हैदराबाद: तेलंगाना पर 2017-18 के अंत में कुल लोक ऋण 1.43 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. यह 2016-17 के मुकाबले 18 प्रतिशत अधिक है. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रपट में यह बात सामने आयी है. रिपोर्ट को रविवार को राज्य विधानसभा पटल पर रखा गया.
कैग ने राज्य की आय के मुकाबले ब्याज के ऊंचे भुगतान पर चिंता जतायी है. 14वें वित्त आयोग ने इस भुगतान के लिए 8.31 प्रतिशत का लक्ष्य रखा था जबकि राज्य का भुगतान इस मद में 12.19 प्रतिशत रहा है.
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रिपोर्ट के अनुसार 2017-18 के अंत तक राज्य पर 1,42,918 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है. यह 2016-17 के मुकाबले 18 प्रतिशत अधिक है जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) की वृद्धि दर से भी ऊंची है.
कैग ने कहा कि कर राजस्व के मुकाबले कर्ज भुगतान का अनुपात बढ़ा है. 2015-16 में यह छह प्रतिशत था जो 2017-18 में बढ़कर 8.05 प्रतिशत हो गया.
रिपोर्ट के अनुसार कुल बकाया कर्ज का 48 प्रतिशत यानी 65,740 करोड़ रुपये की परिपक्वता अवधि मार्च 2018 में पूरी हो गयी है और सरकार को यह कर्ज अगले सात साल में चुकाना है.
तेलंगाना पर 2017-18 के अंत तक 1.43 लाख करोड़ रुपये का कर्ज: कैग - तेलंगाना पर 2017-18 के अंत तक 1.43 लाख करोड़ रुपये का सार्वजनिक ऋण
रिपोर्ट के अनुसार 2017-18 के अंत तक राज्य पर 1,42,918 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है. यह 2016-17 के मुकाबले 18 प्रतिशत अधिक है जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) की वृद्धि दर से भी ऊंची है.
हैदराबाद: तेलंगाना पर 2017-18 के अंत में कुल लोक ऋण 1.43 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. यह 2016-17 के मुकाबले 18 प्रतिशत अधिक है. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रपट में यह बात सामने आयी है. रिपोर्ट को रविवार को राज्य विधानसभा पटल पर रखा गया.
कैग ने राज्य की आय के मुकाबले ब्याज के ऊंचे भुगतान पर चिंता जतायी है. 14वें वित्त आयोग ने इस भुगतान के लिए 8.31 प्रतिशत का लक्ष्य रखा था जबकि राज्य का भुगतान इस मद में 12.19 प्रतिशत रहा है.
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रिपोर्ट के अनुसार 2017-18 के अंत तक राज्य पर 1,42,918 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है. यह 2016-17 के मुकाबले 18 प्रतिशत अधिक है जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) की वृद्धि दर से भी ऊंची है.
कैग ने कहा कि कर राजस्व के मुकाबले कर्ज भुगतान का अनुपात बढ़ा है. 2015-16 में यह छह प्रतिशत था जो 2017-18 में बढ़कर 8.05 प्रतिशत हो गया.
रिपोर्ट के अनुसार कुल बकाया कर्ज का 48 प्रतिशत यानी 65,740 करोड़ रुपये की परिपक्वता अवधि मार्च 2018 में पूरी हो गयी है और सरकार को यह कर्ज अगले सात साल में चुकाना है.
तेलंगाना पर 2017-18 के अंत तक 1.43 लाख करोड़ रुपये का सार्वजनिक ऋण: कैग
हैदराबाद: तेलंगाना पर 2017-18 के अंत में कुल लोक ऋण 1.43 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. यह 2016-17 के मुकाबले 18 प्रतिशत अधिक है. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रपट में यह बात सामने आयी है. रिपोर्ट को रविवार को राज्य विधानसभा पटल पर रखा गया.
कैग ने राज्य की आय के मुकाबले ब्याज के ऊंचे भुगतान पर चिंता जतायी है. 14वें वित्त आयोग ने इस भुगतान के लिए 8.31 प्रतिशत का लक्ष्य रखा था जबकि राज्य का भुगतान इस मद में 12.19 प्रतिशत रहा है.
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रपट के अनुसार 2017-18 के अंत तक राज्य पर 1,42,918 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है. यह 2016-17 के मुकाबले 18 प्रतिशत अधिक है जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) की वृद्धि दर से भी ऊंची है.
कैग ने कहा कि कर राजस्व के मुकाबले कर्ज भुगतान का अनुपात बढ़ा है. 2015-16 में यह छह प्रतिशत था जो 2017-18 में बढ़कर 8.05 प्रतिशत हो गया.
रपट के अनुसार कुल बकाया कर्ज का 48 प्रतिशत यानी 65,740 करोड़ रुपये की परिपक्वता अवधि मार्च 2018 में पूरी हो गयी है और सरकार को यह कर्ज अगले सात साल में चुकाना है.
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