वाशिंगटन: अमेरिका ने यूरोपीय संघ से आयात किए जाने वाले 7.5 अरब डॉलर के सामान पर शु्क्रवार को लगा दिया. अमेरिका ने यह शुल्क प्रतिक्रिया में अमेरिकी सामान पर शुल्क लगाए जाने की चेतावनी के बावजूद लगाया है. यह शुल्क एयरबस, फ्रांस की वाइन और स्कॉटलैंड की व्हिस्की को लक्ष्य करके लगाया है.
यूरोपीय संघ के अधिकारियों और अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधियों के बीच अंत समय में बातचीत विफल होने के बाद यह शुल्क मध्य रात्रि से प्रभावी हो गया है.
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विश्व व्यापार संगठन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के यूरोपीय संघ पर शुल्क लगाने के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था के अस्थिर होने का जोखिम और बढ़ जाएगा. अमेरिका पहले से चीन के साथ व्यापार युद्ध में उलझा हुआ है.
नए शुल्क लगाए जाने के बाद ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और स्पेन द्वारा मिलकर बनायी गयी एयरबस के विमान अमेरिका में 10 प्रतिशत महंगे हो जाएंगे.
ट्रंप हाल के महीनों में फ्रांस, स्पेन और जर्मनी से आने वाली वाइन को लेकर लगातार हमला करते रहे हैं. अब अमेरिका में इसका आयात 25 प्रतिशत महंगा हो जाएगा.
इन शुल्कों के प्रभावी होने से पहले फ्रांस के वित्त मंत्री ब्रुनो ला माइरे ने वाशिंगटन में चेतावनी दी कि इसके गंभीर परिणाम होंगे.
अमेरिका के वित्त मंत्री स्टीवन म्यूचिन के साथ बातचीत के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि यूरोपीय संघ विश्व व्यापार संगठन के ढांचे के दायरे में इसका प्रतिकार करने के लिए तैयार है.
वह यहां अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की वार्षिक बैठक से इतर बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि इस निर्णय का आर्थिक और राजनीतिक दोनों दृष्टिकोण से गंभीर असर होगा.
शुक्रवार को उनकी अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटाइजर के साथ बैठक होना बाकी है.
क्या है पूरा मामला
अमेरिका ने यूरोपीय इस्पात एवं एल्युमिनीयम उत्पादों पर शुल्क लगा दिया था. जिसके बाद यूरोपीय संघ ने इसके प्रत्युत्तर में 2.8 अरब यूरो यानी 3.3 अरब डॉलर के अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क लगाया है और अब अमेरिका ने यूरोपीय संघ से आयात किए जाने वाले 7.5 अरब डॉलर के सामान पर शु्क्रवार को लगा दिया.