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वित्त मंत्री ने दिए संकेत- अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए उठाए जा सकते हैं महत्वपूर्ण कदम

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Published : Nov 30, 2019, 8:00 PM IST

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोशल मीडिया पर भी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और कहा कि सरकार ने देश के संरचनात्मक सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए.

वित्त मंत्री ने दिए संकेत- अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए उठाए जा सकते महत्वपूर्ण कदम
वित्त मंत्री ने दिए संकेत- अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए उठाए जा सकते महत्वपूर्ण कदम

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि पिछले कुछ महीनों में संरचनात्मक सुधारों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं और अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने वाले प्रतिक्रियाएं जारी रहेंगे. यदि आवश्यक हो तो और राहत के संकेत मिल सकते हैं. वित्तमंत्री का यह बयान जीडीपी आंकड़ों के एक दिन बाद आया.

दिलचस्प बात यह है कि पीएम ने सरकार के ज्यादातर आर्थिक कदमों को भी गिनाया, जिसमें कहा गया है कि भारत 2014 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है.

पांच ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य मौजूदा सरकार के छह महीनों में अंतिम दो तिमाही में निराशाजनक वृद्धि के बाद भारी चर्चा के दायरे में आया है.

ये भी पढ़ें- वाहनों के लिए फास्टैग अनिवार्य करने की तिथि 15 दिसंबर तक बढ़ायी गयी

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री सी रंगराजन ने कहा है कि मौजूदा विकास दर पर 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य हासिल करना बहुत मुश्किल है.

जहां पहली तिमाही की वृद्धि 6 साल के निचले स्तर 5 प्रतिशत तक फिसल गई, वहीं दूसरी तिमाही की वृद्धि अब और घटकर 4.5 प्रतिशत हो गई है. यहां तक ​​कि आरबीआई ने अपनी अक्टूबर की समीक्षा में दो साल में अपने पूरे साल के पूर्वानुमान को कम करके 6.1 प्रतिशत कर दिया है.

बता दें कि सीतारमण ने मौजूदा कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट कर की दर को 30 प्रतिशत से 22 प्रतिशत और नई विनिर्माण कंपनियों के लिए 25 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया. एक अधिभार और उपकर सहित मौजूदा कंपनियों के लिए प्रभावी कर की दर अब 35 प्रतिशत से घटकर 25.17 प्रतिशत पर आ जाएगी. जिसमें 1.45 लाख करोड़ रुपये का खर्च शामिल है.

इसके आलावे वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोशल मीडिया पर भी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और कहा कि सरकार ने देश के संरचनात्मक सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए.

सरकार ने पहले 6 माह में सुधार की अभूतपूर्व गति बनाई: प्रधानमंत्री
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार ने अपने कार्यकाल के छह माह पूरे कर लिए हैं, इस दौरान भारत 'अभूतपूर्व सुधार की गति' का गवाह बना है.
उन्होंने ध्यान दिलाते हुए कहा कि उनकी सरकार ने औद्योगिक संबंध संहिता को समाप्त कर दिया है, कॉरपोरेट टैक्स दर को कम करके 22 प्रतिशत और नए घरेलू विनिर्माण कंपनियों के लिए 15 प्रतिशत कर दिया.
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने बैंकिंग सेक्टर की हालत सुधारने के लिए बैंकों के विलय की घोषणा की और बैंकों को 2019-20 के लिए 70,000 करोड़ रुपये की राशि दी.
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने सभी किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) का लाभ दिया.

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि पिछले कुछ महीनों में संरचनात्मक सुधारों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं और अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने वाले प्रतिक्रियाएं जारी रहेंगे. यदि आवश्यक हो तो और राहत के संकेत मिल सकते हैं. वित्तमंत्री का यह बयान जीडीपी आंकड़ों के एक दिन बाद आया.

दिलचस्प बात यह है कि पीएम ने सरकार के ज्यादातर आर्थिक कदमों को भी गिनाया, जिसमें कहा गया है कि भारत 2014 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है.

पांच ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य मौजूदा सरकार के छह महीनों में अंतिम दो तिमाही में निराशाजनक वृद्धि के बाद भारी चर्चा के दायरे में आया है.

ये भी पढ़ें- वाहनों के लिए फास्टैग अनिवार्य करने की तिथि 15 दिसंबर तक बढ़ायी गयी

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री सी रंगराजन ने कहा है कि मौजूदा विकास दर पर 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य हासिल करना बहुत मुश्किल है.

