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लॉकडाउन में छूट के बावजूद बेरोजगारी दर 24 फीसदी रही - बेरोजगारी दर

कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण भारत में रोजगार में जबरदस्त कमी आई है. रिपोर्ट के अनुसार लगातार उच्च बेरोजगारी दर बताती है कि काम करने के लिए तैयार लोगों को काम नहीं मिल रहा है. आंकड़ों से पता चलता है कि 17 मई को खत्म हुए हफ्ते में ग्रामीण भारत में 23 प्रतिशत की तुलना में शहरी भारत में बेरोजगारी दर 27 प्रतिशत रही.

लॉकडाउन में छूट के बावजूद बेरोजगारी दर 24 फीसदी रही
लॉकडाउन में छूट के बावजूद बेरोजगारी दर 24 फीसदी रही
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Published : May 21, 2020, 10:36 AM IST

Updated : May 21, 2020, 11:10 AM IST

नई दिल्ली: देशभर में लॉकडाउन में छूट के बावजूद भारत में बेरोजगारी दर बढ़ती ही जा रही है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआई) ताजा आंकड़ों के अनुसार 17 मई को खत्म हफ्ते में बेरोजगारी की दर 24 फीसदी रही है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 17 मई को समाप्त सप्ताह के लिए बेरोजगारी दर 24.01 प्रतिशत थी, जबकि एक सप्ताह पहले ये 23.97 प्रतिशत थी. यानी कि 20 अप्रैल से लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बावजूद बेरोजगारी दर पर खास असर नहीं पड़ा है.

लॉकडाउन में छूट के बावजूद बेरोजगारी दर 24 फीसदी रही
लॉकडाउन में छूट के बावजूद बेरोजगारी दर 24 फीसदी रही

ये भी पढ़ें- सीतारमण ने कहा, उद्योग जगत को श्रमिकों के साथ नए ढंग से संबंध बनाने की जरूरत

हालाँकि धीरे-धीरे उद्योग खुलने के साथ श्रम भागीदारी दर में इजाफा हुआ है. 26 अप्रैल को समाप्त सप्ताह के लिए श्रम भागीदारी दर 35.4 प्रतिशत थी, जो 17 मई के हफ्ते में बढ़कर 38.8 फीसदी तक पहुंच गई है.

कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण भारत में रोजगार में जबरदस्त कमी आई है. रिपोर्ट के अनुसार लगातार उच्च बेरोजगारी दर बताती है कि काम करने के लिए तैयार लोगों को काम नहीं मिल रहा है. आंकड़ों से पता चलता है कि 17 मई को खत्म हुए हफ्ते में ग्रामीण भारत में 23 प्रतिशत की तुलना में शहरी भारत में बेरोजगारी दर 27 प्रतिशत रही. जबकि श्रम भागीदारी ग्रामीण क्षेत्रों में 41 प्रतिशत और शहरी इलाकों में 34 प्रतिशत रही.

सीएमआईई के अनुसार लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था को फिर से शुरू करना इसलिए एक बड़ी चुनौती होगी क्योंकि सरकार ने जो आर्थिक पैकेज घोषित किया है उसके एक बड़े हिस्से में एमएसएमई और स्ट्रीट हॉकरों को आसान लोन मिलेगा, मगर इससे कोई बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है.

नई दिल्ली: देशभर में लॉकडाउन में छूट के बावजूद भारत में बेरोजगारी दर बढ़ती ही जा रही है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआई) ताजा आंकड़ों के अनुसार 17 मई को खत्म हफ्ते में बेरोजगारी की दर 24 फीसदी रही है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 17 मई को समाप्त सप्ताह के लिए बेरोजगारी दर 24.01 प्रतिशत थी, जबकि एक सप्ताह पहले ये 23.97 प्रतिशत थी. यानी कि 20 अप्रैल से लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बावजूद बेरोजगारी दर पर खास असर नहीं पड़ा है.

लॉकडाउन में छूट के बावजूद बेरोजगारी दर 24 फीसदी रही
लॉकडाउन में छूट के बावजूद बेरोजगारी दर 24 फीसदी रही

ये भी पढ़ें- सीतारमण ने कहा, उद्योग जगत को श्रमिकों के साथ नए ढंग से संबंध बनाने की जरूरत

हालाँकि धीरे-धीरे उद्योग खुलने के साथ श्रम भागीदारी दर में इजाफा हुआ है. 26 अप्रैल को समाप्त सप्ताह के लिए श्रम भागीदारी दर 35.4 प्रतिशत थी, जो 17 मई के हफ्ते में बढ़कर 38.8 फीसदी तक पहुंच गई है.

कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण भारत में रोजगार में जबरदस्त कमी आई है. रिपोर्ट के अनुसार लगातार उच्च बेरोजगारी दर बताती है कि काम करने के लिए तैयार लोगों को काम नहीं मिल रहा है. आंकड़ों से पता चलता है कि 17 मई को खत्म हुए हफ्ते में ग्रामीण भारत में 23 प्रतिशत की तुलना में शहरी भारत में बेरोजगारी दर 27 प्रतिशत रही. जबकि श्रम भागीदारी ग्रामीण क्षेत्रों में 41 प्रतिशत और शहरी इलाकों में 34 प्रतिशत रही.

सीएमआईई के अनुसार लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था को फिर से शुरू करना इसलिए एक बड़ी चुनौती होगी क्योंकि सरकार ने जो आर्थिक पैकेज घोषित किया है उसके एक बड़े हिस्से में एमएसएमई और स्ट्रीट हॉकरों को आसान लोन मिलेगा, मगर इससे कोई बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है.

Last Updated : May 21, 2020, 11:10 AM IST
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