नई दिल्ली: आयकर विभाग ने विवाद से विश्वास योजना का लाभ उठाने के संबंध में कुछ और स्पष्टीकरण जारी किये हैं. विभाग ने बुधवार को कहा है कि ऐसी इकाइयां भी योजना का लाभ उठा सकती है जिन्हें नोटिस जारी हो चुका है लेकिन उनके खिलाफ अभियोजन की शुरुआत नहीं हुई है. ऐसी इकाइयां भी प्रत्यक्ष कर क्षेत्र के पुराने विवादों को निपटाने के लिये लाई गई 'विवाद से विश्वास' योजना का लाभ उठा सकती हैं.
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इससे पहले चार मार्च को इस योजना के बारे में आमतौर पर पूछे जाने वाले सवालों के विस्तृत जवाब जारी किये थे. विभाग ने इसके बाद बुधवार को एक सवाल के जवाब में सुधार लाते हुये कुछ और स्पष्टीकरण जारी किये हैं. यह सवाल प्रत्यक्ष कर में अभियोजन मामलों से जुड़ा है. इस सवाल के जवाब में सीबीडीटी ने कानून की सही मंशा को जाहिर किया है.
सीबीडीटी ने कहा है, "यह स्पष्ट किया जाता है कि जहां अभियोजन शुरू करने के लिये नोटिस जारी किया गया है लेकिन अभियोजन शुरू नहीं हुआ है, ऐसे करदाता भी विवाद से विश्वास योजना के तहत घोषणा कर सकते हैं."
सीबीडीटी ने कहा है कि ऐसे मामले जहां किसी आकलन वर्ष के लिये अभियोजन की शुरुआत हो चुकी है वहां इस योजना के तहत कोई भी घोषणा करने से पहले अभियोजन का निपटारा होना जरूरी है. सीबीडीटी ने चार मार्च को जारी एफएक्यू (बार-बार पूछे जाने वाले सवाल) में कहा था कि जहां बकाया कर के संदर्भ के साथ अभियोजन की शुरुआत के लिये नोटिस जारी किया जा चुका है, वैसे मामलों में करदाताओं के समक्ष यह विकल्प है कि वह अपने अपराध के लिये जुर्माना आदि देकर सुलह कर लें और फिर विवाद से विश्वास योजना को अपना लें.
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हालांकि, जिन मामलों में अभियोजन शुरू हो चुका है और मामला अदालत में लंबित है उन मामलों को योजना के तहत नहीं लाया जा सकेगा. नांगिया एंडरसेन एलएलपी के निदेशक संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि यह पिछले परिपत्र के मुकाबले काफी बदला हुआ है.
झुनझुनवाला ने कहा, "कई ऐसे मामले हैं जहां अभियोजन प्रक्रिया शुरू करने के लिये नोटिस जारी किये जा चुके हैं ऐसे मामलों को अब विवाद से विश्वास योजना का सहारा मिल जायेगा. वहीं दूसरी तरफ अभियोजन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है उनके लिये मामले में समझौता अथवा सुलह सफाई का रास्ता खुला हुआ है."
(पीटीआई-भाषा)