जहां पहली तिमाही की वृद्धि 6 साल के निचले स्तर 5 प्रतिशत तक फिसल गई, वहीं दूसरी तिमाही की वृद्धि अब और घटकर 4.5 प्रतिशत हो गई है. यहां तक ​​कि आरबीआई ने अपनी अक्टूबर की समीक्षा में दो साल में अपने पूरे साल के पूर्वानुमान को कम करके 6.1 प्रतिशत कर दिया है.

बता दें कि सीतारमण ने मौजूदा कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट कर की दर को 30 प्रतिशत से 22 प्रतिशत और नई विनिर्माण कंपनियों के लिए 25 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया. एक अधिभार और उपकर सहित मौजूदा कंपनियों के लिए प्रभावी कर की दर अब 35 प्रतिशत से घटकर 25.17 प्रतिशत पर आ जाएगी. जिसमें 1.45 लाख करोड़ रुपये का खर्च शामिल है.

इसके आलावे वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोशल मीडिया पर भी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और कहा कि सरकार ने देश के संरचनात्मक सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए.

सरकार ने पहले 6 माह में सुधार की अभूतपूर्व गति बनाई: प्रधानमंत्री
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार ने अपने कार्यकाल के छह माह पूरे कर लिए हैं, इस दौरान भारत 'अभूतपूर्व सुधार की गति' का गवाह बना है.
उन्होंने ध्यान दिलाते हुए कहा कि उनकी सरकार ने औद्योगिक संबंध संहिता को समाप्त कर दिया है, कॉरपोरेट टैक्स दर को कम करके 22 प्रतिशत और नए घरेलू विनिर्माण कंपनियों के लिए 15 प्रतिशत कर दिया.
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने बैंकिंग सेक्टर की हालत सुधारने के लिए बैंकों के विलय की घोषणा की और बैंकों को 2019-20 के लिए 70,000 करोड़ रुपये की राशि दी.
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने सभी किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) का लाभ दिया.

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वित्त मंत्री ने दिए संकेत- अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए उठाए जा सकते महत्वपूर्ण कदम

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि पिछले कुछ महीनों में संरचनात्मक सुधारों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं और अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने वाले प्रतिक्रियाएं जारी रहेंगे. यदि आवश्यक हो तो और राहत के संकेत मिल सकते हैं. वित्तमंत्री का यह बयान जीडीपी आंकड़ों के एक दिन बाद आया. 

दिलचस्प बात यह है कि पीएम ने सरकार के ज्यादातर आर्थिक कदमों को भी गिनाया, जिसमें कहा गया है कि भारत 2014 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है.

पांच ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य मौजूदा सरकार के छह महीनों में अंतिम दो तिमाही में निराशाजनक वृद्धि के बाद भारी चर्चा के दायरे में आया है. 

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री सी रंगराजन ने कहा है कि मौजूदा विकास दर पर 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य हासिल करना बहुत मुश्किल है. 

जहां पहली तिमाही की वृद्धि 6 साल के निचले स्तर 5 प्रतिशत तक फिसल गई, वहीं दूसरी तिमाही की वृद्धि अब और घटकर 4.5 प्रतिशत हो गई है. यहां तक ​​कि आरबीआई ने अपनी अक्टूबर की समीक्षा में दो साल में अपने पूरे साल के पूर्वानुमान को कम करके 6.1 प्रतिशत कर दिया है.

बता दें कि सीतारमण ने मौजूदा कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट कर की दर को 30 प्रतिशत से 22 प्रतिशत और नई विनिर्माण कंपनियों के लिए 25 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया. एक अधिभार और उपकर सहित मौजूदा कंपनियों के लिए प्रभावी कर की दर अब 35 प्रतिशत से घटकर 25.17 प्रतिशत पर आ जाएगी. जिसमें 1.45 लाख करोड़ रुपये का खर्च शामिल है.

इसके आलावे वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने भी सोशल मीडिया पर भी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और कहा कि सरकार ने देश के संरचनात्मक सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए.



सरकार ने पहले 6 माह में सुधार की अभूतपूर्व गति बनाई: प्रधानमंत्री

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार ने अपने कार्यकाल के छह माह पूरे कर लिए हैं, इस दौरान भारत 'अभूतपूर्व सुधार की गति' का गवाह बना है.

उन्होंने ध्यान दिलाते हुए कहा कि उनकी सरकार ने औद्योगिक संबंध संहिता को समाप्त कर दिया है, कॉरपोरेट टैक्स दर को कम करके 22 प्रतिशत और नए घरेलू विनिर्माण कंपनियों के लिए 15 प्रतिशत कर दिया.

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने बैंकिंग सेक्टर की हालत सुधारने के लिए बैंकों के विलय की घोषणा की और बैंकों को 2019-20 के लिए 70,000 करोड़ रुपये की राशि दी.

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने सभी किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) का लाभ दिया.


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