने में 3.21 प्रतिशत घटी थोक महंगाई, लेकिन खाने-पीने के सामान के भाव बढ़े

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सोमवार को जारी वक्तव्य के मुताबिक, "मासिक थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति की सालाना दर मई 2020 के दौरान 3.21 प्रतिशत (अस्थाई आंकड़ा) नकारात्मक रही जो कि एक साल पहले इसी माह के दौरान 2.79 प्रतिशत बढ़ी थी."

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Published : Jun 15, 2020, 2:44 PM IST

मई महीने में 3.21 प्रतिशत घटी थोक महंगाई, लेकिन खाने-पीने के सामान के भाव बढ़े
मई महीने में 3.21 प्रतिशत घटी थोक महंगाई, लेकिन खाने-पीने के सामान के भाव बढ़े

नई दिल्ली: थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति में मई माह के दौरान ईंधन और बिजली के दाम घटने से 3.21 प्रतिशत की गिरावट रही. हालांकि, इस दौरान खाद्य पदार्थों के दाम बढ़े हैं.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सोमवार को जारी वक्तव्य के मुताबिक, "मासिक थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति की सालाना दर मई 2020 के दौरान 3.21 प्रतिशत (अस्थाई आंकड़ा) नकारात्मक रही जो कि एक साल पहले इसी माह के दौरान 2.79 प्रतिशत बढ़ी थी."

ये भी पढ़ें- नए सुधार से कृषि क्षेत्र में आएगा विदेशी निवेश : विशेषज्ञ

मई माह के दौरान खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति 1.13 प्रतिशत रही. इससे एक महीना पहले अप्रैल में यह 2.55 प्रतिशत थी. वहीं ईंधन और बिजली समूह में मई के दौरान 19.83 प्रतिशत अवस्फीति रही जबकि एक महीना पहले अप्रैल में भी इसमें 10.12 प्रतिशत की गिरावट रही थी. वहीं विनिर्मित उत्पादों के मामले में भी मई माह के दौरान 0.42 प्रतिशत की गिरावट रही.

मुद्रास्फीति की विपरीत स्थिति को अवस्फीति कहते हैं. इसमें मुद्रा का मूलय बढ़ता है यानी कीमतें घटती हैं. उत्पादन तथा रोजगार घटने के साथ साथ कीमतें गिरतीं हैं.

देश में 25 मार्च 2020 से लॉकडाउन लागू कर दिये जाने से आंकड़ों के संकलन पर भी असर पड़ा है. वाणिज्य मंत्रालय ने तब अप्रैल माह के लिये थोक मूल्य सूचकांक के संकुचित आंकड़े जारी किये थे. माह के लिये केवल खाद्य पदार्थों, प्राथमिक वस्तुओं और ईंधन एवं बिजली समूह के ही आंकड़े जारी किये गये.

बहरहाल, मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मार्च की थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति का अंतिम आंकड़ा 0.42 प्रतिशत रहा जबकि इससे पहले 14 अप्रैल 2020 को इसका अस्थाई आंकड़ा एक प्रतिशत जारी किया गया था.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति में मई माह के दौरान ईंधन और बिजली के दाम घटने से 3.21 प्रतिशत की गिरावट रही. हालांकि, इस दौरान खाद्य पदार्थों के दाम बढ़े हैं.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सोमवार को जारी वक्तव्य के मुताबिक, "मासिक थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति की सालाना दर मई 2020 के दौरान 3.21 प्रतिशत (अस्थाई आंकड़ा) नकारात्मक रही जो कि एक साल पहले इसी माह के दौरान 2.79 प्रतिशत बढ़ी थी."

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मई माह के दौरान खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति 1.13 प्रतिशत रही. इससे एक महीना पहले अप्रैल में यह 2.55 प्रतिशत थी. वहीं ईंधन और बिजली समूह में मई के दौरान 19.83 प्रतिशत अवस्फीति रही जबकि एक महीना पहले अप्रैल में भी इसमें 10.12 प्रतिशत की गिरावट रही थी. वहीं विनिर्मित उत्पादों के मामले में भी मई माह के दौरान 0.42 प्रतिशत की गिरावट रही.

मुद्रास्फीति की विपरीत स्थिति को अवस्फीति कहते हैं. इसमें मुद्रा का मूलय बढ़ता है यानी कीमतें घटती हैं. उत्पादन तथा रोजगार घटने के साथ साथ कीमतें गिरतीं हैं.

देश में 25 मार्च 2020 से लॉकडाउन लागू कर दिये जाने से आंकड़ों के संकलन पर भी असर पड़ा है. वाणिज्य मंत्रालय ने तब अप्रैल माह के लिये थोक मूल्य सूचकांक के संकुचित आंकड़े जारी किये थे. माह के लिये केवल खाद्य पदार्थों, प्राथमिक वस्तुओं और ईंधन एवं बिजली समूह के ही आंकड़े जारी किये गये.

बहरहाल, मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मार्च की थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति का अंतिम आंकड़ा 0.42 प्रतिशत रहा जबकि इससे पहले 14 अप्रैल 2020 को इसका अस्थाई आंकड़ा एक प्रतिशत जारी किया गया था.

(पीटीआई-भाषा)

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