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पीएफआरडीए के तहत पेंशन कोष 6 लाख करोड़ रुपये से पार

पीएफआरडीए के अनुसार, एनपीएस और अटल पेंशन योजना के तहत ग्राहकों की कुल संख्या 21 मई तक 4.28 करोड़ ग्राहकों को पार कर गई है और प्रबंधन के तहत संपत्ति (एयूएम) बढ़कर 603,667 करोड़ रुपये हो गई है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता कृष्णानन्द त्रिपाठी का लेख.

पीएफआरडीए के तहत पेंशन कोष 6 लाख करोड़ रुपये से पार
पीएफआरडीए के तहत पेंशन कोष 6 लाख करोड़ रुपये से पार
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Published : May 26, 2021, 7:46 PM IST

Updated : May 26, 2021, 7:52 PM IST

नई दिल्ली : पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के प्रबंधन के तहत संपत्ति 6 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गई है. इसे राष्ट्रीय पेंशन योजना और अटल पेंशन योजना में ग्राहकों के विश्वास के स्पष्ट संकेत में देखा जा सकता है. नवीनतम सरकारी आंकड़ों में दिखता है कि इसमें से 1 लाख करोड़ रुपये पिछले सात महीनों में ही जोड़ी गई.

पीएफआरडीए के अनुसार, एनपीएस और अटल पेंशन योजना के तहत ग्राहकों की कुल संख्या 21 मई तक 4.28 करोड़ ग्राहकों को पार कर गई है और प्रबंधन के तहत संपत्ति (एयूएम) बढ़कर 603,667 करोड़ रुपये हो गई है.

एनपीएस योजना में गैर-सरकारी क्षेत्र से 74.10 लाख सरकारी कर्मचारी और 28.37 लाख व्यक्तिगत ग्राहक हैं.

पीएफआरडीए द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 21 मई, 2021 तक 11.53 लाख ग्राहकों के साथ 8,791 कॉर्पोरेट नामांकन थे, जबकि अटल पेंशन योजना के तहत 2.82 करोड़ ग्राहक नामांकित हैं.

केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए 2004 में राष्ट्रीय पेंशन योजना शुरू की थी, यह योजना 2009 में 18 से 65 आयु वर्ग के पात्र ग्राहकों के लिए खोली गई थी.

एनपीएस मॉडल को बाद में लगभग सभी राज्य सरकारों ने अपनाया क्योंकि केंद्र और राज्यों दोनों ने सरकारी कर्मचारियों के लिए परिभाषित पेंशन लाभ वापस ले लिए और एनपीएस में नामांकन को प्रोत्साहित किया.

ये भी पढ़ें : एएससीआई ने अमूल के विज्ञापन के खिलाफ दायर तीन शिकायतों को खारिज किया

अटल पेंशन योजना 2015 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद ग्राहकों को प्रति माह 5,000 रुपये की अधिकतम पेंशन प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी.

पीएफआरडीए के अध्यक्ष सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने कहा, 'हम सात महीनों से भी कम समय में ₹6 ट्रिलियन एयूएम के इस मील के पत्थर तक पहुंचने पर बेहद खुश हैं, क्योंकि अक्टूबर 2020 में हम ₹5 ट्रिलियन थे.'

बंद्योपाध्याय ने कहा कि इस उपलब्धि से पता चलता है कि प्राधिकरण द्वारा प्रबंधित योजनाओं में ग्राहकों का विश्वास था.

उन्होंने कहा, 'इस महामारी के दौरान बढ़ती जागरूकता व्यक्तियों द्वारा सेवानिवृत्ति योजना को प्राथमिकता दी जाती है, ताकि उनकी वित्तीय भलाई को बनाए रखा जा सके.'

नई दिल्ली : पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के प्रबंधन के तहत संपत्ति 6 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गई है. इसे राष्ट्रीय पेंशन योजना और अटल पेंशन योजना में ग्राहकों के विश्वास के स्पष्ट संकेत में देखा जा सकता है. नवीनतम सरकारी आंकड़ों में दिखता है कि इसमें से 1 लाख करोड़ रुपये पिछले सात महीनों में ही जोड़ी गई.

पीएफआरडीए के अनुसार, एनपीएस और अटल पेंशन योजना के तहत ग्राहकों की कुल संख्या 21 मई तक 4.28 करोड़ ग्राहकों को पार कर गई है और प्रबंधन के तहत संपत्ति (एयूएम) बढ़कर 603,667 करोड़ रुपये हो गई है.

एनपीएस योजना में गैर-सरकारी क्षेत्र से 74.10 लाख सरकारी कर्मचारी और 28.37 लाख व्यक्तिगत ग्राहक हैं.

पीएफआरडीए द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 21 मई, 2021 तक 11.53 लाख ग्राहकों के साथ 8,791 कॉर्पोरेट नामांकन थे, जबकि अटल पेंशन योजना के तहत 2.82 करोड़ ग्राहक नामांकित हैं.

केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए 2004 में राष्ट्रीय पेंशन योजना शुरू की थी, यह योजना 2009 में 18 से 65 आयु वर्ग के पात्र ग्राहकों के लिए खोली गई थी.

एनपीएस मॉडल को बाद में लगभग सभी राज्य सरकारों ने अपनाया क्योंकि केंद्र और राज्यों दोनों ने सरकारी कर्मचारियों के लिए परिभाषित पेंशन लाभ वापस ले लिए और एनपीएस में नामांकन को प्रोत्साहित किया.

ये भी पढ़ें : एएससीआई ने अमूल के विज्ञापन के खिलाफ दायर तीन शिकायतों को खारिज किया

अटल पेंशन योजना 2015 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद ग्राहकों को प्रति माह 5,000 रुपये की अधिकतम पेंशन प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी.

पीएफआरडीए के अध्यक्ष सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने कहा, 'हम सात महीनों से भी कम समय में ₹6 ट्रिलियन एयूएम के इस मील के पत्थर तक पहुंचने पर बेहद खुश हैं, क्योंकि अक्टूबर 2020 में हम ₹5 ट्रिलियन थे.'

बंद्योपाध्याय ने कहा कि इस उपलब्धि से पता चलता है कि प्राधिकरण द्वारा प्रबंधित योजनाओं में ग्राहकों का विश्वास था.

उन्होंने कहा, 'इस महामारी के दौरान बढ़ती जागरूकता व्यक्तियों द्वारा सेवानिवृत्ति योजना को प्राथमिकता दी जाती है, ताकि उनकी वित्तीय भलाई को बनाए रखा जा सके.'

Last Updated : May 26, 2021, 7:52 PM IST
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