नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने आवर्ती भुगतानों के लिये बुधवार को यूपीआई स्वत: भुगतान सुविधा की शुरुआत की.
एनपीसीआई ने एक बयान में कहा कि यूपीआई 2.0 के तहत इस नयी सुविधा की शुरुआत की गयी है. इसके तहत उपभोक्ता मोबाइल बिल, बिजली बिल, ईएमआई भुगतान, एंटरटेनमेंट / ओटीटी सब्सक्रिप्शन, बीमा, म्यूचुअल फंड, कर्ज भुगतान, आवागमन अथवा मेट्रो का भुगतान जैसे आवर्ती भुगतान किसी भी यूपीआई ऐप के जरिये कर सकेंगे.
एनपीसीआई ने कहा कि इस नयी सुविधा के तहत दो हजार रुपये तक के भुगतान के लिये पिन की जरूरत नहीं होगी, लेकिन इससे ऊपर की राशि के भुगतान के लिये हर बार पिन की आवश्यकता होगी.
एनपीसीआई ने कहा कि हरेक यूपीआई ऐप में अब एक मैंडेट खंड होगा, जहां जाकर उपभोक्ता किसी आवर्ती भुगतान की मंजूरी दे सकेंगे या उसे रोकने समेत अन्य बदलाव कर सकेंगे.
आवर्ती भुगतान एकल, दैनिक, साप्ताहिक, अर्द्धमासिक, मासिक, द्वैमासिक, तिमाही, अर्द्धवार्षिक, वार्षिक आदि जैसे अंतराल के आधार पर करने की सुविधा दी जायेगी. निगम ने कहा कि इससे उपभोक्ता और व्यवसायी दोनों को फायदा होगा.
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कुछ बैंक, व्यापारी और एग्रीगेटर जो पहले ही यूपीआई ऑटोपे के साथ लाइव हो चुके हैं, वे हैं एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, एचडीएफसी बैंक, एचएसबीसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक, पेटीएम पेमेंट्स बैंक, ऑटोपे-दिल्ली मेट्रो, ऑटोपे- डिश टीवी, पॉलिसी बाजार, द हिंदू, टाइम्स प्राइम, पेटीएम, पेयू, रेजरपे.
जियो पेमेंट्स बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, और येस बैंक जल्द ही यूपीआई ऑटोपे के साथ लाइव होंगे.
भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा, "हमारा मानना है कि इस अनूठी सुविधा से ग्राहकों को अपने आवर्ती बिल भुगतान को सुव्यवस्थित करने और बार-बार वैसे बिलों के भुगतान से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी."
(पीटीआई)